इंदौर-देवास बायपास पर हुई मौत पर भी झूठ बोल रहा NHAI

इंदौर–देवास बायपास और अर्जुन बरोदा ओवरब्रिज क्षेत्र में अब यातायात पूरी तरह से सामान्य हो गया है। वाहनों की आवाजाही अब सुगमता से हो रही है और यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

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Vishwanath Singh
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Sourabh300
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इंदौर-देवास बायपास पर पिछले दिनाें लगे जाम में हजारों वाहन कई घंटाें तक फंसे रहे और उनमें से तीन लोगाें की मौत भी हो गई थी। इन मौतों की जिम्मेदारी लेने के बजाए अब एनएचएआई की तरफ से बयान जारी कर सफाई दी गई है। उसने दावा किया है कि जाम के कारण किसी की भी मौत नहीं हुई है। NHAI के इस दावे को किसान व अन्य मृतक के परिजनों ने ही झूठा साबित कर दिया है। परिजनों के मुताबिक जब अटैक आया तब वे जाम में फंसे हुए थे और समय पर अस्पताल तक नहीं पहुंच पाए।

यह सफाई दी है NHAI ने

इंदौर–देवास बायपास और अर्जुन बरोदा ओवरब्रिज क्षेत्र में अब यातायात पूरी तरह से सामान्य हो गया है। वाहनों की आवाजाही अब सुगमता से हो रही है और यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के परियोजना निदेशक सोमेश बांझल ने बताया कि अर्जुन बरोदा क्षेत्र में बनाए गए डायवर्जन मार्ग की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिससे अब यहां से वाहन सामान्य रूप से गुजर रहे हैं। साथ ही बायपास के अन्य हिस्सों में भी ट्रैफिक सुचारू रूप से संचालित हो रहा है।

जांच में पता चला जाम में नहीं हुई मौत

एनएचएआई की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि– जांच में स्पष्ट हुआ कि अर्जुन बरोदा बायपास क्षेत्र में जाम के कारण तीन व्यक्तियों की मृत्यु होने की खबर पूरी तरह भ्रामक हैं। बताया गया कि एक व्यक्ति की मृत्यु शाजापुर से इंदौर आते समय हुई थी, जबकि दूसरी घटना लसूड़िया क्षेत्र की है। इन दोनों मामलों का अर्जुन बरोदा क्षेत्र के जाम से कोई संबंध नहीं है। साथ ही अपील की गई है कि नागरिक अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें।

जाम में ही निकल गए थे प्राण

गुरुवार को कमल पांचाल की बहन की तेरहवीं का कार्यक्रम था। परिजनाें ने बताया कि इसमें शामिल होने के लिए वे पत्नी शारदा, बेटे विजय और बहू प्रियंका के साथ कार में जा रहे थे। डायवर्शन की वजह अर्जुन बड़ौदा के पास जाम लग गया, जिसमें उनकी कार भी फंस गई। कुछ देर बाद उन्हें घबराहट होने लगी। इस दौरान बेटे विजय ने कार निकालने की कोशिश की, लेकिन वह आगे बढ़ नहीं सकी, क्योंकि वहां से मूव करने तक की जगह नहीं थी। इस बीच वे तड़पते रहे और बेहोश हो गए। करीब डेढ़ घंटे बाद जब जाम खुला तो परिवार के लोग उन्हें उसी कार से देवास के एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवार का कहना है कि जाम हटाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। यहां अक्सर जाम लगता है। बारिश के दिनों में तो और भी फजीहत हो जाती है।

एक अन्य हार्ट पेशेंट की भी हुई मौत

गारी पिपल्या गांव के रहने वाले संदीप पटेल (32) की भी जाम में फंसने के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई। चाचा सतीश पटेल ने बताया कि गुरुवार शाम संदीप के सीने में दर्द उठा। इस पर वे उसे मांगलिया स्थित अस्पताल ले जाने के लिए निकले। पास ही रेलवे ब्रिज का काम चल रहा है, वे जाम में फंस गए। सिंगापुर टॉउनशिप के रास्ते से निकलने की कोशिश की तो वहां भी जाम लगा था। बमुश्किल वहां से निकलकर मांगलिया पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताकर इंदौर ले जाने को कहा। इंदौर आने के दौरान तलावली चांदा और देवास नाके पर जाम में 3 घंटे फंसे और इस दौरान संदीप ने दम तोड़ दिया।

ऑक्सीजन ही खतम हो गई

शुजालपुर के कैंसर पीड़ित बलराम पटेल (55) को परिजन इंदौर ला रहे थे। कार में दो ऑक्सीजन सिलेंडर थे। एक सिलेंडर देवास में दूसरा 2 घंटे जाम में फंसे रहने के दौरान खत्म हो गया। परिवार के लोग परेशान हो गए। उन्होंने जाम से निकलने की कोशिश की, लेकिन जगह ही नहीं मिली और हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार बलराम पटेल ने दम तोड़ दिया। मौत के बाद शव लेकर लौटने में भी परिवार के लोग 1 घंटे जाम में फंसे रहे।

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