इंदौर BJP के मंडल अध्यक्ष के लिए हुई रायशुमारी, विधायक लॉबिंग में जुटे

मध्‍य प्रदेश के इंदौर में मंडल अध्यक्ष को लेकर खींचतान मची हुई है। दावेदार खुद इसमें जुटे हुए हैं तो सबसे ज्यादा चिंता विधायकों को है, हर विधायक चाहता है कि उसकी विधानसभा में अध्यक्ष उसकी पसंद का हो न कि संगठन का...

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Sanjay gupta
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मंडल अध्यक्ष
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इंदौर बीजेपी में संगठन की चलेगी या फिर विधायकों की। इसी बात की कश्मकश पार्टी अंदर चल रही है। बीजेपी संगठन की अहम ईकाई मंडल अध्यक्ष के लिए जमकर लॉबिंग चल रही है। इसमें जहां खुद दावेदार जुटे हुए हैं तो वहीं सबसे ज्यादा चिंतित है विधायक गण, हर विधायक चाहता है कि उनकी विधानसभा में संगठन का नहीं बल्कि उनकी पसंद का बने, ताकि आगे सत्ता के साथ संगठन में भी दम बना रहे। बीजेपी नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा कि पार्टी लाइन के हिसाब से ही पर्चियों पर रायशुमारी ली गई है, जल्द ही मंडल अध्यक्ष की सूची जारी की जाएगी।

हो गई है रायशुमारी, पर्चियों में लिए नाम

इंदौर नगर में पहले 28 मंडल थे, जो अब बीजेपी ने बढ़ाकर 35 कर दिए हैं। मंडल अध्यक्ष के लिए दो दिन तक रायशुमारी चली और इसके लिए दो दिन से ही चुनाव पर्यवेक्षक और प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत इंदौर में डटे हुए हैं, ताकि संगठन में किसी तरह का दबाव-प्रभाव नहीं लगे। सभी से पर्चियों पर नाम ले लिए गए हैं और इन नामों की छंटनी का काम गुरुवार को बीजेपी के दफ्तर में हो रहा है। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में ही मंडल अध्यक्षों की सूची जारी हो जाएगी। जहां रायशुमारी में आए नाम पर सहमति नहीं बनेगी वह मंडल अध्यक्ष होल्ड हो सकते हैं।

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इन्होंने दिए नाम, एक पद पर चार-पांच नाम तक आए

मंडल अध्यक्ष के नामों के लिए रायशुमारी में संबंधित मंडल में आने वाले बूथ के बूथ अध्यक्ष है जो औसतन 30 से 40 है, इसके साथ ही इसमें संबंधित मंडल में राष्ट्रीय, प्रदेश व नगर का कोई पदाधिकारी है, पूर्व मंडल अध्यक्ष, वर्तमान मंडल अध्यक्ष, विविध मोर्चा के पदाधिकारी है तो उन्हें भी लिया गया है। इनकी संख्या औसतन दो से लेकर अधिकतम 12 तक है। इस तरह एक मंडल अध्यक्ष के लिए औसतन 40 से 50 लोगों द्वारा रायशुमारी में पर्चियों पर लिखकर नाम दिए गए हैं। एक मंडल में चार-पांच नाम आए हैं। इसमें से अब फाइनल नाम तय होना है। हर नाम और रायशुमारी को पार्टी ने कागज पर लिया है। यानी पूरी कोशिश की जा रही है कि कोई दबाव वाला मामला नहीं हो।

जामवाल कह चुके विधायक के चंगुल से मुक्त करना है

क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल पहले भी सगंठन चुनाव को लेकर बैठक ले चुके हैं। उन्होंने साफ संदेश दिया था कि पार्टी को विधायकों के चंगुल से मुक्त करना है, यानी संगठन के चुनाव संगठन के तरीके और प्रक्रिया से होंगे, केवल विधायकों के कहने से मंडल अध्यक्ष नहीं बनाए जाएंगे। इसके लिए पूरी प्रक्रिया होगी और रायशुमारी की जाएगी। इसी के तहत प्रदेश माहमंत्री रणवीर सिंह रावत पूरी प्रक्रिया में बारीक नजर रखे हुए थे और खुद दो दिन से इंदौर में हैं और उन्होंने ही रायशुमारी की पर्चियां ली है और अब छंटनी का काम हो रहा है।

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