EAG बैठक में उठी बात, टेरर फंडिंग में क्रिप्टो अहम टूल, इस पर पर्याप्त रेगुलेशन नहीं

मध्‍य प्रदेश के इंदौर में यूरेशियन समूह देशों की 41वीं ईएजी बैठक हुई। बैठक में मनी लॉन्ड्रिंग के नए तरीकों पर चिंता व्यक्त की गई और इसे रोकने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर चर्चा की गई।

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Sanjay gupta
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EAG Meeting Money Laundering
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Indore : यूरेश्यिन ग्रुप देशों की 41वीं ईएजी बैठक में मनी लॉन्ड्रिंग के नए-नए तरीकों को लेकर चिंता व्यक्त की गई और इसे रोकने के लिए साझा प्रयास की जरूरत पर बात हुई। खासकर टेरर फंडिंग में जिस तरह से क्राइम मनी आ रही है। इसके लिए क्रिप्टो अहम भूमिका निभा रहा है। इस पर द सूत्र ने ईएजी के ग्रुप अध्यक्ष यूरी चिकानचिन से पूछा कि क्रिप्टो को बैन करने पर क्या बैठक में विचार हुआ। इस पर चिकानचिन ने इसे गंभीर और जटिल सवाल बताते हुए यह जवाब दिया।

इस पर अभी कहीं भी पर्याप्त रेगुलेशन नहीं

चिकानचिन ने कहा कि यह गंभीर और जटिल सवाल है, लेकिन मैं विशेषज्ञ के तौर पर मेरे विचार बता सकता हूं- आप क्रिप्टो को रेगुलेट तब तक नहीं कर सकते हैं जब तक कि इसका ग्लोबल साल्यूशन हल नहीं निकाला जाता है। लेकिन अभी पूरी दुनिया में इसे रेगुलेट करने के लिए पर्याप्त स्थिति नहीं है। लेकिन यह आपको सोचना है कि आप क्रिप्टो में कहां पर कैसे काम कर रहे हैं।

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साइबर फ्राड में गोल्डन अवर अहम

केंद्रीय अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने बढ़ते हुए साइबर क्राइम को लेकर कहा कि यह काफी अहम है इसमें गोल्डन अवर में मनी ट्रेल को रोक जाए और जब मनी एक खाते में जाती है तो उसे फ्रिज किया जाए। एक बार मनी ट्रेल बन गई तो इसे पकड़ना मुश्किल होता है। इसके लिए दो स्तर पर भारत में काम हो रहा है, पहले जागरूकता को लेकर, इसके लिए समझाइश दी जा रही है कि किसी को ओटीपी नहीं दें, एकाउंट नंबर नहीं दें, वहीं फायनेंसिंयल एजेंसी, फानयेंसियल एक्सन टेक्शन फोर्स, सभी डीजीपी के साथ पीएम जल्द बैठक करने जा रहे हैं। इसमें कई अहम बातें होंगी कि कैसे साइबर फ्राड रोका जाए और गोल्डन अवर में मनी ट्रेल रूके। अग्रवाल ने बताया कि जिस तरह से भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन है ( 88 बिलियन) वह किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। ऐसे में यह काफी अहम है कि रेगुलेशन मजबूत हो।

भारत ने किया शानदार काम

बैठक में फैसला लिया गया कि भारत एफएटीएफ आवश्यकताओं के साथ तकनीकी अनुपालन के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण जोखिम की समझ, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, बुनियादी और लाभकारी स्वामित्व जानकारी तक पहुंच, वित्तीय खुफिया जानकारी का उपयोग और अपराधियों को उनकी संपत्ति से वंचित करना और प्रति-प्रसार वित्तपोषण उपाय शामिल हैं। ईएजी के सभी सदस्यों ने भारत को 'नियमित अनुवर्ती' श्रेणी में रखे जाने के लिए बधाई दी, जो पारस्परिक मूल्यांकन में सर्वोत्तम संभव परिणाम है। इसके अलावा ताजिकिस्तान पर एक प्रगति रिपोर्ट की भी समीक्षा की गई और उसे मंजूरी दी गई।

सभी देश मिलकर करेंगे काम

चिखानचिन ने कहा कि इंदौर में आयोजित ईएजी बैठक में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए ईएजी के सभी सदस्य देश, एफएटीएफ सचिवालय, एफएटीएफ-शैली के क्षेत्रीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ आर्मेनिया, ईरान, यूएसए, जापान, सीआईएस एटीसी, ईडीबी, ईईसी, सीआईएस कार्यकारी समिति, आईएमएफ, न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी), सीएचएफआईयू, एससीओ, अजरबैजान, नेपाल, यूएई, सऊदी अरब और श्रीलंका के पर्यवेक्षकों और आमंत्रित प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया।

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