आदिवासियों के आमू आखा छे पर बीजेपी ने लगाए आमू आखा हिंदू छे पोस्टर

बिरसा मुंडा की जयंती को इंदौर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। भाजपा ने आमु आखा हिंदू छे के पोस्टर लगाए हैं। कांग्रेस ने इस पोस्टर का विरोध किया है।

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Sanjay Gupta
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INDORE : देश और मप्र में 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसे लेकर इंदौर में बीजेपी की ओर से आमू आखा हिंदू छे के पोस्टर लगाए हैं। इस पोस्टर को लेकर कांग्रेस ने विरोध जताया है और इसे आदिवासियों के मूल मंत्र के के खिलाफ बताया है।

यह है आदिवासियों का मूल मंत्र

‘आदिवासियों का मूल मंत्र “आमू आखा एक छे” है, जिसका मतलब “हम सब एक हैं”। यह आदिवासी अपनी संस्कृति और सभ्यता की एकता के लिए कहते हैं। उधर बीजेपी की ओर से बीते कुछ सालों से इस दिवस पर लगातार आमू आखा हिंदू छे के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। इसका मतलब है हम सब हिंदू है।

बीजेपी का लगातार कहना रहा है कि आदिवासी हिंदू है, षडयंत्रों के तहत भ्रम फैलाया जाता है कि आदिवासी हिंदू नहीं है। भारतीय संविधान में भी इन्हें हिंदू माना गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के विविध फैसलों के तहत इन पर हिंद मैरिज एक्ट व अन्य कई एक्ट लागू नहीं होते हैं जिससे इनकी संस्कृति, सभ्यता बनी रहे।

https://thesootr.com/state/madhya-pradesh/indore-bjp-put-up-posters-of-amu-akha-hindu-chhe-on-birsa-munda-tribals-amu-akha-chhe-7580809

यह बोल रही कांग्रेस

कांग्रेस के पूर्व महासचिव राकेश यादव ने कहा कि यह सभी बीजेपी का पैंतरा है। पहले बीजेपी ने इन्हें वनवासी साबित करने की कोशिश की थी तब राहुल गांधी ने इसे नकारा था। अब पैंतरा आज़माने की कोशिश कर आदिवासियों का आरक्षण समाप्त करने के लिए हिंदू साबित करके संवैधानिक रूप से आरक्षण समाप्त करने की कोशिश की जा रहीं हैं।

आदिवासियों की पहचान “आमू आखा एक छे” को समाप्त करने के लिए “आमू आखा हिंदू छे” लिखकर आदिवासियों की धार्मिक स्वतंत्रता और संस्कृति को समाप्त करने की कोशिश हैं।

राज्यपाल, सीएम की उपस्थिति मे धार में आयोजन

भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस 15 नवम्बर के मौके पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में धार के प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस परिसर में दोपहर एक बजे से आयोजन होगा। आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न 57 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया जाएगा। इन कार्यों की लागत 334.36 करोड़ रुपए है। विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ का वितरण भी किया जाएगा। धार और धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र का विजन डॉक्यूमेंट का विमोचन किया जाएगा। सिकल सेल उन्मूलन 2047 डाक टिकिट का विमोचन भी होगा। अतिथियों द्वारा दिव्यांगजनों को ट्राईसाइकिल वितरण और जनजातीय गौरव सांस्कृतिक प्रदर्शनी एवं विभिन्न विभागों के स्टॉल का अवलोकन किया जाएगा। कार्यक्रम में राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास, भारत सरकार सावित्री ठाकुर, जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग मंत्री डॉं. कुंवर विजय शाह, विधायक गंधवानी एवं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार व अन्य विधायक उपस्थित होंगे।

इस खबर से जुड़े सामान्य से सवाल

बिरसा मुंडा की जयंती क्यों मनाई जाती है?
बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को मनाई जाती है, जिसे जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आदिवासी समुदाय की संस्कृति, उनके संघर्ष और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। बिरसा मुंडा भारतीय आदिवासी समुदाय के महान नेता थे जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य और जमींदारों के खिलाफ संघर्ष किया।
'आमू आखा एक छे' का क्या मतलब है?
'आमू आखा एक छे' आदिवासी समुदाय का एक प्रमुख मूल मंत्र है, जिसका अर्थ है "हम सब एक हैं"। यह मंत्र आदिवासियों के बीच एकता, संस्कृति और सभ्यता के प्रति उनका समर्पण दर्शाता है। यह उनके साझा संघर्ष और समाजिक एकजुटता का प्रतीक है।
बीजेपी द्वारा 'आमू आखा हिंदू छे' पोस्टर क्यों लगाए गए हैं?
बीजेपी द्वारा 'आमू आखा हिंदू छे' के पोस्टर लगाए जाने का उद्देश्य यह बताना है कि आदिवासी समुदाय हिंदू धर्म का हिस्सा हैं। पार्टी का कहना है कि आदिवासी संस्कृति और उनके धार्मिक पहचान को हिंदू धर्म से जोड़ा जाना चाहिए। बीजेपी का यह भी दावा है कि आदिवासियों को हिंदू न मानने का भ्रम फैलाया जाता है।
कांग्रेस ने बीजेपी के इस पोस्टर पर क्या विरोध किया है?
कांग्रेस ने बीजेपी के 'आमू आखा हिंदू छे' पोस्टर का विरोध करते हुए इसे आदिवासियों की संस्कृति और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी आदिवासियों की पहचान को कमजोर करने के लिए उन्हें हिंदू धर्म से जोड़ने की कोशिश कर रही है, और इससे आदिवासियों का आरक्षण खतरे में पड़ सकता है।
15 नवंबर को धार में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में क्या-क्या खास होने वाला है?
धार में 15 नवंबर को राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन होगा। इस मौके पर 57 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया जाएगा, जिनकी लागत 334.36 करोड़ रुपए है। कार्यक्रम में सिकल सेल उन्मूलन 2047 डाक टिकट का विमोचन, दिव्यांगजनों को ट्राईसाइकिल वितरण और जनजातीय गौरव सांस्कृतिक प्रदर्शनी का आयोजन भी होगा।

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