/sootr/media/media_files/2025/07/03/sourabh068-2025-07-03-14-11-23.jpg)
इंदौर के देवास बायपास पर जाम लगने को लेकर हाईकोर्ट में लगाए गए केस की सुनवाई में एनएचएआई की वकील ने अजीब तर्क दिए थे। उसके बाद एक विवाद खड़ा हो गया था और एनएचएआई के अफसरों की पूरे देशभर में जमकर किरकिरी हुई थी। उस विवाद से खुद को अलग दिखाने के लिए एनएचएआई के अफसरों ने अब अपने ही वकील को नोटिस दे दिया है। वहीं, एनएचएआई की एडवोकेट अनीता शर्मा ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह हमारा इंटरनल मामला है।
कोर्ट में यह कहा था एनएचएआई की एडवोकेट ने
इंदौर-देवास बायपास पर लगे जाम, बदहाल सर्विस रोड, बायपास पर जगह-जगह गड्डों को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर पिछले दिनों हाईकोर्ट की डिविजन बेंच के समक्ष सुनवाई हुई। इसमें एनएचएआई की वकील ने अजीब तर्क देते हुए कह दिया था कि लोग निकलते ही क्यों हैं बिना काम इतनी जल्दी, जाम तो लगेगा ही। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि लोगों को बायपास से मॉल, होटल व गार्डन जाना रहता है, इसलिए स्थिति बिगड़ रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि बायपास पर मॉल खुल गए, होटल, रेस्टारेंट और मैरिज गार्डन भी हैं। कई टाउनशिप भी विकसित हो गई हैं। इससे लोड बढ़ रहा है।
हाईकोर्ट ने यह कहा था
इसी दौरान हाई कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि बायपास में वाकई में जाम लग रहा है। हम खुद इस समस्या को महसूस कर चुके हैं। कोर्ट ने एनएचएआई को एक सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है। यह भी कहा कि जो डायवर्शन लागू किया गया है वह फिलहाल जारी रहेगा। याचिकाकर्ता तनिष्क पटेल की ओर से शीघ्र सुनवाई की अर्जी दायर की गई थी।
खबर यह भी...इंदौर हाईकोर्ट में NHAI का तर्क: लोग निकलते ही क्यों हैं बिना काम इतनी जल्दी, जाम तो लगेगा ही
यह स्पष्टीकरण जारी किया NHAI ने
एनएचएआई ने 30 जून को हाईकोर्ट में जानलेवा जाम पर दायर याचिका में सुनवाई के दौरान उनके एडवोकेट द्वारा दिए गए अजीब तर्क से अपने आप को अलग करते हुए पल्ला झाड़ लिया है। बुधवार को एनएचएआई ने अपने वकील को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अर्धारिटी ने सोशल मीडिया पर भी लिखा कि हाईकोर्ट में वकील की ओर से जो तर्क दिया गया, वह कार्यालयीन वक्तव्य नहीं है। इस संबंध में वकील को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
यह है पूरा मामला
असल में यह पूरा मामला इंदौर-देवास के बीच अर्जुन बड़ौद में फ्लाइओवर के निर्माण का है। इसकी सर्विस रोड खराब होने से वाहन चालक कई दिनों से जाम में फंस रहे थे। ब्रिज का निर्माण कछुआ गति से चल रहा है। इसके कारण पिछले साल बारिश में भी परेशानी आई थी। 27-28 जून को तो यहां लंबा जाम लग गया, लोगों को 48 घंटे से ज्यादा परेशान होना पड़ा। जाम में फंसने के कारण इलाज नहीं मिलने से तीन लोगों की जान भी चली गई।
द सूत्र ने एक्सपर्ट से जानी NHAI के नोटिस की हकीकत
एनएचएआई द्वारा जाम को लेकर लगातार झूठे बयान दिए जा रहे हैं और कोर्ट में भी गलत जानकारी दी जा रही है। वहीं, हाल ही में एडवोकेट को नोटिस दिए जाने के मामले में द सूत्र ने लीगल एक्सपर्ट हाईकोर्ट एडवोकेट प्रमोद द्विवेदी और मनीष यादव से इसके पीछे का सच जाना। उन्होंने बताया कि जब भी कोई अधिवक्ता शासकीय अधिवक्ता बनता है तो उस पर वे ही नियम लागू हो जाते हैं जो कि एक सरकारी अफसर पर लागू होते हैं।
सरकारी अधिवक्ता भी सिविल सेवा आचरण अधिनियम के अंतर्गत आते हैं। ऐसे में जब भी कोई अधिवक्ता किसी विभाग की तरफ से पैरवी करता है तो उसके पूर्व वह जवाब तैयार करता है। उस जवाब को संबंधित विभाग के अफसर पढ़ते हैं और उस पर हस्ताक्षर करते हैं। इसके बाद ही शासकीय अधिवक्ता जवाब कोर्ट में पेश करता है। एनएचएआई अगर इस मामले में चाहता तो केवल एडवोकेट के संबंध में बार काउंसिल से शिकायत कर सकता है और सनद रद्द करने के लिए लिख सकता है। साथ ही वह संबंधित एडवोकेट को अपनी तरफ से पैरवी करने से हटा भी सकता है।
जिरह में एडवोकेट उदाहरण दे सकता है
हाईकोर्ट एडवोकेट मनीष यादव और प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि किसी मामले की अगर जिरह चल रही है तो फिर जरूर उस दौरान एडवोकेट किसी उदाहरण के रूप में बताते हुए कुछ बोल सकता है। हालांकि इस मामले में तो अभी जिरह शुरू भी नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि एनएचएआई की एडवोकेट के कहने के पीछे यह उदाहरण हो सकता है कि कई बार जाम अनावश्यक रूप से लोगों के घूमने निकलने से भी हो जाता है, जैसे कि जाम गेट पर होता है। हालांकि वे पिकनिक को लोगाें के घूमने से जोड़ रही थीं, जबकि पिकनिक से तो सरकार को राजस्व मिलता है।
जाम पर यह सफाई दे चुका है NHAI
इंदौर–देवास बायपास और अर्जुन बरोदा ओवरब्रिज क्षेत्र में अब यातायात पूरी तरह से सामान्य हो गया है। वाहनों की आवाजाही अब सुगमता से हो रही है और यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के मुताबिक अर्जुन बरोदा क्षेत्र में बनाए गए डायवर्जन मार्ग की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिससे अब यहां से वाहन सामान्य रूप से गुजर रहे हैं। साथ ही बाईपास के अन्य हिस्सों में भी ट्रैफिक सुचारू रूप से संचालित हो रहा है।
बोला था, जांच में पता चला जाम में नहीं हुई मौत
एनएचएआई की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया था कि– जांच में स्पष्ट हुआ कि अर्जुन बरोदा बायपास क्षेत्र में जाम के कारण तीन व्यक्तियों की मृत्यु होने की खबर पूरी तरह भ्रामक हैं। बताया गया कि एक व्यक्ति की मृत्यु शाजापुर से इंदौर आते समय हुई थी, जबकि दूसरी घटना लसूड़िया क्षेत्र की है। इन दोनों मामलों का अर्जुन बरोदा क्षेत्र के जाम से कोई संबंध नहीं है। साथ ही अपील की गई है कि नागरिक अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें।