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MP NEWS : सात बार से लगातार सबसे साफ शहर इंदौर आठवीं बार भी अव्वल आने के लिए तैयार है। इस बार चुनौती थोड़ी कठिन है, क्योंकि पिछले साल सूरत हमारे साथ पहले नंबर पर था। लिहाजा, जिम्मेदारों ने इस वर्ष अपनी अलग से तैयारियां की हैं, जिसमें नगर निगम इस बात का खास ध्यान रख रहा है कि कोई कसर बाकी न रह जाए। इंदौर नंबर वन था, नंबर वन है और नंबर वन बना रहे, निगम ने इसे अपनी टैगलाइन बना ली है और वह पहले पायदान के लिए पूरी ताकत लगा रहा है।
31 मार्च के पहले आ जाएगी सर्वे टीम
सूत्रों के अनुसार, सर्वे के लिए टीम अब कभी भी इंदौर पहुंच सकती है, क्योंकि उन्हें 31 मार्च तक सर्वे पूरा करना है और सर्वे के काम में करीब एक सप्ताह लगता है। इंदौर ने एक साल में सफाई में कई नए काम किए हैं। इसमें महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ ही निगमायुक्त शिवम वर्मा, सफाई प्रभारी व आईएएस अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा के साथ पूरी निगम की टीम जुटी रही। नए कामों से इस बार इंदौर का दावा आठवीं बार लगातार नंबर वन के लिए फिर पुख्ता है।
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बीती बार इंदौर को झटका लगा था, भले ही इंदौर सातवीं बार भी नंबर वन बना था, लेकिन यह ताज उसे संयुक्त तौर पर सूरत के साथ बांटना पड़ा। इस बार सफाई के लिए लीग सिस्टम शुरू किया गया है, जिसमें इंदौर के साथ सूरत और नवी मुंबई को रखा गया है, लेकिन कुल मिलाकर इंदौर की नजरें आठवीं बार नंबर वन पर हैं।
केंद्र सरकार ने रखा है गोल्डन क्लब में
इसमें सबसे पहला काम इस बार की स्वच्छता रैंकिंग में जरूरी पैरामीटर्स पर खुद को मजबूत बनाने का है। अफसरों के मुताबिक, सात बिंदु ऐसे हैं, जिन पर हम कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते, इसलिए उन पर लगातार काम कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा अंक अर्जित कर सकें। दूसरी चुनौती यह है कि केंद्र सरकार ने हमें गोल्डन क्लब में रखा है। इसमें हमें पहले से ज्यादा मेहनत करनी होगी।
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एक नजर इस वर्ष की खास तैयारियों पर...
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550 टन का हमारा बायो सीएनजी प्लांट अब 800 टन प्रतिदिन की क्षमता का कर दिया गया है। देवगुराड़िया का यह प्लांट दुनिया का एकमात्र ऐसा प्लांट है, जो इतनी बड़ी क्षमता के साथ काम कर रहा है।
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ग्रीन वेस्ट से पैलेट निर्माण की बात करें तो यह देश का पहला ऐसा प्लांट है, जिसमें टहनियों से पैलेट बनाई जा रही हैं और इनसे कोयले बनाए जा रहे हैं।
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सस्टेनेबल परिसर चैलेंज के अंतर्गत देश का पहला ऐसा असेसमेंट किया गया है, जो जीरो वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में कार्य कर रहा है। इसमें शहर के 278 संस्थानों (होटल, हॉस्पिटल, स्कूल आदि) को चिन्हित किया गया है, जहां बहुत ज्यादा कचरा निकलता है। यदि इसका प्रबंधन होने लगे तो वह परिसर सस्टेनेबल हो जाएगा।
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जीरो वेस्ट मार्केट और संस्थान आइडेंटिफाई किए गए हैं। इस बार स्कीम नंबर 140 को 56 दुकान की तरह शत-प्रतिशत सिंगल-यूज प्लास्टिक और डिस्पोजेबल फ्री कर दिया गया है।
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भोलाराम उस्ताद मार्ग और खाऊ गली को भी जीरो वेस्ट कर दिया गया है, जबकि यह करना एक बहुत बड़ा चैलेंज था।
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प्रदेश की सबसे बड़ी चोइथराम मंडी को जीरो वेस्ट मॉडल बनाया गया है। यहां जो भी वेस्ट निकलता है, वह बाहर नहीं जाता बल्कि परिसर में ही प्रोसेस होता है। यहां साफ-सफाई भी नियमित होती है और डिस्पोजेबल बैग बैन कर दिए गए हैं। यह 8 साल में पहली बार हुआ है।
