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MP News: इंदौर में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के भाइयों नाना पटवारी और भरत पटवारी के साथ ही जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव पर जमीन धोखाधड़ी को लेकर गंभीर धाराओं में हुए केस के खिलाफ कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में सैंकड़ों कांग्रेसी पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचे और इस केस को वापस लेने की मांग की। इसमें पुलिस पर बीजेपी के दबाव में कांग्रेसियों पर केस करने के आरोप लगाए गए।
दिग्विजय सिंह ने पुलिस से की बात
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सैंकड़ों समर्थकों के साथ पुलिस अधिकारियों से मिलने पहुंचे, हालांकि अंदर चुनिंदा नेताओं को ही जाने दिया गया। इसमें सिहं ने बात रखी और कहा कि पुलिस ने बिना किसी ठोस सबूत के यह केस दर्ज किया है, इसके पहले चिटूं चौकसे पर भी गलत केस हुआ था। देखने में आ रहा है कि पुलिस थानों में लगातार कांग्रेसियों पर गलत केस हो रहे हैं, इस रोका जाए। इस दौरान निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे, शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा, पिंटू जोशी, दीपू यादव, रीना बोरासी, अमित चौरसिया, सच सलूजा, अमन बजाज सहित अन्य नेता उपस्थित थे।
यादव ट्रस्ट पर बोले सिंह नोटिफिकेशन नहीं हुआ, जमीन सरकारी-
ट्रस्ट को लेकर सिंह भी बोले कि 1994-96 में में इस जमीन का मामला मेरे सीएम कार्यकाल में आया था। यह सरकारी जमीन है यहां ग्वाला कॉलोनी बनाने का सुझाव आया। लेकिन वह बाद में विकसित नहीं हुई क्योंकि लोग गए नहीं। वह खाली रही। उस जमीन पर यादव समाज ने ट्रस्ट का गठन किया, वहां गौशला और श्रीकृष्ण मंदिर बनाने का फैसला लिया। ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन हो गया है लेकिन नोटिफिकेशन नहीं हुआ है। मैंने सरकारी रिकार्ड देखे हैं इसमें कहीं भी शिकायत करने वाले का नाम नहीं है। जमीन उनकी है नहीं।
नाना पर केस राजनीतिक है, मुझ पर भी है
सिंह ने रेसीडेंसी कोठी पर मीडिया से चर्चा में कहा कि नाना पटवारी पर जो केस हैं वह राजनीतिक है। मुझ पर भी 12-15 राजनीतिक केस है। क्रिमिनल केस तो है नहीं। मंत्री कैलाश विजयर्गीय के बयान (एक युवती ने नाना पटवारी के कारण सुसाइड किया था) पर कहा कि वह वरिष्ठ नेता है, उन्होंने गंभीर आरोप यह लगाया है, यदि सच्चाई है तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई। सिंह के साथ विनय बाकलीवाल, रघु परमार, चिंटू चौकसे व अन्य नेता शामिल थे।
यह भी बोले सिंह-
मैंने इस तरह कांग्रेस नेताओं को प्रताड़ित किया जाना नहीं देखा है। मैं 1971 से राजनीति में हूं। प्रशासन को इस तरह सत्तादल के कार्यकर्ता के रूप में काम करते नहीं देखा गया है। कांग्रेस के कार्य़कर्ताओं पर इंदौर में छांट-छांट कर कार्रवाई हो रही है। बीजेपी नेताओं पर रियायत बरती जा रही। इंदौर में एक महीने में दो केस हो गए एक चिंटू चौकसे और दूसरा प्रदेशाध्यक्ष पटवारी के भाईयों पर हुआ।
उधर सदाशिव यादव का ट्रस्ट रजिस्टर्ड ही नहीं निकला
उधर अखिल भारतीय यादव समाज ट्रस्ट द्वारा इस जमीन को लेने की बात उठ रही है, इसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि ट्रस्ट रजिस्टर्ड ही नहीं है, इसके लिए आवेदन जरूर किया हुआ है। सदाशिव यादव ने इसके लिए आवेदन लगाया हुआ है।
ट्रस्ट में राधेश्याम यादव (महू), राकेश यादव (महू), भीमसिंह (तिल्लौर खुर्द), गणेशचंद यादव (महू), जगदीश यादव (महू), शैलेंद्र यादव (देपालपुर), पुरूषोत्तम यादव (सांवेर), कन्हैयालाल यादव (महू), दीपक यादव (महू) और गोपाल यादव (सनावदिया) के नाम है। इस मामले में यादव समाज ने खुद को अलग कर लिया है। यानी यह पूरा मामला सदाशिव यादव का बनता जा रहा है, वहीं जमीन को लेकर अलग कानूनी विवाद है।
सदाशिव और पटवारी दोनों घिर गए
इस मामले में कागजों पर सदाशिव यादव घिरते जा रहे हैं। कारण है कि जमीन को लेकर जहां कानूनी विवाद चल रहे हैं, वहीं इस पर समाज के नाम पर यादव ने यहां पर पूजन तक करा दिया और प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कर दी। इसी मामले में फरियादी नरेंद्र मेहता(जैन) का आरोप है कि जीतू पटवारी के भाई नाना और भऱत का भी सदाशिव यादव के साथ गठजोड़ है और वह धमका रहे थे।
उधर नाना पटवारी पर तो पहले ही 6 केस है और भरत पटवारी पर भी केस है। एक मामले में बीते विधानसभा चुनाव के चुनाव के दौरान दोनों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था, बाद में जमानत आए और फिर विवाद हुआ जिसमें नाना पटवारी पर फिर भंवरकुआं थाने पर केस दर्ज किया गया।
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