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इंदौर में राजवाड़ा में मंगलवार को हुई ऐतिहासिक कैबिनेट मीटिंग पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने मंगलवार रात को इंदौर में मीडिया से चर्चा में कहा कि मंत्रियों को आनंद दिलाने के लिए यह बैठक की गई। इसमें चांदी की थालियों में कई तरह के व्यंजन परोसे गए। इसमें कई तरह के बिल बनेंगे, खूब खर्चा हुआ जैसे कि समिट में होते हैं और कितनी की भोजन की थाली के बिल होते हैं। बैठक में सौगात जैसा कुछ नहीं हुआ। सिंघार ने कहा कि जल्द समिट के खर्चों को लेकर भी खुलासा करेंगे।
विजय शाह को लेकर एसआईटी पर उठाए सवाल
सिंघार ने मंत्री विजय शाह के इस्तीफा नहीं होने पर इसे बीजेपी का डबल चरित्र बताया। वहीं कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने माफी ही नहीं दी तो फिर इस्तीफा होना था। उन्होंने एसआईटी पर भी सवाल उठाया और कहा कि दो अधिकारी इसमें मंत्री विजय शाह के साथ काम कर चुके हैं फिर निष्पक्ष जांच कैसे होगी।
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तुर्की के ठेके की जांच पर बोले मंत्री विजयवर्गीय के हाथ अभी बंधे
मध्यप्रदेश के 2 बड़े शहर भोपाल और इंदौर में मेट्रो के ऑटोमैटिक फेयर कनेक्शन सिस्टम लगाने वाली 'असिस गार्ड’ कंपनी तुर्किये की है। कंपनी ने 53 स्टेशनों में सिस्टम लगाने के लिए 186.52 करोड़ रुपए में ठेका लिया था। इस कंपनी को लेकर पहले नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया और इसकी जांच की बात कही। इसके बाद कांग्रेस ने हमला बोला। सिंघार ने कहा कि 230 करोड़ का ठेका था जो 186 करोड़ में तुर्की की कंपनी ने लिया है, तो घोटाला तो वहीं से शुरू हो गया है। इसकी जांच बीजेपी सरकार कराएगी मुझे नहीं लगता, भले ही मंत्री विजयवर्गीय ने बोला हो, लेकिन इस सरकार में मुझे लगता है अभी भी उनके हाथ ठाकुर की तरह बंधे हैं। उल्लेखनीय है कि मंत्री विजयवर्गीय ने ही एक बार तत्कालीन सीएम शिवराज सरकार में मंत्री रहते हुए कहा था कि मेरे हाथ ठाकुर की तरह बंधे हुए हैं।
मंत्री विजयवर्गीय ने तुर्की कंपनी पर यह कहा था-
तुर्की की इसी असिस गार्ड कंपनी के ड्रोन पाकिस्तान ने भारत पर गिराए थे। मंत्री विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा कि- राष्ट्र सर्वोपरि... भारत विरोधी मानसिकता का कोई स्थान नहीं। हमारे लिए राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है। जो भी भारत की संप्रभुता के विरुद्ध खड़ा होगा, वह चाहे कोई भी क्यों न हो, उसके साथ किसी भी प्रकार की सहानुभूति या सहयोग असहनीय है। गंभीर तथ्य यह है कि यही कंपनी असिस वर्तमान में भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं में डिजिटल प्रणाली के कार्य के लिए अनुबंधित है। इस संदर्भ में अधिकारियों को तथ्यों की गहन एवं निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। यदि यह पाया जाता है कि कंपनी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारत विरोधी तत्वों से संबंध है अथवा इसके उत्पादों का उपयोग भारत की सुरक्षा के विरुद्ध हुआ है तो कंपनी का अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा। हम राष्ट्र के सम्मान, सुरक्षा और आत्मगौरव के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे।
कंपनी को यह मिला है काम
एमपी मेट्रो कॉर्पोरेशन ने मेट्रो स्टेशनों पर ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन के लिए साल 2024 में इंटरनेशनल टेंडर कॉल किए थे। कुल 3 कंपनियों ने टेंडर भरे थे। इनमें से एक तुर्किये की असिस इलेक्ट्रॉनिक ब्लिसिम सिस्टमलेरी भी शामिल है जबकि दो अन्य कंपनियां- एनईसी कॉर्पोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और शेलिंग फॉस्क ग्लोबल डिजिटल टेक्नोलॉजी थीं। वहीं 230 करोड़ रुपए के टेंडर कॉल के मुकाबले तुर्किये की कंपनी ने 186 करोड़ 52 लाख रुपए की राशि टेंडर में दी थी। इस पर टेंडर हासिल हो गया। इंदौर में 5 स्टेशन- गांधीनगर से सुपर कॉरिडोर-3 तक सिस्टम इंस्टॉल किया जा चुका है। भोपाल और इंदौर के पहले फेस के कुल 53 स्टेशनों पर कंपनी काम करेगी। अब सवाल यह है कि क्या काम रोका जाएगा, कंपनी का काम रुका तो निश्चित मेट्रो प्रोजेक्ट में परेशानी होगी। नए सिरे से टेंडर करना होगा।
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