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शहर के सौंदर्यीकरण के लिए ढाई लाख स्क्वेयर फीट से ज्यादा वॉल पेंटिंग्स पर काम किया गया है। इससे मैसेजिंग होती है, लोगों में जागरूकता आती है, शहर की सुंदरता भी बढ़ती है और लोग भी गंदगी नहीं करते हैं। अब पूरे इंदौर की शत-प्रतिशत सार्वजनिक दीवारों पर पेंटिंग की गई है।
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पुरस्कार से वंचित शहरों को भी इस बार अवसर
स्वच्छता में उल्लेखनीय काम करने वाले लेकिन पुरस्कार से वंचित शहरों के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने नए अवसर देने का फैसला किया है। लगातार टॉप-3 में आ रहे शहरों के लिए पैमाने और कड़े कर दिए गए हैं, जबकि इन वंचित शहरों को आगे आने के नए मौके मिलेंगे।
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शहरी विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव ने दी जानकारी
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव रूपा मिश्रा ने गोल्डन क्लब की पुष्टि करते हुए बताया कि इंदौर को इस बार गोल्डन क्लब कैटेगरी में शामिल किया जाएगा। ऐसे शहर जो तीन बार से लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष पर बने हैं, उनके लिए अलग से यह कैटेगरी बनाई जा रही है। यह कैटेगरी हर जनसंख्या के हिसाब से शहरों के लिए अलग-अलग होगी। इससे नए शहरों को भी ऊपर आने का मौका मिलेगा।
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इंदौर में इस बार सर्वेक्षण के लिए कई नवाचार भी
इंदौर एक बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले नंबर पर आने की कोशिशों में जुटा है। इंदौर नगर निगम ने इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में कई नवाचारों को अपनाते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन का लक्ष्य रखा है। इंदौर नगर निगम द्वारा इस वर्ष के सर्वेक्षण की तैयारियों में विशेष योजनाएं बनाई गई हैं।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अनुसार, "इनमें सरप्राइज विजिट और वार्डों के बीच प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इस वर्ष स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले वार्डों और पार्षदों को सम्मानित करने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। हालांकि, परीक्षा कब होगी, यह पहले से नहीं बताया जाएगा, ताकि सभी तैयार रहें। यह प्रयास पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।"
स्वच्छता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा
स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस बार छात्रों के लिए विशेष स्वच्छता परीक्षा आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगे। यह प्रयास उन छात्रों को प्रेरित करेगा, जो यहां पढ़ाई और नौकरी की तैयारी के लिए आते हैं।
सुपर स्वच्छ लीग में भी इंदौर
अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने बताया, "स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 चल रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण की टीमें अलग-अलग शहरों में जाकर सर्वेक्षण शुरू कर रही हैं। 31 मार्च के पहले इंदौर में भी सर्वेक्षण शुरू हो सकता है। इस बार मिनिस्ट्री ने जो टूल किट जारी की है, उसमें 10 मेजर पैरामीटर पर सर्वेक्षण किया जाएगा। इन 10 पैरामीटर पर ग्रेडिंग होगी, जिसके आधार पर फाइनल रैंकिंग मिलेगी। इंदौर का चयन सुपर स्वच्छ लीग में भी किया गया है। 12 शहरों को पांच अलग-अलग कैटेगरी में चयनित किया गया है, जिसमें इंदौर का नाम सबसे प्रमुख शहर के रूप में रखा गया है।