INDORE. इंदौर सहकारी दुग्ध संघ ने सीएम डॉ. मोहन यादव और बीजेपी सरकार के फैसले के उलट फैसला ले लिया है। संघ की शुक्रवार को हुई 41वीं वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) में सर्व सहमति से फैसल लिया गया कि इंदौर दुग्ध संघ को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड यानी NDDB को नहीं सौंपा जाएगा।
सीएम ने सात दिन पहले ही किया था वादा
सीएम डॉ. मोहन यादव सात दिन पहले 14 सितंबर को ही दुग्ध संघ के इंदौर प्लांट आए थे और यहां अधिकारी कर्मचारियों के साथ सार्वजनिक चर्चा की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि बोर्ड के साथ हम यह करार रहे हैं कि कि प्लांट की कुशलता किस तरह से बने, सांची दुग्ध संध का नाम कहीं नहीं जाएगा और ना ही किसी अधिकारी-कर्मचारी को निकाल जाएगा। सांची, सांची ही रहेगा। बोर्ड के साथ कुशलता बढ़ाने के लिए करार होगा, जिससे यह अभी जो 700 करोड़ का टर्नओवर इंदौर का है वह पांच साल में दोगुना हो जाए। क्योंकि दो-तीन जगह को छोड़कर बाकी जगह घाटे में हैं।
ये खबर भी पढ़ें...
कैलाश विजयवर्गीय बोले- तिरुपति के लड्डू कई बार खाए पता नहीं कितनी बार मैंने चर्बी खा ली होगी...
बैठक में बताया गया 658 करोड़ रुपए टर्नओवर
41वीं वार्षिक साधारण सभा की बैठक अध्यक्ष मोती सिंह पटेल की अध्यक्षता में हुई। इसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक शर्मा व संचालकगण थे। पटेल ने अपने उद्बोधन में बताया कि दुग्ध संघ का वर्ष 2023-24 का वार्षिक टर्न-ओवर 658.00 करोड़ रुपए रहा है, जो आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 की वार्षिक कार्ययोजना अनुसार टर्न-ओवर 725.00 करोड़ रूपए होना संभावित है। दुग्ध संघ द्वारा वर्ष 2023-24 में 13 करोड़ नौ लाख का शुद्ध लाभ अर्जित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इन्दौर सहकारी दुग्ध संघ ही एक ऐसा शीर्ष सहकारी उपक्रम है, जो वर्ष 2013-14 से लगातार अपनी दुग्ध समितियों के माध्यम से दुग्ध उत्पादक सदस्यों को लाभांश एवं बोनस का वितरण कर रहा है।
फिर बैठक में रखा गया यह प्रस्ताव
इसके बाद बैठख में साधारण सभा में सर्वानुमति से प्रस्ताव पारित किया गया कि इंदौर सहकारी दुग्ध संघ लगातार लाभ की स्थिति में चल रहा है इसलिए इसे राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को नहीं दिया जाए। इसे सभी ने मंजूर किया।
यह प्रस्ताव भी हुए पास
पटेल द्वारा दुग्ध संघ संचालक मण्ड़ल एवं दुग्ध सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों की सर्वानुमति एवं सहमति से विभिन्न घोषणाएं की गई। जिसमें दुग्ध समितियों के दुग्ध क्रय दर में 40 रुपए प्रतिकिलो फैट की वृद्धि करते हुए दूध क्रय दर राशि 770 रुपए प्रतिकिलो फैट भुगतान किया जाएगा। दुग्ध प्रदायक सदस्य की मृत्यू पर उनके वारिस को दी जा रही अनुग्रह राशि 10000 हजार से बढाकर 20000 रुपए की गई। दुग्ध समितियों को दिये जा रहे कमीशन 10 रुपए प्रतिकिलो फैट को बढाकर 12रुपए प्रतिकिलो फैट किया गया।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक