संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर कलेक्टोरेट से विकास मंजूरी के लिए पास हुई विवादित फाइल सैफी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट आखिरकार RERA (रेरा) ने खारिज कर दिया है। इस आवेदन में कई खामियां रेरा ने पाई है, सबसे बड़ी बात है कि जिन अहम कारणों से इसे खारिज किया गया, इसमें जमीन स्वामित्व के साथ ही सर्वे नंबर के बटांकन का विवाद भी शामिल है। यानी इसे कॉलोनी सेल से मंजूर ही नहीं होना चाहिए था, लेकिन सारे नियमों को ताक पर रखकर इसे तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों ने मंजूर किया।
रेरा ने यह सारी खामियां प्रोजेक्ट में पाई
अमरावती में रजिस्टर्ड सैफी कंस्ट्रक्शन कंपनी का देपालपुर में सिग्नेचर लैंडमार्क के नाम से प्रोजेक्ट कलेक्टोरेट इंदौर से मंजूर हुआ था। देपालपुर के सर्वे नंबर 772 के विविध बटांकन की 7.336 हेक्टेयर जमीन पर यह प्रोजेक्ट है। इसे नवंबर-दिसंबर 2023 में तत्कालीन कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के समय कॉलोनी सेल ने मंजूर किया था।
- रेरा ने पाया कि इस प्रोजेक्ट की जमीन पर स्वामित्व को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है और इसका निराकरण नहीं हुआ है। प्रोजेक्ट कंपनी ने इसे लेकर गलत शपथपत्र दिया है और बताया था कि जमीन के स्वामित्व को लेकर कोई केस नहीं है।
- प्रोजेक्ट में एक सर्वे नंबर 772/3 बटांकन की 0.016 हेक्टेयर जमीन को छोड़ा गया है, जबकि यह शामिल है। कारण बताया गया है कि यह सिग्नेचर लैंडमार्क प्रोजेक्ट टू में शामिल होगा, जबकि आवेदन में प्रोजेक्ट वन व टू वाली बात ही नहीं है।
- जमीन के सर्वे नंबर 772/1/1 की नपती को लेकर विवाद जारी है, इसका अंतिम निराकरण नहीं हुआ है। एसडीओ ने तहसीलदार को इसके लिए आदेश जरूर दिए हैं लेकिन इसका सभी पक्षकारों को बुलाकर निराकरण नहीं हुआ है।
- विकास अनुबंध की भी स्थिति साफ नहीं है।
- कलेक्टर कार्यालय इंदौर से एक अप्रैल 2024 को प्रोजेक्ट कंपनी को विकास मंजूर निरस्त करने संबंधी नोटिस भी मिला है।
सैफी प्रोजेक्ट का विवाद पहले से ही हाईप्रोफाइल
सैफी प्रोजेक्ट का विवाद तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह के समय से ही विवादित है। यह प्रोजेक्ट तालाब के पास लगा है, इसके लिए संबंधित विभाग ने पहले अनापत्ति जारी नहीं की थी। इसके चलते कलेक्टर सिंह के समय पर कॉलोनी सेल ने इस प्रोजेक्ट पर आपत्ति लेते हुए विकास मंजूरी रोक दी थी। लेकिन जब उनका तबादला हुआ तो फिर से यह फाइल कॉलोनी सेल में दौड़ने लगी। कॉलोनाइजर भी साम-दाम तरीके से संबंधित विभाग से अनापत्ति ले आया। इसके बाद कॉलोनी सेल के अधिकारियों ने पुराने अधिकारियों की आपत्ति और टीप को ही दरकिनार करते हुए धड़ल्ले से इसकी मंजूरी की फाइल मंजूर कर आगे बढ़ा दी और तत्कालीन कलेक्टर डॉ. इलैया राजाटी से इसे मंजूरी भी दिलवा दी। इसके बाद अब यह फाइल रेरा में गई तो इसे वहां कई खामियां पाते हुए रिजेक्ट कर दिया गया। वहीं इस दौरान प्रोजेक्ट को लेकर वर्तमान कलेक्टर आशीष सिंह और कॉलोनी सेल के नए अधिकारियों को शिकायत हुई, जिस पर एक अप्रैल को कॉलोनाइजर को नोटिस भी दिया लेकिन इसमें किसी का कोई पक्ष नहीं आया, लेकिन संबंधित ने रेरा में भी शिकायत कर दी। इसके बाद यह प्रोजेक्ट खारिज हो गया।