इंदौर डीसीपी, एडिशनल डीसीपी जांच कर चुके, टीआई बोले जांच कर गिरफ्तारी करेंगे, आरोपी सुनील मंदारमानी की अग्रिम जमानत खारिज

इंदौर में 14 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी सुनील मंदारमानी की अग्रिम जमानत जिला कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई है। यह मामला केशव नाचानी और अंकुश नाचानी द्वारा दर्ज कराया गया था।

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Sanjay Gupta
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Indore DCP Investigate Fraud Case Involving Sunil Mandarmani Bail Rejected
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केशव नाचानी उर्फ हनी (जो खुद जमीन की धोखाधड़ी के केस में आरोपी है और जेल भी जा चुके हैं) के साथ 14 करोड़ की धोखाधड़ी के चल रहे विवाद में सुनील मंदारमानी की जमानत जिला कोर्ट से खारिज हो चुकी है और मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। इस मामले में सुनील के साथ ही अशोक मंदारमानी भी आरोपी है। वहीं इसमें सतनाम बिल्डर्स और नाचानी सौदे में उलझी हुई पार्टी है। लेकिन इसमें पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

यह है पूरा केस

सुनील मंदारमानी और अशोक मंदारमानी के खिलाफ केशव नाचानी और अंकुश नाचानी ने जूनी इंदौर थाना में जुलाई 2025 में केस दर्ज कराया। इसमें आरोप लगाया कि संतोष देवकान कंपनी के शेयर उन्हें शिफ्ट करने के लिए 14 करोड़ में मंदारमानी के साथ सौदा हुआ और लिखित करार हुआ। यह करार साल 2022 में हुआ। इसके लिए 1 करोड़ का भुगतान उन्होंने मंदारमानी को कर भी दिया। लेकिन बाद में पता चला कि इन्होंने इसका सौदा सतनाम बिल्डर्स के साथ भी किया हुआ है। यह छिपाकर करार और धोखा दिया गया। इस पर जूनी इंदौर पुलिस ने 12 जुलाई को केस दर्ज कर लिया। यह केस 420 और 409 धारा में हुआ।

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पुलिस दे रही पूरी मोहलत, मंदारमानी ले आए जमानत

इस मामले में जूनी इंदौर पुलिस की कार्यशैली विवादित हो रही है। इसमें 22 जुलाई को केस दर्ज होने के बाद भी मंदारमानी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इसमें टीआई अजय गुप्ता कहते हैं कि अभी जांच चल रही है चार सौ बीसी के केस में कई दस्तावेजी जांच की जरूरत होती है, यह होते ही अपराध सिद्ध होने पर गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं रोचक बात यह कि पुलिस द्वारा ही दर्ज एफआईआर में साफ लिखा है कि इसमें प्राप्त शिकायती पत्र की जांच एडिशनल डीसीपी आनंद यादव कर चुके हैं और उन्होंने इसका प्रतिवेदन डीसीपी जोन 4 को दिया था। इस दौरान शिकायतकर्ता नाचानी के साथ ही आकाश सचदेव नरेश खेमलानी व अन्य के बयान भी हुए। फिर इस प्रतिवेदन और दस्तावेज को एफआईआर के लिए उपयुक्त मानकर थाने भेजा गया जिस पर जूनी पुलिस ने केस दर्ज किया। यानी एडिशनल डीसीपी और डीसीपी स्तर पर पहले ही जांच हो चुकी है और प्रारंभिक तौर पर अपराध पाया गया था। कुल मिलाकर पूरा मौका दिया जा रहा है कि आरोपी जमानत लेकर आ जाए।

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अग्रिम जमानत हुई खारिज, मंदारमानी गिरफ्तार नहीं हुआ

इस मामले में मंदारमानी अग्रिम जमानत के लिए जिला कोर्ट गया, जहां 30 जुलाई को यह जमानत याचिका खारिज कर दी गई। लेकिन इसके बाद भी अभी तक जूनी इंदौर पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया है। अब मंदारमानी ने इस मामले में हाईकोर्ट में केस दायर किया है। इसमें दो याचिकाएं लगी हैं, इसमें एक में उसने जूनी इंदौर थाना प्रभारी को पक्षकार बनाया तो दूसरी में थाना प्रभारी के साथ ही केशव नाचानी व अन्य पुलिस अधिकारी को पक्षकार बनाया है। इस जमानत पर भी आपत्ति लगी है जिसमें अब आगे सुनवाई होगी।

केस में फंसे हैं 400 प्लॉट धारक

इस मामले में 400 करीब प्लॉटधारक फंसे हुए हैं। क्योंकि इसमें कॉलोनी कटी और बिना रेरा मंजूरी के प्लॉट कटकर बेचे गए। इन सभी के आपसी विवाद में कॉलोनी के प्लॉटधारक उलझ गए हैं। हाईकोर्ट की सुनवाई में आया कि मंदारमानी को पहले भी जमानत इसी आधार पर मिली थी कि वह प्लॉटधारक का मामला सुलझाएगा लेकिन वह नहीं सुलझा रहे हैं। वह आदतन अपराधी है और पहले भी पांच केस हैं, ऐसे में अब उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए। उधर इस केस में दूसरा पक्ष नाचानी भी विवादित है और इंदौर में चले भूमाफिया अभियान के दौरान उस पर केस दर्ज हुए।

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