संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर गुरुसिंघ सभा के चुनाव टल गए हैं, अब यह 11 फरवरी को नहीं होंगे। इसकी वजह है गुरूसिंघ सभा (Gurusingh sabha) में आपस में चल रहा विवाद तो है ही, लेकिन हाईकोर्ट इंदौर (High Court Indore) के आदेश के बाद कम से कम दो सप्ताह यह चुनाव नहीं हो सकते हैं। सहजधारी सिख मामले में लगी याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट इंदौर ने आदेश दिया है कि असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी इंदौर द्वारा इस मामले में लगी अपील का निराकरण दो सप्ताह में किया जाए और वह चुनाव प्रक्रिया को भी देखे।
असिस्टेंट रजिस्ट्रार पहले ही इस मामले में दे चुका है नोटिस
असिस्टेंट रजिस्ट्रार इस मामले में गुरूसिंघ सभा समिति और मुख्य चुनाव अधिकारी को पहले ही नोटिस जारी कर पूछ चुका है कि सहजधारी सिख को सदस्य क्यों नहीं बनाया गया है, मतदाता सूची किस तरह बनाई गई है और किस बैठक में और किस नियम से चुनाव अधिकारी नियुक्त हुए हैं? इन सभी मुद्दों पर जवाब पर सुनवाई करने के बाद और अब हाईकोर्ट के आदेश पर असिस्टेंट रजिस्ट्रार ही पुरी चुनाव प्रक्रिया को देखेंगे और इस संबंध में निर्देश जारी करेंगे।
सहजधारी सिख अभी तो मतदाता सूची में है ही नहीं
सहजधारी सिख तो अभी मतदाता सूची में है ही नहीं, इन्हें शामिल करने के लिए सभी की एजीएम बुलाकर प्रस्ताव पास करना होगा। यानि यदि असिस्टेंट रजिस्ट्रार इन्हें सदस्य बनाने का फैसला सुनाता है तो समिति को पहले एजीएम में प्रस्ताव पास कर इन्हें सदस्य बनाने का नियम पास करना होगा। इसमें लंबा समय लगेगा। मतदाता सूची में यह आते हैं तो फिर यह नामांकन भरने के लिए भी पात्र होकर चुनाव लड़ने योग्य हो जाते हैं। ऐसे में फिर क्या नामांकन प्रक्रिया नए सिरे से होगी? यह भी असिस्टेंट रजिस्ट्रार को साफ करना होगा। यानि चुनाव मुश्किल में हैं।
इधर चुनाव अधिकारी आपस में ही उलझे
उधर चुनाव अधिकारी आपस में ही उलझ गए हैं। कुछ चुनाव अधिकारी, खासकर मुख्य चुनाव अधिकारी राजिंदर बाबा का पता नहीं है कि वह कहां पर है? उधर चुनाव टीम से कुछ अधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं कि नामांकन फार्म गायब हो गए हैं, यानि किसी को नहीं पता कि वह फार्म कहां चले गए, ऐसे में अंतिम उम्मीदवारों की लिस्ट भी नहीं लग रही है। यानि कुल मिलाकर पूरे चुनाव उलझ गए हैं।