नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और कभी-कभी विधायक रमेश मेंदोला के नाम पर धमकाने वाले बसंत विजयवर्गीय और अखिल उपासनी पर चंदननगर थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज हो गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने अवैध कॉलोनी की जमीन वैध बताकर बेच दी। यह धोखाधड़ी 5.62 करोड़ रुपए की हुई है।
मंत्री को पता चला तो पुलिस को किया फोन
अखिल उपासनी खासकर पहले विधायक रमेश मेंदोला के करीबी थे, लेकिन कुछ साल पहले उनकी कारगुजारियां सामने आने पर विधायक मेंदोला ने उन्हें ग्रुप से बाहर कर दिया था। वहीं बसंत हमेशा से खुद को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के करीबी व खुद को उनका रिश्तेदार बताते हुए धौंस जताता रहा है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को यह खबर लगी तो वह इस पर बेहद नाराज हुए। उन्होंने खुद पुलिस अधिकारियों को फोन किया कि पीड़ितों के पक्ष और कागज देखकर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
कौन है बसंत और अखिल
अखिल पिता गोविंद उपासनी 356/3 नंदा नगर का ही निवासी है, जहां पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का भी पास में निवास है। यह लगातार उनके करीबी होने की बात बाजार में कहते हुए लोगों पर दबाव बनाते आया है। इसी तरह बसंत पिता नर्बदा प्रसाद विजयवर्गीय 26/ए सुभाष नगर परदेसीपुरा का निवासी है। यह सालों से मंत्री विजयवर्गीय के करीब रहा है और उनके नाम पर धौंस जमाने का काम करता रहा है।
इन सभी पर हुई एफआईआर
चंदननगर थाने में अखिल, बसंत के साथ ही वायएएस रियल एस्टेट कंपनी (YAS REAL STATS COM) पर धारा 420 और 406 के तहत केस दर्ज हुआ है। इसमें वायएएस रियल एस्टेट कंपनी के भागीदार सफदर पिता मुल्ला ताहिर भाई लिमाखेड़ा पर भी आरोप लगे हैं।
इस तरह की गई 5.62 करोड़ की धोखाधड़ी
यह केस फरियादी अमित सिंह ने दर्ज कराया है। सिंह और उनके पार्टनर ने मिलकर सिंहासा ग्राम की क्लासिक एवेन्यू जो सर्वे नंबर 237/1/1, 237/2/1, 237/2/2 पर है में 1.50 लाख वर्गफीट जमीन पर कटे भूखंड का सौदा किया था। इसके लिए अखिल, बसंत को राशि दी गई साथ ही वायएएस कंपनी को भी सौदा राशि दी गई। कुल राशि 5.62 करोड़ रुपए दिए गए।
सौदे में था कि इस राशि के बदले में सिंह व अन्य को कंपनी वायएएस रियल एस्टेट में पार्टनर भी बनाया जाना था। लेकिन बाद में सामने आया कि जिस कॉलोनी के भूखंड बेचे गए, वह कॉलोनी अवैध है, साथ ही जो भूखंड बेचना बताया गया है, वह तो सरकार के पास बंधक रखे प्लाट के हैं, जो बेचे ही नहीं जा सकते हैं। ना ही सिंह व उनके पार्टनर को कंपनी में लिया गया, बताया गया कि यह राशि तो बसंत और अखिल ने ली है, कंपनी को नहीं दी है, पहले बकाया राशि दो।
धमका कर बोले नंदानगर आकर हमारे बारे में पूछ लेना
इसके बाद विवाद शुरू हुआ तो इसके बाद सिंह व अन्य को धमकाना शुरू कर दिया गया। एफआईआर में लिखा है कि हमे धमकाया गया कि बाकी सौदा राशि भी दो, नहीं तो हत्या करवा देंगे। हमे जानता नहीं है, नंदानगर में जाकर हमारे बारे में पूछ लेना। पुलिस ने फरियादी के आदन पर केस दर्ज कर लिया है।
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