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इंदौर हाईकोर्ट ने ग्रामीण कृषि विस्तारक अधिकारी के पदों को भरने को लेकर लगाई याचिका की सुनवाई में आदेश जारी किया है। असल में अनारक्षित वर्ग की खाली सीटाें को भरने के लिए पात्र एससी, एसटी के छात्रों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। दरअसल सरकार का कहना था कि अनारक्षित वर्ग की सीटों को उसी कोटे के छात्रों से भरा जाएगा। जबकि भर्ती नियम के अनुसार अन्य कोटे के छात्र भी पात्रता रखते हैं। इस मामले में अब हाईकोर्ट का सरकार को स्पष्ट आदेश है कि पात्र उम्मीदवारों को लाभ देते हुए नए सिरे से सिलेक्शन लिस्ट जारी करे।
यह है पूरा मामला
मध्यप्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा ग्रामीण कृषि विस्तारक अधिकारी के पदों को भरने के लिए 6/4/2023 को विज्ञप्ति जारी की गई थी। उक्त विज्ञप्ति के संबंध में परीक्षा आयोजित कर 2024 में चयन प्रक्रिया अपनी गई थी। इसमें अनारक्षित वर्ग के लिए 500 पद रिक्त थे। इन पदों पर भर्ती करने के बाद 30 से ज्यादा लोगों ने नियुक्ति पत्र लेने से इनकार कर दिया था। इससे खाली हुए पदों को भरने के लिए सरकार ने कट ऑफ कम किया। इसके बाद खाली पदों को अनारक्षित वर्ग की वेटिंग लिस्ट से ही भरना शुरू कर दिया।
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याचिकाकर्ता की यह थी आपत्ति
उक्त प्रक्रिया को चुनौती देते हुए एससी, एसटी के अभ्यर्थी विजय मंडलोई, संतोष मुनिया, सुभाष नरगावे व अमर खातरकर द्वारा अधिवक्ता जयेश गुरनानी के माध्यम से इंदौर हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की थी। इसमें याचिकाकर्ता का कहना था कि जब सरकार ने अनारक्षित वर्ग के रिक्त पदाें को भरने के लिए कट ऑफ को कम किया तो आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार भी उस कट ऑफ के दायरे में आ गए। ऐसे में उन्हें भी लाभ मिलना चाहिए।
अफसर बोले अनारक्षित की पोस्ट उन्हीं अभ्यर्थियों से भरेंगे
इसको लेकर विभाग ने जवाब दिया कि जो अनारक्षित पद खाली हुए हैं। उन्हें अनारक्षित वर्ग की वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों से ही भरेंगे। इसके जवाब में याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि मध्यप्रदेश कनिष्ठ सेवा (संयुक्त अर्हता) परीक्षा नियम, 2013 के अनुसार उक्त वैकेंसी को पूर्ण करने के लिए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी भी पात्र हैं। यदि वह अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के समान अंक प्राप्त करते हैं। ऐसी स्थिति में उनकी गणना आरक्षित वर्ग में ना करते हुए अनारक्षित वर्ग में की जाएगी।
यह कहा हाईकोर्ट ने
उक्त याचिका का निराकरण करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा विभाग को एवं चयन मंडल को यह आदेशित किया है कि वह पुनः नियम अनुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के संबंध में चयन सूची तैयार करें एवं याचिकाकरता को नियुक्ति पत्र प्रदान करें।
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