इंदौर में जुलाई तक नहीं हुई अच्छी बारिश, 10 लाख पौधे सूखने की कगार पर

वन विभाग के अफसरों ने बताया कि इंदौर शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में 3.50 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। बारिश नहीं होने के कारण विभाग की सबसे ज्यादा चिंता इसी क्षेत्र को लेकर है।

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Vishwanath Singh
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Sourabh524
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इस बार मानसून की चाल ने इंदौर वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है। जून से लेकर जुलाई माह के तीसरे हफ्ते तक भी जैसी बारिश होनी चाहिए थी, वैसी नहीं हुई। नतीजा अब तक लगाए गए लाखों पौधों पर सूखने का खतरा मंडराने लगा है। वन विभाग ने अभी तक 10 लाख से ज्यादा पौधे लगाए हैं और जुलाई के अंत तक यह संख्या 20 लाख पार करनी है।

4 रेंजों में लगाए गए 10 लाख से ज्यादा पौधे

वन विभाग के अफसरों ने बताया कि इंदौर शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में 3.50 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। बारिश नहीं होने के कारण विभाग की सबसे ज्यादा चिंता इसी क्षेत्र को लेकर है। अभी 2 लाख पौधे और लगाने का टारगेट है, लेकिन मौजूदा हालात में पहले लगाए गए पौधों को बचाना ही चुनौती बन गया है।

यह है अभी की स्थिति

  • 5 जून से 15 जुलाई तक बड़े स्तर पर हुआ पौधरोपण अभियान

  • इंदौर, महू, मानपुर और चोरल फॉरेस्ट रेंज में अब तक 10 लाख पौधे

  • लेकिन इंदौर में अब तक सिर्फ छुटपुट बारिश, पर्याप्त पानी नहीं मिलने से खतरे में पौधे

  • हर पौधे पर 80 रुपये तक खर्च, लाखों की मेहनत पर फिर सकता है पानी

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पौधरोपण की लिस्ट

चारों फॉरेस्ट रेंज में अब तक इतने पौधे लगे

फॉरेस्ट रेंज

लगाए गए पौधे

इंदौर

3.50 लाख

महू

1 लाख से ज्यादा

मानपुर

1.50 लाख

चोरल

35,000

80 रुपये में एक पौधा, खर्च हुआ करोड़ों में

एक पौधा 14 रुपये में तैयार होता है, जिसे पर्यावरण वानिकी से खरीदा जाता है। उसे लगाने से लेकर खाद और पानी देने तक की व्यवस्था में प्रति पौधा 80 रुपये खर्च हो जाते हैं। यानी अब तक लगाए गए पौधों पर 8 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। यदि बारिश नहीं हुई तो ये राशि और मेहनत दोनों बर्बाद हो सकती हैं।

सिर्फ वन विभाग ही नहीं, सामाजिक संस्थाएं भी संकट में

वन विभाग के अलावा IDA, नगर निगम, एनजीओ और सामाजिक संगठनों ने भी हजारों की संख्या में पौधे रोपे हैं। पर्यावरण वानिकी के अधिकारी धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि उनके यहां से सैकड़ों संस्थाएं और सरकारी विभाग पौधे खरीद चुके हैं और शहर के अलग-अलग इलाकों में रोपण कर चुके हैं। अब ये संस्थाएं भी लगातार बदलते मौसम और बारिश की अनिश्चितता से परेशान हैं। अगर जल्द ही अच्छी बारिश नहीं हुई, तो शहर का सबसे बड़ा हरियाली अभियान असफल हो सकता है।

यह बोले अफसर

वन विभाग के डीएफओ का कहना है कि "20 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। अब तक 10 लाख लगाए जा चुके हैं। बारिश अगर इसी तरह नहीं हुई, तो पहले से लगे पौधों को बचाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।"

पौधरोपण की स्थिति पर एक नजर

  • पर्यावरण दिवस (5 जून) से लगातार चल रहा पौधरोपण

  • जुलाई के अंत तक 20 लाख पौधे लगाने का टारगेट

  • बारिश नहीं होने से हजारों पौधे मुरझाए

  • विभाग के अधिकारी रेंजर रैंक तक ग्राउंड पर निगरानी में जुटे

  • पौधों को बचाने के लिए वैकल्पिक जलस्रोत खोजे जा रहे

अब उम्मीद सिर्फ बादलों से

फिलहाल वन विभाग ने पौधों की सिंचाई के लिए वैकल्पिक इंतजाम शुरू कर दिए हैं, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर पौधों को बचा पाना आसान नहीं है। यदि जल्द ही इंदौर में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो हजारों पौधे सूखकर खत्म हो जाएंगे और करोड़ों की लागत पर पानी फिर जाएगा।

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