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इंदौर में जिला कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं को कड़ी फटकार लगाई और साथ ही ऐसी सजा सुनाई कि उन्हें भारी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। साथ ही कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई और चेतावनी दे दी। कुछ नेताओं ने तो माफी मांगकर और प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने मेडिकल कारण बताकर उपस्थित नहीं होने की छूट ले ली, लेकिन कई नेता फंस गए। कोर्ट ने उन्हें दो घंटे तक कोर्ट में ही खड़े रहने की सजा सुना दी।
इन नेताओं का जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
इस केस में कोर्ट द्वारा शुक्रवार को 11 बजे व्यक्तित्व हाजिरी के लिए आदेश के बाद भी जो नहीं पहुंचे उनके गिरफ्तारी वारंट जारी हुए हैं। कांग्रेस से बीजेपी में जा चुके पंकज संघवी के साथ ही कांग्रेस के पूर्व शहराध्यक्ष विनय बाकलीवाल, अभिषेक करोसिया, दिलीप सुरागे शामिल हैं। इनके वारंट जारी हुए।
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इन्हें कठघरे में खड़े होने की सजा मिली
कोर्ट ने देरी से पहुंचने पर युवक कांग्रेस अध्यक्ष दौलत पटेल, दीपू यादव, अनवर दस्तक, रफीक खान को दो घंटे तक कोर्ट के कठघरे में खड़े रहने की सजा दी। वहीं जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव इस सजा से बाल-बाल बच गए। वह थोड़ा देर से पहुंचे। माफी मांग ली।
इन नेताओं को पड़ी फटकार
पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल, नेता प्रतिपक्ष निगम चिंटू चौकसे, देवेंद्र यादव को भी कड़ी फटकार लगाई। यह भी पहले सुनवाई पर हाजिर नहीं हुए।
यह नेता हैं आरोपी
इस केस में प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ ही कांग्रेस से बीजेपी में जा चुके पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल के साथ ही नेता प्रतिपक्ष निगम चिंटू चौकसे, पूर्व शहराध्यक्ष विनय बाकलीवाल, कांग्रेस नेता दीपू यादव, बीजेपी में जा चुके पंकज संघवी व 20 से अधिक नेता शामिल हैं।
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यह था मामला
कोरोना काल में एसपी ऑफिस के सामने धरने पर बैठने के मामले में यह केस हुआ था। यह मामला सांवेर उपचुनाव का है, जब कांग्रेस से बीजेपी में गए तुलसी सिलावट के सामने कांग्रेस से प्रेमचंद गुड्डु मैदान में थे। तब गुड्डु के समर्थक मनोज यादव पर हत्या के प्रयास का केस हुआ। इस पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। गुड्डु ने तो दंड भरकर मुक्ति पा ली, लेकिन बाकी नेताओं पर केस चला। इसमें 20 से अधिक नेताओं पर प्रतिबंधात्मक धाराओं में केस है।
कोर्ट ने इस तरह लगाई नेताओं को फटकार
यह केस साल 2021 से चल रहा है लेकिन नेता कभी कोर्ट ही नहीं पहुंचे। इस पर जब शुक्रवार को सुनवाई हुई तो कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई और कहा कि चेतावनी के बाद भी यह नेता तारीख पर नहीं आ रहे हैं। चार साल हो चुके हैं। यह क्या मजाक है, न्यायालय का तो सम्मान करो। इसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए। तब उनके अधिवक्ताओं ने तत्काल नेताओं को फोन कर बुलाया।
इन्हें कठघरे में खड़े होने की सजा मिली
सर्वेश तिवारी बीमार
कोर्ट ने मेडिकल आधार सर्वेश तिवारी का खारिज कर दिया, फिर वकील पहुंचे और बताया कि वह कैंसर पीड़ित हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि पटवारी ने मेडिकल सर्टिफिकेट लगाया है, इसमें नहीं लगा, लेकिन हम यह छूट देते हैं कि वह अगली सुनवाई (25 अप्रैल) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हो जाएं और मेडिकल सर्टिफिकेट लगा दीजिए।
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