इंदौर में CITY BUS STOP में खेल: LED बैक लाइट बोर्ड लगाने के बजाय ठेकेदार ने डिजिटल होर्डिंग लगा दिए

शहर में सिटी बस स्टॉप्स विकसित करने की आड़ में ठेकेदार कंपनी फर्म मैसर्स विजय प्रताप शर्मा ने बड़ा खेल कर डाला है। एआईसीटीएसएल ने कंपनी को शहर के 200 सिटी बस स्टॉप विकसित करने और वहां विज्ञापन लगाने की अनुमति दी थी।

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Vishwanath Singh
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Sourabh728
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इंदौर के सिटी बस स्टॉप को विकसित करने का जो ठेका एआईसीटीएसएल ने दिया उसमें ठेकेदार ने बड़ा खेल कर डाला। सिटी बस स्टॉप को विकसित करने के एवज में ठेकेदार को विज्ञापन के जरिए कमाई करने के अधिकार दिए थे। उन अधिकारों को ठेकेदार ने अपने हिसाब से तोड़-मरोड़ लिया। एआईसीटीएसएल के अफसर सोते रहे और ठेकेदार ने नियमों को ताक पर रखकर बड़ा खेल कर डाला।

खास बात तो यह रही कि एआईसीटीएसएल के अफसरों की नाक के नीचे यह सब होता रहा और वे मौके पर एक बार भी झांकने तक नहीं गए। बड़ी बात तो यह है कि उद्घाटन के दौरान भी उनकी नजर इन बस स्टॉप के उन हिस्सों पर नहीं पड़ी। जहां पर कि ठेकेदार ने गड़बड़ी कर डाली। अफसरों के इसी तरह के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण ही एनएस पब्लिसिटी वाले ने भी करोड़ों रुपए का खेल कर दिया था। जिसको लेकर एआईसीटीएसएल अफसरों को हाईकोर्ट में जवाब देते नहीं बन रहा है। 

ठेकेदार ऐसे लगा रहा चूना

शहर में सिटी बस स्टॉप्स विकसित करने की आड़ में ठेकेदार कंपनी फर्म मैसर्स विजय प्रताप शर्मा ने बड़ा खेल कर डाला है। एआईसीटीएसएल ने कंपनी को शहर के 200 सिटी बस स्टॉप विकसित करने और वहां विज्ञापन लगाने की अनुमति दी थी। इस टेंडर की शर्तों को किनारा करते हुए कंपनी ने एआईसीटीएसएल को लाखों रुपए का चूना लगा दिया। जिस स्वरूप में इन बस स्टॉप को तैयार करना था। कंपनी ने उसमें ही मनमाने तरीके से जोड़–घटाव कर डाला और एआईसीटीएसएल के अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लगी। 

यह हेरा-फेरी कर डाली कंपनी ने

कंपनी मैसर्स विजय प्रताप शर्मा को दिए गए ठेके के मुताबिक उसे बस स्टॉप पर विज्ञापन के जरिए कमाई करने के अधिकार भी मिले थे। इसके लिए उसे टेंडर की शर्तों के मुताबिक एलईडी बैक लाइट वाले बोर्ड लगाने थे। ठेकेदार ने बड़ी चालाकी से यहां पर मनमानी करते हुए डिजिटल बोर्ड लगा दिए और अफसरों ने इनका उद्घाटन भी कर दिया। इस दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ एआईसीटीएसएल के अफसर भी मौजूद थे। उनमें से किसी की भी नजर इन विज्ञापन वाले बोर्ड पर नहीं गई। 

अफसरों ने निरीक्षण तक नहीं किया

यह कंपनी शहर में कुल 200 स्थानों पर सिटी बस स्टॉप्स बनाएगी और वहां पर विज्ञापन के बोर्ड भी लगाकर कमाई करेगी। सबसे खास बात तो यह है कि बस स्टॉप का उद्घाटन भी हो गया, लेकिन यहां पर लगे डिजिटल बोर्ड पर उनकी नजर नहीं पड़ी। बस स्टॉप तैयार हुए तो अफसर उसका निरीक्षण करने तक नहीं गए। अगर गए होते तो उन्हें ठेकेदार द्वारा की गई इस कलाकारी काे वे पहले ही पकड़ लेते। 

यहां पर हैं ये बस स्टॉप

बॉम्बे हॉस्पिटल, पलसीकर चौराहा, कलेक्टर कार्यालय, कलेक्टोरेट चौराहा, 56 दुकान (दोनों ओर), सम्राट होटल, सिटी सेंटर, रीगल चौराहा, दवा बाजार, एसबीआई कार्यालय, कपास भवन (दोनों ओर), आनंद ज्वेलर्स, सपना-संगीता, भंवरकुआं चौराहा, विजय नगर चौराहा (दोनों ओर), रेडिसन चौराहा और एयरपोर्ट। 

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ये खासियत बता रहे हैं अफसर

कंपनी मै. विजय प्रताप शर्मा द्वारा तैयार किए गए इन नए बस स्टॉप को लेकर अफसर जो खासियत बता रहे हैं उसमें पैसेंजर इनफॉर्मेशन सिस्टम (PIS), रूट मैप, इमरजेंसी नंबर, सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, आरामदायक सीटें और साउंड सिस्टम हैं।

अफसर जवाब देने तक को तैयार नहीं

इसको लेकर एआईसीटीएसएल के सीईओ दिव्यांक सिंह को कॉल किया और मैसेज भी किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसा ही रवैया एआईसीटीएसएल का हाईकोर्ट में लगे केस को लेकर भी है। एनएस एडवरटाइसमेंट के टेंडर की समयावधि बिना किसी वैधानिक नियम व अनुमति के बढ़ाए जाने को लेकर हाईकोर्ट ने जब नगर निगम और एआईसीटीएसएल से जवाब मांगा तो वहां पर भी ये लोग जवाब नहीं दे पाए हैं।

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