इंदौर के राजा और सोनम का सीसीटीवी फुटेज आया सामने, 22 मई को आखिरी बार दिखे थे होटल में
शिलांग में लापता हुई नवविवाहिता सोनम रघुवंशी के भाई गोविंद रघुवंशी ने द सूत्र को बताया कि मुझे यहां आए 14 दिन हो गए हैं। अभी तक यहां की पुलिस सोनम का पता नहीं लगा पाई है।
इंदौर से हनीमून के लिए शिलांग गए राजा और सोनम रघुवंशी के गायब होने के मामले में एक और बड़ी जानकारी हाथ लगी है। इसमें दोनाें का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। दोनों ही आखिरी बार 22 मई को होटल के रिसेप्शन पर लगे सीसीटीवी फुटेज में देखे गए। इसके बाद 23 मई से उनका मोबाइल बंद आ रहा है। वहीं, राजा का अंतिम संस्कार बुधवार को इंदौर में किया गया। वहीं, सोनम की तलाश अभी तक जारी है। सर्चिंग के दौरान रेनकोट का जो हिस्सा मिला वह भी सोनम का नहीं है। इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की है।
3 से 4 घंटे की शिफ्ट में काम कर रही सोहरा पुलिस
शिलांग में लापता हुई नवविवाहिता सोनम रघुवंशी के भाई गोविंद रघुवंशी ने द सूत्र को बताया कि मुझे यहां आए 14 दिन हो गए हैं। अभी तक यहां की पुलिस सोनम का पता नहीं लगा पाई है। शिलांग से लगभग 70 किलोमीटर दूर सोहरा क्षेत्र में जहां राजा का शव मिला वहां की पुलिस तलाशी में लापरवाही बरत रही है। वह केवल दिन में 3 से 4 घंटे की शिफ्ट में ही काम करती है। बुधवार शाम को 4 बजे ही सर्चिंग बंद कर दी गई और अभी गुरुवार को सुबह साढ़े 11 बजे तक हम इंतजार ही कर रहे हैं कि पुलिस अपनी कार्रवाई शुरू करे। वहीं, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम तो लगातार कई घंटाें तक सर्चिंग कर रही है।
होटल के सीसीटीवी फुटेज में लाल घेरे में राजा और सोनम
राजा के शव ने खोल दी पुलिस की पोल
गोविंद ने बताया कि जब तक राजा का शव नहीं मिला था, तब तक तो यहां का पुलिस महकमा यह मानने को ही तैयार नहीं था कि हत्या जैसी कोई घटना भी यहां हो सकती है। राजा का शव मिलने के बाद भी वे अपहरण की बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं। वे लगातार यही बात बोल रहे हैं कि यहां पर तो ऐसी कोई घटना होती ही नहीं है। राजा के शरीर पर पेड़ काटने वाले हथियार से किए गए कई वार इस बात के प्रमाण हैं कि पुलिस सरासर झूठ बोल रही है और मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस टूरिस्ट की गलती बता रही
उन्होंने बताया कि यहां की पुलिस तो शुरू से केवल एक ही बात बोल रही है कि यहां पर जो टूरिस्ट आते हैं उनका पैर फिसल जाता है और वे दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इस पर जब हमने उनसे पूछा कि हर सप्ताह या हर महीने यहां पर इस तरह की कितनी वारदातों होती हैं तो इस पर वे कोई जवाब नहीं दे पाए और बात को पलट दिया। हमने राजा के शव मिलने के बाद पुलिस से यह भी पूछा कि क्या इसको भी आप अभी भी दुर्घटना ही मान रहे हैं तो भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। राजा के शव ने पुलिस की कार्यप्रणाली की सारी पोल खोलकर रख दी है।
सोहरा में सर्चिंग अभियान में शामिल सोनम के भाई गोविंद ने और भी कई खुलासे किए हैं। उनका कहना है कि जिन संदिग्धों को लेकर हमने पुलिस से बात की। उनमें से किसी एक से भी पुलिस ने पूछताछ नहीं की है। हमारे पूछने पर पता चला कि यहां के ग्रामीणों, दुकानदार आदि लोगाें से अगर पुलिस किसी बात की पूछताछ करती है तो वे काफी उग्र हो जाते हैं और पुलिस को ही मारने दौड़ते हैं। इसी को देखते हुए पुलिस ने अभी तक किसी से भी पूछताछ नहीं की है।
सोनम की तलाश दो तरह से चल रही है। ग्राउंड पर तो सोहरा पुलिस और एनडीआरएफ की टीम जुटी हुई है। वहीं, दूसरी तरफ सोनम के मोबाइल की लोकेशन को सायबर पुलिस ट्रेस कर रही है। इसके अलावा एसटीएफ सभी तकनीकी पहलुओं की पड़ताल कर रही है।
गोविंद ने बताया कि 14 दिन से हम पुलिस और एनडीआरएफ के साथ सर्चिंग अभियान में लगे हैं। इस दौरान पहली बार हमने सोहरा पुलिस को अपनी यूनिफॉर्म में देखा। इसके पहले तक सोहरा थाने का कुल 10 के करीब स्टाफ हमेशा ही काले रंग की लोवर और टी–शर्ट में देखने को मिला। राजा का शव मिला तब सोहरा पुलिस यूनिफॉर्म में नजर आई। इस पर हमने पूछा कि आप यूनिफॉर्म नहीं पहनते तो बोले कि कभी जरूरत ही महसूस नहीं हुई। पूरे थाने का स्टाफ सिर्फ डंडे ही साथ रखता है, इतने दिनों में हमने किसी के पास भी कभी गन तक नहीं देखी। इसके सवाल पर भी वे बोले कि गन की जरूरत ही क्या है। यहां पर ऐसी कोई घटना होती ही नहीं है।