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Indore Gopal Mandir Marriage Garden officials removed by Divisional Commissioner Photograph: (the sootr)
इंदौर में अधिकारियों की नासमझी और लापरवाही के चलते 193 साल पुराने ऐतिहासिक गोपाल मंदिर, मैरिज गार्डन में बदल गया। रविवार को हुई शादी शादी के बाद संभागायुक्त दीपक सिंह ने इस मामले में सख्त कदम उठाया है। उन्होंने इस मामले में माफी अधिकारी और मंदिर मैनेजर दोनों को ही तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
संभागायुक्त ने यह दिए आदेश
इस मामले में सोमवार को दफ्तर खुलते ही संभागायुक्त सिंह ने एसडीएम विनोद राठौर को माफी अधिकारी के दायित्व से मुक्त कर दिया। उनकी जगह संयुक्त कलेक्टर कल्याणी पांडे को माफी अदिकारी का दायित्व दिया गया है। इसके साथ ही दूसरा आदेश जारी करते हुए सिंह ने मंदिर के मैनेजर केएल कौशल की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी। उनकी जगह एसपी पांडे प्रबंधक श्री विट्ठल मंदिर को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
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साथ ही जांच भी बैठा दी
इसके सात ही सिंह ने एक तीसरा आदेश जारी किया और उन्होंने कलेक्टर आशीष सिंह को पत्र लिखकर मंदिर परिसर में हुई शाही शादी की घटना की जांच करने के आदेश दिए। कलेक्टर ने भी तत्काल इस मामले में अपर कलेक्टर आईएएस ज्योति सिंह को जांच का जिम्मा सौंप दिया।
जैसे शादी के बाद होता है कचरा, मंदिर में भी वही
जैसे आम शादियों में होता है, शादी के बाद कचरा पसरा होता है। वहीं हाल ऐतिहासिक गोपाल मंदिर का हुआ है। मंदिर के परिसर में जगह-जगह फूल व अन्य कचरा पड़ा हुआ है और पूरे गोपाल मंदिर में गंदगी पसरी हुई है। पूरे मंदिर में दोने, पत्तल भी पड़े हुए हैं। कांग्रेस नेता विवेक खंडेलवाल और गिरीश जोशी ने यह वीडियो बनाकर मौके से जारी किया है। पूरे मंदिर में जगह-जगह गंदगी पसरी हुई नजर आ रही है।
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केवल एक लाख में मंदिर बना मैरिज गार्डन
केवल एक लाख की दान राशि के लिए मंदिर को मैरिज गार्डन में बदलवा कर इसमें शादी करवा डाली। रविवार शाम तक विवाद बढ़ने लगा तो बात संभागायुक्त दीपक सिंह और कलेक्टर आशीष सिंह तक पहुंची और रात होते-होते जांच के आदेश हो गए।
मंदिर में फेरे, वहीं बना खाना, जूते पहन घूमे मेहमान
कारोबारी राजकुमार अग्रवाल ने मंदिर में श्रृद्धा की बात कहते हुए माफी अधिकारी से यहां बेटे के फेरे कराने की बात कही थी। आयोजन सादगी पूर्ण करने की बात कहते हुए इसके लिए एक लाख रुपए का शुल्क भरा। लेकिन आयोजन के दिन रविवार को यहां पर मंदिर के गर्भगृह के सामने वाले हिस्से को मंडप की तरह सजा दिया, परिसर के पास टेंट लगाकर सड़क ब्लाक कर दी। मंदिर में ही भोजन करवाया गया। वहीं बाउंसर भी खुद के लगा दिए। लोग मंदिर में ही जूते पहनकर घूमते रहे। मंदिर के अंदर ही भोजन कराया गया। वहीं पास में ही भोजन बना। सोफे, कुर्सिया डली और मेहमान वहां बैठे। वहीं शादी की रस्में हुई।
क्या बोल रहे अधिकारी
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि शिकायत मिली थी, संभागायुक्त के निर्देश पर इसकी जांच का जिम्मा अपर कलेक्टर आईएएस ज्योति शर्मा को दी गई है। वहीं माफी अधिकारी विनोद राठौर ने कहा कि अग्रवाल परिवार को धार्मिक आयोजन के लिए मंजूरी दी थी, नियम विरूद्ध किया है, शादी कर उल्लंघन किया है। वहीं राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि आयोजन के लिए मंजूरी लेकर ही काम किया। मंदिर के मैनेजर केएल कौशल ने कहा कि एक लाख रुफए देकर शादी के लिए मंदिर परिसर किराए पर दिया था। यह अधिकारियों के कहने पर दिया गया था।
193 साल पुराना है मंदिर
यह मंदिर साल 1832 में निर्मित हुआ था। हाल ही में 20 करोड़ रुपए से मंदिर को स्मार्ट सिटी कंपनी ने संवारा। मंदिर का निर्माण यशवंतराव होलकर प्रथम की पत्नी कृष्णाबाई ने 80 हजार रुपए में करवाया था। मुख्य मंदिर पत्थर और परिसर के कक्ष पत्थर और लकड़ी से बनाए गए। सागवान और कालिया की लकड़ी से बने मंदिर को मराठा और राजपूत शैली में आकार दिया गया।
मंदिर के लिए बनेगी गाइडलाइन
वहीं संभागायुक्त दीपक सिंह ने एक अन्य आदेश में कलेक्टर सिंह को आदेश दिए हैं कि शासकीय परिसरों में बिना शासन मंजूरी के किसी भी तरह की गतिविधियों का संचालन प्रतिबंधित है। गोपाल मंदिर व्यवस्था संचालन के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश बनाए जाने जरूरी है। इसलिए जिला स्तर से उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए । यह समिति मंदिर संचालन संबंधी विस्तृत दिशा निर्देश तैयार कर, अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगी।
कलेक्टर ने अब माफी अधिकारी को एसडीएम से भी हटाया
वहीं घटना के बाद कलेक्टर ने सख्त रूख अपनाते हुए माफी अधिकारी व एसडीएम राउ विनोद राठौर को को तत्काल प्रभाव से जिला कार्यालय में पदस्थ कर दिया है। विनोद राठौर का प्रभार संयुक्त कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खुडैल गोपाल वर्मा को अपने वर्तमान कार्य के साथ-साथ आगामी आदेश तक सौंपा गया है। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है।