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इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर बनाए गए विवादित कार्टून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में माफीनामा देने की बात कही है। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान मालवीय ने कहा कि वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित अन्य प्लेटफॉर्म्स पर लिखित माफीनामा प्रकाशित करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
कार्टूनिस्ट मालवीय की ओर से एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच (न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया) के समक्ष पक्ष रखा। इसमें उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी की भी भावनाओं को आहत करने की नहीं थी। कोर्ट ने मालवीय को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा को अगली सुनवाई तक बढ़ा दिया है।
कार्टून हटाने और माफीनामा प्रकाशित करने का वादा
एडवोकेट ग्रोवर ने कोर्ट में कहा कि विवादित कार्टून सोशल मीडिया से हटा दिया जाएगा और मालवीय अपने सभी अकाउंट्स पर लिखित माफी भी प्रकाशित करेंगे। कोर्ट ने निर्देश दिए कि माफीनामा 10 दिनों के भीतर सार्वजनिक होना चाहिए और यह स्पष्ट लिखा जाना चाहिए कि आगे से इस तरह की गलती दोबारा नहीं होगी।
मध्यप्रदेश सरकार की आपत्ति
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने तर्क दिया कि जांच जारी रहने के कारण पोस्ट को हटाया नहीं जाना चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने साफ कर दिया कि मालवीय माफीनामा प्रकाशित करें और जांच में सहयोग भी करें।
विवादित कार्टून का मामला
एफआईआर के अनुसार, मालवीय ने एक कार्टून में आरएसएस की वर्दी पहने एक व्यक्ति को शॉर्ट्स उतारे हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंजेक्शन लगाते हुए दर्शाया था। इसके अलावा, कथित तौर पर भगवान शिव को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। इस पर इंदौर निवासी विनय जोशी ने शिकायत दर्ज करवाई थी। हाई कोर्ट ने भी इस पोस्ट को “अपमानजनक” माना था।
अगली सुनवाई अगले सप्ताह
अब इस मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी। तब तक मालवीय को मिली अंतरिम सुरक्षा जारी रहेगी। गौरतलब है कि इसके पूर्व मालवीय ने मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीड में भी अपना पक्ष रखा था, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। उसके बाद मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी।
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