BHOPAL. मध्य प्रदेश के कटनी जिले में देश की सबसे लंबी टनल बन रही है। विंध्य क्षेत्र में बन रही यह सुरंग मध्य प्रदेश सरकार के लिए बहुत खास है। मोहन सरकार इस प्रोजेक्ट पर पूरा फोकस कर रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव इस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद गंभीर हैं। सीएम समय- समय पर स्लीमनाबाद सुरंग के निर्माण कार्यों को लेकर समीक्षा कर रहे हैं। बीजेपी का गढ़ बन चुके विंध्य क्षेत्र में इस परियोजना से जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना और रीवा सहित आसपास के जिलों के किसानों को सिंचाई और ग्रामीणों को पेयजल की सुविधा मिलेगी।
सीएम ने की टनल निर्माण की प्रगति पर समीक्षा
सीएम मोहन यादव ने दो पहले स्लीमनाबाद टनल निर्माण की प्रगति पर समीक्षा बैठक की थी, जिसमें सीएम ने निर्माण कार्य समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए थे। साथ ही सीएम ने आवासीय क्षेत्र के नीचे सुरंग का निर्माण करते समय विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए थे। बैठक में बरगी डायवर्सन परियोजना और स्लीमनाबाद सुरंग की प्रगति पर आधारित प्रेजेंटेशन दिया गया।
अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सीएम मोहन यादव ने कहा कि बरगी डायवर्सन परियोजना के अंतर्गत निर्माणाधीन स्लीमनाबाद सुरंग प्रदेश के लिए एक मेगा प्रोजेक्ट है। इस परियोजना से जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना और रीवा सहित आसपास के जिलों के किसानों को सिंचाई और ग्रामीणों को पेयजल की सुविधा मिलेगी। औद्योगिक इकाइयों को भी नहर प्रणाली के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान विंध्य क्षेत्र वाले उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल मौजूद थे।
देश की सबसे लंबी पानी वाली टनल
कटनी जिले के स्लीमनाबाद में सबसे बड़ी टनल बनाई जा रही है। देश की सबसे लंबी यानी 12 किमी पानी वाली टनल का निर्माण कार्य सलैया गांव में हो रहा है। इसे जमीन से 80 फीट नीचे बनाया जा रहा है, इस टनल का निर्माण कार्य 12 साल से चल रहा है। अभी साढ़े 10 किमी से ज्यादा की सुरंग बन चुकी है अब केवल 1.6 किमी का हिस्सा बाकी है, लेकिन इसकी खुदाई में एक साल का वक्त लगेगा। इस टनल के माध्यम से जबलपुर के बरगी डैम से रीवा तक नहर से पानी पहुंचाया जाएगा।
क्या है पूरा प्रोजेक्ट
मध्य प्रदेश के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का नाम बरगी डायवर्जन प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट के तहत 197 किमी लंबी नहर बनाई जा रही है। मुख्य नहर का 96 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसमें सबसे खास स्लीमनाबाद टनल का काम बाकी है। खुदाई के लिए सरकार ने साल 2008 में टेंडर जारी किया था। पटेल इंजीनियरिंग कंपनी ने टेंडर हासिल करने के बाद टनल की खुदाई का काम शुरू किया। कंपनी ने बरगी से स्लीमनाबाद तक 80 किमी लंबी नहर का निर्माण किया।
टनल की बात करें तो अप स्ट्रीम छोर से खुदाई का काम 2016 में शुरू हुआ था। इसका 4.85 किलोमीटर तक खुदाई का काम पूरा हो चुका है। यहां जर्मनी की HK TBM मशीन से खुदाई का काम किया जा रहा है, इधर, टनल के दूसरे छोर डाउन स्ट्रीम छोर यानी खिरहनी गांव से खुदाई का काम जारी है। कंपनी ने सबसे पहले डाउन स्ट्रीम से 2011 में खुदाई का काम शुरू किया। यहां 5.5 किलोमीटर तक खुदाई का काम पूरा हो चुका है। यहां अमेरिकन टनल बोरिंग मशीन रॉबिन्स का इस्तेमाल किया गया। सलैया गांव से खिरहनी गांव तक 12 किमी लंबा पहाड़ है। इस पहाड़ को खोदकर अंदर पानी की टनल बनाना चुनौतीपूर्ण काम था। डाउन स्ट्रीम में खुदाई में आने वाली मुश्किलों को देखते हुए 2016 में अप स्ट्रीम छोर यानी सलैया गांव की तरफ खुदाई शुरू की गई।
बता दें कि स्लीमनाबाद टनल के निर्माण कार्य में कंपनी और इंजीनियर्स को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। खुदाई का काम आसान नहीं रहा है। जमीन के ऊपर से लेकर जमीन के अंदर तक चुनौतियां का सामना करना पड़ा। खुदाई के दौरान आ रही दिक्कतों के कारण स्लीमनाबाद टनल प्रोजेक्ट की देरी हो रही है। टनल की खुदाई जमीन से 80 फीट नीचे की जा रही है। इस कारण मजदूरों और इंजीनियर्स को सांस लेने में परेशानी होती है। ऐसे में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टनल में पाइप बिछाया गया है। जैसे-जैसे टनल का काम आगे बढ़ता है पाइप की लंबाई भी बढ़ाई जाती है।
विंध्य क्षेत्रवासियों को मिलेगी बड़ी सौगात
बता दें कि विंध्य क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए बरगी डायवर्जन प्रोजेक्ट मोहन सरकार का महत्वाकांक्षी है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से विंध्य क्षेत्र के वासियों को बड़ी सौगात मिलेगी और यहां पानी की किल्लत दूर होगी। बीजेपी की बड़ी जीत में यह प्रोजेक्ट भी अहम है, बीजेपी ने 2023 के चुनाव में विंध्य क्षेत्र की ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद बीजेपी ने रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल को डिप्टी सीएम बनाया था।
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल भी इस परियोजना को लेकर समय-समय पर अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे हैं। साथ ही अधिकारियों से प्रगति पर जानकारी लेते हैं। इसस पहले डिप्टी सीएम ने अधिग्रहण और मुआवजा वितरण मामलों को लेकर बैठक लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए थे।
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