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MP News : इंदौर में कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा राजस्व काम में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए लगातार नए काम किए जा रहे हैं जो पटवारियों को रास नहीं आ रहा है। मप्र पटवारी संघ की इंदौर जिला शाखा ने इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को पत्र कहा था कि वह छुट्टी के दिन नहीं आएंगे, केवल आपातकालीन सेवा के लिए ही वह छुट्टी पर आएंगे। पत्र संघ की ओर से जिलाध्यक्ष मनोज परिहार ने भेजा है। इसमें कलेक्टर ने दो टूक जवाब दे दिया है।
कलेक्टर ने यह किया साफ
कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले के पटवारियों को साफ कर दिया है कि प्रशासन की ड्यूटी का कोई समय, दिन तय नहीं होता है यह 24 घंटे और 365 दिन की ड्यूटी है। यदि छुट्टी की इतनी है तो फिर वह जिले का बाहर ट्रांसफर ले लें। इंदौर में तो छुट्टी नहीं होगी और छुट्टी के दिन भी काम करना होगा। इसमें कोई राहत नहीं दी जाएगी।
पटवारियों की नियुक्ति के लिए आज रेंडमाइजेशन
उधर कलेक्टर द्वारा हाल ही में फैसला लिया गया था कि सालों से पटवारी एक जगह जमे हुए हैं, इनके हल्के (एरिया) में बदलाव किया जाना है। लेकिन इसमें कोई दबाव-प्रभाव नहीं आए, इसके लिए तय किया गया है कि यह कंप्यूटर के जरिए रेंडमाइजेशन से होगा। यानी कंप्यूटर में सभी के नाम डाले जाएंगे और हल्के भी, फिर जिसकी जहां पर पोस्टिंग आ जाए, वहां नियुक्त करेंगे। हालांकि यह राहत दी है कि यह रेंडमाइजेशन तहसील के भीतर ही होगा, यानी यदि कोई पटवारी इंदौर तहसील में पदस्थ है तो वह इंदौर तहसील में ही रहेगा लेकिन उसका हल्का बदल जाएगा। यह रेंडमाइजेशन गुरुवार को किया जा रहा है। इसके बाद राजस्व निरीक्षक (आरआई) की नियुक्ति के लिए भी यही प्रक्रिया होगी, संभवतः इसे अगले सप्ताह किया जाएगा।
पटवारियों ने पत्र में यह लिखा था
जिले के पटवारियों की समस्या के उचित निराकरण के लिए यह पत्र लिखने की बात कही थी। इसमें लिखा था कि पटवारी को अवकाश के दिनों में केवल आपातकालीन सेवा के लिए बुलाया जाता था, लेकिन अब सामान्य कामों के लिए भी पटवारी को लगाया जाता है। पटवारी भी मनुष्य है और उसका भी परिवार है। हमारे अधिकारियों द्वारा पटवारियों को अवकाश के दिनों में मीटिंग और अन्य कामों के लिए विवश किया जाता है जो पूरी तरह से गलत है, इसे तत्काल बंद किया जाए। पटवारी संघ का हर पटवारी अवकाश के दिनों में प्राकृतिक आपदा व आपातकालीन सेवा को छोड़कर नहीं आएगा।
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पटवारियों को बहाल करो
यह भी मांग की गई है कि निलंबित पटवारियों को बहाल करो। उल्लेखनीय है कि पटवारी और आरआई के कामों की मॉनीटरिंग के लिए कलेक्टर ने संवाद कक्ष बनाकर लोगों से फीडबैक शुरू किया है। इसके आधार पर 17 पटवारियों की विभागीय जांच शुरू कर दी है और समय-समय पर कई पटवारी निलंबित हुए हैं। इसी बात पर यह मांग की गई है।
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