इंदौर BJP कार्यालय में विजय उत्सव की तैयारी, बमकांड से आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस दफ्तर सूना

मध्यप्रदेश के इंदौर में जावरा कंपाउंड स्थित बीजेपी कार्यालय पर विजय उत्सव बनाने की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। मिठाई और लड्डुओं का भी प्रबंध किया जा चुका है। वहीं कांग्रेस कार्यालय में प्रत्याशी नहीं होने से कोई उत्साह नहीं है...

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Jitendra Shrivastava
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संजय गुप्ता, INDORE. बीजेपी दफ्तर में विजय उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई है। चार जून को रिजल्ट आने के साथ ही इंदौर BJP कार्यालय में मिठाई वितरण से लेकर भोजन कराने की तैयारी हो चुकी है। ढोल ताशे बजेंगे, कार्यकर्ता नाचेंगे। बड़ी एलईडी पर रिजल्ट दिखाए जाएंगे, लेकिन आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस दफ्तर सूना पड़ा है। बमकांड के बाद प्रत्याशी विहीन कांग्रेस के दफ्तर में कोई तैयारी नहीं है। 

बीजेपी ने यह की तैयारी

जावरा कंपाउंड स्थित बीजेपी कार्यालय पर विजय उत्सव बनाने की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे ने बताया कि पार्टी लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से विजय प्राप्त करने जा रही है उसे विजय के उत्सव को मनाने की सभी तैयारियां हो चुकी हैं। कार्यालय को भगवा रंग से सजा दिया गया है। विजय की खुशी में मुंह मीठा करने के लिए मिठाई और लड्डुओं का भी प्रबंध किया जा चुका है, इसके अलावा कार्यकर्ताओं के लिए ढोल-ताशों की व्यवस्था भी की गई है जिनकी थाप पर झूमकर वे अपना उत्साह प्रदर्शित करेंगे। शाम के समय कार्यालय पर भव्य आतिशबाजी कार्यक्रम भी रखा गया है।

कांग्रेस बोली- हम काउंटिंग में रहेंगे

उधर कांग्रेस ने काउंटिंग में बैठने के लिए एक निर्दलीय प्रत्याशी के जरिए बूथ लेवल एजेंट बनने के कार्ड बनवाए हैं और वह वहां मौजूद रहेंगे। लेकिन प्रत्याशी नहीं होने से कोई उत्साह नहीं है। शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्‌डा ने कहा कि कांग्रेस दफ्तर पर कोई तैयारी नहीं है क्योंकि औपचारिक तौर पर हमारा प्रत्याशी नहीं है। लेकिन हम काउंटिंग में रहेंगे, कार्ड आदि बनाए गए हैं। 

आजादी के बाद पहली बार ऐसा, जब कांग्रेस मैदान में ही नहीं

साल 1951 में इंदौर से पहला सांसद चुना गया था जो कांग्रेसी था। इसके बाद लगातार कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी मैदान में रहा और 1984 तक के चुनाव में जीतते भी रहा। हालांकि एक बार कम्यूनिस्ट पार्टी का और एक बार जनता पार्टी से प्रत्याशी जीता। इसके बाद 1989 से बीजेपी की जीत का सिलसिला सुमित्रा महाजन के साथ शुरू हुआ तो वह निरंतर जारी है। आठ बार महाजन जीती तो फिर 2019 में बीजेपी से शंकर लालवानी जीते, जो इस बार फिर जीत की ओर से हैं। लेकिन इतने सालों में यह पहली बार है जब कांग्रेस का प्रत्याशी ही मैदान में नहीं है।

कांग्रेस के साथ हुआ बमकांड, प्रत्याशी छोड़कर भागा

कांग्रेस की ओर से अक्षय बम ने नामांकन फार्म दाखिल किया लेकिन 29 अप्रैल को नाम वापसी के अंतिम दिन वह बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला व अन्य के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे और दो मिनट में नाम वापस लेकर रवाना हो गए। बीजेपी विधायक और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अक्षय बम के साथ कार में बैठे हुए सेल्फी डाली और बम का बीजेपी में स्वागत किया। बम ने उसी रात को ही सीएम डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में बीजेपी जॉइन कर ली। अक्षय बम के साथ छोड़ने के बाद कांग्रेस का प्रत्याशी ही मैदान में नहीं बचा। बम ने इसके लिए कारण बताया कि कांग्रेस नेता पैसों को लेकर परेशान कर रहे थे, समर्थन नहीं मिल रहा था और मैं सनातनी धर्म को मानने वाला हूं, इन्हीं सभी कारणों से कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में आ गया।

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