INDORE. इंदौर जिले में अब कोई भी कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान विद्यार्थियों के मूल दस्तावेज अपने पास नहीं रख सकेंगे। उन्हें तत्काल प्रभाव से यह लौटाने होंगे। इस संबंध में इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने अहम आदेश जारी कर दिया है।
इससे इंदौर में पढ़ने वाले लाखों बच्चों को लाभ मिलेगा। अभी फीस व अन्य विवादों के चलते यह संस्थान मूल दस्तावेज लौटाने में आनाकानी करते थे, लेकिन अब यह नहीं हो पाएगा।
तो होगी कड़ी कार्रवाई
कलेक्टर ने साफ लिखा है कि विद्यार्थियों के मूल दस्तावेज रखे हुए पाए जाने पर संबंधित शैक्षणिक संस्थान के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, जनसुनवाई एवं सीएम हेल्पलाईन में विद्यार्थियों एवं उनके पालकों द्वारा शिकायतें की जाती है, कि निजी शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान उनके मूल दस्तावेजों (अंकसूचियों, स्थानांतरण प्रमाण पत्र आदि) रख लिए जाते है एवं इनके द्वारा वापस मांगे जाने पर लौटाए नहीं जाते हैं। कलेक्टर ने इस पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश जारी किया है।
यह आदेश जारी किया है-
कलेक्टर आशीष सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी उच्च शैक्षणिक संस्थाओं एवं निजी विश्वविद्यालयों को (उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों) को आदेशित किया है कि कोई भी शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों के मूल दस्तावेजों को जमा नहीं करें। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं मध्यप्रदेश शासन के संस्थानों द्वारा जारी नियमों के विरुद्ध भी है। सभी शिक्षण संस्थानों को यह भी आदेशित किया गया है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं राज्य शासन के आदेश का पालन करें।
कहा गया है कि शिक्षण संस्थानों के पास वर्तमान में यदि विद्यार्थियों के मूल दस्तावेज जमा किए गए है तो इन्हें तत्काल संबंधित विद्यार्थियों को वापस किए जाकर इसकी प्राप्ति रसीद प्राप्त कर संधारित रखे।
शिकायत आई तो कार्रवाई तय, मान्यता भी होगी रद्द
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा हैं कि भविष्य में कलेक्टर कार्यालय में किसी भी शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा इस संबंध में शिकायत की जाती है तो संबंधित शिक्षण संस्थान के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई होगी। साथ ही संबंधित विभाग को भी ऐसी शिक्षण संस्थाओं की मान्यता के संबंध में पुनर्विचार करने के लिए कहा जाएगा।
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