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मप्र कांग्रेस में जिलाध्यक्ष, शहराध्यक्ष पदों पर नियुक्ति से प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी का दखल खत्म हो गया है। अब यह नियुक्ति राहुल गांधी के गुजरात मॉडल पर मप्र में भी होगी। इसके लिए सृजन अभियान के तहत आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने मप्र के लिए 50 ऑब्जर्वर की नियुक्ति कर दी है। कुल मिलाकर इंदौर शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव दोनों के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है।
सृजन अभियान से हर जिले में जाएगा ऑब्जर्वर
सृजन अभियान के तहत कांग्रेस बूथ से लेकर जिलास्तर तक संगठन को पुनर्गठित करेगी। इसके लिए एआईसीसी ने ही ऑब्जर्वर सीधे दिल्ली से नियुक्त किए हैं। इनके साथ पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) तीन ऑब्जर्वर नियुक्त करेगी। हर ऑब्जर्वर को एक जिला दिया जाएगा। वह उस जिले में जाकर वहां के राजनीतिक हालात, जातिगत समीकरण, नेताओं की किनके साथ पटरी बैठ रही है, यह सभी समीकरण को परखेगी। इसके आधार पर शहराध्यक्ष, जिलाध्यक्ष के लिए तीन से पांच नेताओं का पैनल बनेगा। इनका इंटरव्यू दिल्ली स्तर पर होगा और फिर वहीं से नियुक्ति आदेश होंगे।
चड्ढा और यादव की क्यों होगी विदाई
सदाशिव यादव तो जिलाध्यक्ष पद पर लंबे समय से थे और उनकी विदाई पहले से ही तय थी। बीच में नए की नियुक्ति होने जा रही थी लेकिन बाद में सृजन अभियान लॉन्च होने के चलते इसे रोक दिया गया। वहीं अब राहुल गांधी की प्राथमिकता 50 साल से कम उम्र के जिलाध्यक्ष और शहराध्यक्ष है। इसे देखते हुए नियुक्ति होना है, ऐसे में चड्ढा की भी विदाई तय है। चड्ढा के कार्यकाल में कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई, हां यह जरूर रहा है कि कांग्रेस में अंदरूनी स्तर पर कोई बड़ा बखेड़ा सामने नहीं आया और चड्ढा कई स्तर पर आंदोलन करते और थाने पर लड़ते हुए दिखे हैं, लेकिन उम्र उनके आड़े आ रही है।
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दावेदार में फिर चिंटू, पिंटू, दीपू, विपिन और अमन आएंगे आगे
ऐसे में बात युवाओं की करें तो इंदौर कांग्रेस के पास गिने-चुने नेता ही मौजूद हैं। यदि कांग्रेस अगले विधानसभा को लक्ष्य लेकर चलती तो वह नेता प्रतिपक्ष निगम चिंटू चौकसे पर विचार कर सकती है, क्योंकि निगम कार्यकाल दो साल में खत्म हो जाएगा। वहीं अगले निगम चुनाव समय पर सरकार कराएगी ऐसी कोई संभावना नहीं दिखती। वहीं पिंटू जोशी भी युवा नेतृत्व के रूप में चेहरा हैं, जीतू पटवारी तो उन्हें बनाएंगे नहीं लेकिन दिल्ली से यदि होता है तो वह प्रमुख दावेदार बन सकते हैं। वहीं दीपू यादव भी एक नाम है, जो इंदौर एक से लंबे समय से सक्रिय हैं। इसी के साथ लंबे समय से दावेदारी जता रहे अमन बजाज का नाम है। उधर विपिन वानखेड़े भी इसमें दावेदारी में हैं। हालांकि वह आगर-मालवा की एससी सीट से चुनाव लड़ते हैं। इंदौर शहर में कोई एससी सीट नहीं है, हालांकि ग्रामीण में सांवेर सीट है, यह भी संभव है कि विपिन भविष्य को देखते हुए जिलाध्यक्ष के लिए आगे हो जाएं।
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