इंदौर में डीएवीवी के सेल्फ फाइनेंस कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन में एक और गाज कर्मचारियों पर गिरी है। इसमें डीएवीवी के कुलपति प्रो. राकेश सिंघई ने कांग्रेस से निकाले गए अजय चौरड़िया, कर्मचारी नेता दीपक सोलंकी और सोहेल परवेज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इसके पूर्व हड़ताल खत्म करवाने को लेकर बीजेपी के नेताओं रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला और सुमित मिश्रा ने कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक की थी, लेकिन कर्मचारी नेताओं ने उसे हलके में लेते हुए बात नहीं मानी थी। बस उसी बैठक के बाद से ही हड़ताली कर्मचारियों पर एक–एक कार कार्रवाई होनी शुरू हो गई है।
यह है पूरा मामला
davv के सेल्फ फाइनेंस के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी दौरान 17 मई 2025 की दोपहर में कुलपति प्रो. सिंघई अपनी कार से वहां से गुजरे तो कर्मचारी उनकी कार के आगे बैठ गए और प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करने लगे थे। इस दौरान उन्होंने कुलपति की कार को आगे ही नहीं बड़ने दिया था। इसके बाद कुलपति को मजबूरन कार से उतरकर पैदल ही आगे जाना पड़ा था।
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इन नेताओं के खिलाफ हुआ केस
कुलपति की शिकायत पर कांग्रेस से निकाले गए अजय चौरड़िया, डीएवीवी स्ववित्त संस्थान कर्मचारी गैर शिक्षक संघ के अध्यक्ष दीपक सोलंकी और सोहेल परवेज के खिलाफ भंवरकुआं थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर बीएनएस की धारा 221, 126, 296 और 351 के तहत केस दर्ज किया गया है।
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यह लिखा है FIR में
डीएवीवी के कुलपति प्रो. राकेश सिंघई ने एफआईआर में लिखवाया है कि 17 मई 2025 को दोपहर साढ़े 3 बजे डीएवीवी विश्वविद्यालय परिसर में घटित हुई एक गंभीर एवं दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में आवेदन प्रस्तुत कर रहा हूं। उक्त समय पर कतिपय बाहरी व्यक्ति अजय चौरड़िया के सहयोग में दीपक सोलंकी एवं सोहेल परवेज ने विश्वविद्यालय कर्मचारियों द्वारा मेरे अधिकारिक वाहन को अवैध रूप से रोका गया और मुझे जबरन वाहन से बाहर उतरने के लिए मजबूर किया गया। जिसके कारण मेरे शासकीय कार्य के निर्वहन को रोका गया। तथा मेरा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरू के रूप में अपमान किया गया। इस दौरान जब मैं गाड़ी से उतरा तो मेरा रास्ता रोका गया और मुझे धमकाने की कोशिश की गई।
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कौन हैं ये कांग्रेस से निकाले गए नेता
असल में अजय चौरड़िया को पिछले दिनों मप्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस से बाहर किया गया था। ऐसा बताया जा रहा है कि कर्मचारियों की इस हड़ताल को चौरड़िया ने ही समर्थन दे रखा है। वहीं, दीपक सोलंकी भी चौरड़िया के करीबी माने जाते हैं। धरना प्रदर्शन पर बैठे कर्मचारियों के भोजन आदि की व्यवस्था का जिम्मा भी चौरड़िया ही उठा रहे हैं।
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बीजेपी नेताओं की भी नहीं सुनी
सेल्फ फाइनेंस कर्मचारियों की हड़ताल को समाप्त करवाने के लिए पिछले दिनों बीजेपी नेता भी डीएवीवी परिसर में पहुंचे थे। इसमें विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला और नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा भी मौजूद थे। इस दौरान हुई बातचीत को कर्मचारी नेताओं ने स्वीकारने से इनकार करते हुए हड़ताल जारी रखी थी। उसके बाद से ही उन पर कार्रवाई होनी शुरू हो गई थी। सबसे पहले हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए सभी कर्मचारियों का वेतन काटने के आदेश जारी हुए थे। उसके बाद कर्मचारी नेताओं को निलंबित भी कर दिया गया था।