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लव जिहाद फंडिंग मामले में फरार चल रहे इंदौर के अनवर कादरी उर्फ ‘डकैत’ की तलाश में पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। बाणगंगा थाना पुलिस ने कादरी के घर और सार्वजनिक स्थानों पर नोटिस चस्पा किया है, जिसमें उसे 8 सितंबर से पहले कोर्ट में पेश होने की हिदायत दी गई है।
कादरी पेश नहीं हुआ तो होगी कानूनी कार्रवाई
बाणगंगा पुलिस लंबे समय से कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी की तलाश में लगातार दबिशें दे रही है। इसके बावजूद वह अब तक गिरफ्त से बाहर है। पुलिस का कहना है कि अगर वह तय समय तक पेश नहीं होता, तो उसके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने यह नोटिस कादरी के सदर बाजार स्थित आवास पर लगाया है, ताकि वह या उसके परिचितों को जानकारी हो और वह समय सीमा के भीतर न्यायालय में हाजिर हो।
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बैंक खाते खंगालकर लोकेशन ट्रेस कर रही थी पुलिस
पुलिस मोबाइल और बैंक खातों के जरिए उसकी गतिविधियों का पता लगाने में जुटी है। इस मामले में संगठित अपराध की गहराई को देखते हुए मंगलवार को पुलिस ने संगठित अपराध अधिनियम की धारा 111 जोड़ दी है। साथ ही सिक्किम, दिल्ली व महाराष्ट्र के तीन संदिग्ध सहयोगियों की पहचान की है।
बेटी आयशा ने फरारी में की मदद, अब पुलिस रिमांड पर
बाणगंगा और सदर बाजार थाना पुलिस को अनवर की लंबे समय से तलाश है। दिल्ली में पढ़ाई कर रही उसकी बेटी आयशा कादरी को तो पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है, जो फरार अनवर को आश्रय और संसाधन मुहैया करा रही थी। पुलिस जांच में सामने आया कि आयशा ने चोरी की सिम कार्ड का उपयोग किया और अपने पिता के लिए गाड़ियों और टिकट की बुकिंग भी की। सूत्रों के मुताबिक आयशा से पूछताछ के बाद कई और नाम सामने आए हैं, जिन्होंने अनवर को फरारी में मदद की। इसके चलते केस में संगठित अपराध की धारा जोड़ी गई है।
सिंडिकेट पर शिकंजा
जांच में यह भी सामने आया है कि अनवर का नेटवर्क केवल अपराधियों तक सीमित नहीं, बल्कि उसमें व्हाइट कॉलर और प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि करीब 20 आपराधिक प्रकरणों में नामजद अनवर का पूरा सिंडिकेट शहर में सक्रिय है। इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए संगठित अपराध अधिनियम का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, पुलिस ने अनवर की संपत्तियों और अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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पीएफआई और सिमी से जुड़ाव का संदेह
अनवर कादरी के खिलाफ देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप पहले भी लग चुके हैं। कुछ समय पहले उसे एक पुराने मामले में जमानत मिली थी। लव जिहाद के केस में आरोपी साहिल शेख और अल्ताफ ने पूछताछ में अनवर का नाम लिया था। पुलिस को अनवर के PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और सिमी से संबंध होने की शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं, जिनकी गंभीरता से जांच की जा रही है।
गुंडागर्दी से राजनीति तक का सफर
वार्ड-58 से पार्षद बना अनवर कादरी एक समय ऑटो चालक था। उसके खिलाफ पहला केस 1997 में संयोगितागंज थाना में दर्ज हुआ था। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में गहराता गया। प्राणघातक हमला, अवैध हथियार, लूट और धमकाने जैसे मामलों में उसका नाम दर्ज होता रहा। धीरे-धीरे उसने राजनीति में एंट्री ली और एक मंत्री की सहायता से कांग्रेस में शामिल हो गया। वह तीन बार कांग्रेस पार्षद रह चुका है। उसके दो भाई असलम उर्फ आलू कादरी और आरिफ कादरी भी गंभीर आपराधिक मामलों में नामजद हैं।