/sootr/media/media_files/2025/08/19/raipur-tomar-brothers-bail-petition-high-court-the-sootr-2025-08-19-17-31-37.jpg)
Tomar brothers bail plea: रायपुर के बहुचर्चित सूदखोर तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका पर मंगलवार को छत्तीसगढ़
हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज 7 एफआईआर पर सवाल उठाते हुए रायपुर एसपी से पूछा कि आखिर किस आधार पर इतने सारे मामले एक साथ दर्ज किए गए। कोर्ट ने इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत शपथपत्र के साथ विस्तृत जवाब मांगा है।
हिस्ट्रीशीटर तोमर ब्रदर्स ने हाईकोर्ट में लगाई जमानत याचिका, कल होगा फैसला
7 FIR और पुलिस की सख्त कार्रवाई
रायपुर के तेलीबांधा और पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के खिलाफ सूदखोरी और वसूली (Extortion) के गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस जांच में उनके घर से चेक, जमीनों के दस्तावेज और लेन-देन के सबूत मिले, जिसके बाद यह मामला आर्गेनाइज क्राइम से जुड़ा पाया गया। इसके चलते पुलिस ने उनके खिलाफ अलग-अलग 7 एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।
सूदखोर तोमर ब्रदर्स को अंतरिम राहत,हाईकोर्ट ने मकान तोड़ने की कार्रवाई पर लगाई रोक
फरार चल रहे हैं दोनों भाई
पुलिस कार्रवाई के दौरान दोनों भाई गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गए। पुलिस का कहना है कि रोहित तोमर ने अपनी पत्नी भावना तोमर के नाम से एक ऑफिस खोला था, जहां से सूदखोरी का धंधा संचालित किया जाता था। दो महीने से रायपुर पुलिस उनकी तलाश कर रही है और दोनों हिस्ट्रीशीटर भाइयों की जानकारी देने पर इनाम की घोषणा भी की गई है।
हाईकोर्ट में पेश हुई दलीलें
गिरफ्तारी से बचने के लिए तोमर बंधुओं ने वकील सजल गुप्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई। सुनवाई के दौरान वकील ने पुलिस पर दबाव बनाकर और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि उनके मुवक्किल को सूदखोरी और संगठित अपराध जैसे मामलों में झूठा फंसाया जा रहा है।
हिस्ट्रीशीटर तोमर ब्रदर्स फरार घोषित, कोर्ट में नहीं दी हाजिरी, 44 दिनों में 66 से ज्यादा केस
सूदखोर तोमर ब्रदर्स कौन हैं?
|
तोमर ब्रदर्स ने 2 लाख कर्ज दिए...वसूले 30 लाख, अब तक दे रहे धमकी
आगे की कार्यवाही
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केस डायरी तलब की है। अदालत ने साफ कहा है कि पुलिस को यह स्पष्ट करना होगा कि इतने सारे मामले एक साथ दर्ज करने के पीछे क्या ठोस आधार है। अब पुलिस को दो सप्ताह में अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखना होगा।
यह मामला रायपुर के सबसे हाई-प्रोफाइल सूदखोरी केस के रूप में देखा जा रहा है और आने वाले दिनों में हाईकोर्ट का फैसला पुलिस और तोमर बंधुओं दोनों के लिए अहम साबित होगा।
FAQ
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्सऔरएजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापनऔरक्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