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इंदौर के भंवरकुआ स्थित आरके हॉस्पिटल में मंगलवार को 24 वर्षीय युवती छाया जायसवाल की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। उनका आरोप था कि युवती को समय पर ऑक्सीजन नहीं दी गई, ICU में शिफ्ट करने में 15 मिनट की देरी हुई और उस दौरान कोई सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं था।
नाश्ते के बाद बिगड़ी तबीयत, अचानक बिजली गुल
छाया के चाचा सुरेश जायसवाल ने बताया कि सुबह नाश्ता करने के बाद छाया को अचानक घबराहट होने लगी। कमरे में ऑक्सीजन की सुविधा नहीं थी और उसी समय अस्पताल की बिजली भी गुल हो गई। परिजन के अनुसार, उसे वार्ड से ICU ले जाने में करीब 15 मिनट लग गए। वहां पहुंचने के बाद इलाज शुरू हुआ लेकिन 20 मिनट बाद डॉक्टरों ने मौत की सूचना दे दी।
डॉक्टर बोले- हार्ट और लंग्स फेल होने से हुई मौत
इस मामले में ड्यूटी डॉक्टर अंकित मेश्राम का कहना है कि छाया पहले से ही गंभीर हालत में भर्ती थी। वह टीबी की मरीज थी और शरीर में संक्रमण काफी बढ़ गया था। उसकी मौत कार्डियक पल्मोनरी अरेस्ट यानी हार्ट और लंग्स फेल होने की वजह से हुई है।
CCTV फुटेज में सामने आया सच
परिजनों का आरोप था कि छाया को ऑक्सीजन नहीं दी गई थी। जबकि डॉक्टरों का कहना था कि उसे ऑक्सीजन लगी थी। सब इंस्पेक्टर अरविंद खत्री ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर अस्पताल का सीसीटीवी फुटेज देखा गया, जिसमें साफ दिखाई दिया कि युवती को मौत के समय ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं लगाया गया था। फुटेज सामने आने के बाद परिजनों का आक्रोश और बढ़ गया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का प्रकरण दर्ज किया है। वहीं, परिजनों का कहना है कि यदि समय पर ऑक्सीजन और बैकअप सिस्टम की व्यवस्था होती तो छाया की जान बचाई जा सकती थी।
पोस्टमॉर्टम के लिए एमवाय भेजा शव
हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने परिजनों को शांत कराया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए एमवाय अस्पताल भिजवाया गया। शाम को पोस्टमॉर्टम किया गया। छाया अपने परिवार में सबसे बड़ी थी और कॉलेज की छात्रा थी। उसके तीन छोटे भाई-बहन हैं। अचानक मौत से पूरा परिवार सदमे में है। मां ममता जायसवाल की हालत बदहवास बताई जा रही है।
दवाइयों को लेकर भी विवाद
परिजनों ने आरोप लगाया कि छाया की मौत हो जाने के बाद भी डॉक्टरों ने उनसे दवाइयां मंगवाई। इस पर डॉक्टर मेश्राम ने सफाई दी कि जब मरीज को ICU लाया गया तो उसे CPR और इमरजेंसी दवाओं की सख्त जरूरत थी। अस्पताल की उपलब्ध दवाइयां तुरंत दी गईं और परिजनों से वही दवाइयां दोबारा लाने के लिए कहा गया ताकि स्टॉक में कमी न हो। Indore Latest News