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इंदौर के लोगों का केबल कार से सफर करने का सपना अब हकीकत के करीब है। इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) द्वारा तैयार की गई इस महत्वाकांक्षी परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और उसे नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) को सौंप भी दिया गया है। NHLML ने इसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली को अनुमोदन और बजट आवंटन के लिए भेज दिया है। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 737 करोड़ रुपये है, जिसे 2028 में पूरा कर जनता के लिए शुरू करने की योजना है।
दो रूटों पर चलेगी केबल कार
संभागायुक्त दीपक सिंह और आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार ने बताया कि विभाग द्वारा तैयार की गई इस योजना के तहत शहर में कुल 11 किमी लंबे दो मार्गों पर केबल कार चलाई जाएगी। इसको लेकर अफसरों ने सर्वे रिपोर्ट में जिन दो मार्ग का उल्लेख किया है वे अभी शहर के सबसे व्यस्ततम मार्ग हैं। ऐसे में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत अभी इन दोनों मार्गों को ही इसमें शामिल किया गया है।
चंदन नगर से शिवाजी वाटिका (6.24 किमी) – अनुमानित लागत 369.32 करोड़।
स्टेशन: चंदन नगर, लाबरिया भेरू, पीवाय रोड गुरुद्वारा, सरवटे, शिवाजी वाटिका।
रेलवे स्टेशन से विजय नगर (4.7 किमी) – अनुमानित लागत 367.68 करोड़।
स्टेशन: रेलवे स्टेशन, मालवा मिल, पाटनीपुरा, विजय नगर।
2028 में प्रतिदिन करीब 30 हजार यात्री
सर्वे के अनुसार, दोनों रूट मिलाकर 2028 में प्रतिदिन करीब 29,900 यात्री केबल कार से सफर करेंगे।
चंदन नगर–शिवाजी वाटिका रूट: 11,700 यात्री/दिन
रेलवे स्टेशन–विजय नगर रूट: 18,200 यात्री/दिन
आने वाले वर्षों में यह संख्या बढ़ते-बढ़ते 2068 तक 1.95 लाख यात्रियों प्रतिदिन तक पहुंचने का अनुमान है।
रूटों के सेक्शन
चंदन नगर – शिवाजी वाटिका रूट:
सेक्शन-1: 1.74 किमी (चंदन नगर से लाबरिया भेरू)
सेक्शन-2: 1.93 किमी (लाबरिया भेरू से जवाहर मार्ग गुरुद्वारा)
सेक्शन-3: 2.59 किमी (गुरुद्वारा से सरवटे होते हुए शिवाजी वाटिका)
रेलवे स्टेशन – विजय नगर रूट:
सेक्शन-1: 2.08 किमी (रेलवे स्टेशन से मालवा मिल)
सेक्शन-2: 2.62 किमी (मालवा मिल से पाटनीपुरा होते हुए विजय नगर चौराहा)
एजेंसी नियुक्त होते ही शुरू होंगे काम
उधर, विभागीय सूत्रों के मुताबिक NHLML ने बजट आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रस्ताव स्वीकृत होते ही लोक परिवहन योजना के तहत एजेंसी नियुक्ति और अन्य तकनीकी कार्य शुरू होंगे। यह परियोजना इंदौर के यातायात को नई दिशा देने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।