मेडिकल कॉलेजों को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, जूनियर नहीं बनेंगे डीन
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और राज्य के 18 मेडिकल कॉलेजों में डीन की सीधी भर्ती को लेकर चल रहे विवाद में हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने अहम फैसला सुनाया है।
राजधानी भोपाल और प्रदेश के 18 मेडिकल कॉलेजों में डीन की सीधी भर्ती को लेकर चल रहे विवाद में हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने अहम फैसला सुनाया है। जस्टिस विजय कुमार शुक्ला ने साफ तौर पर कहा कि किसी सीनियर प्रोफेसर को जूनियर के तहत काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
हाईकोर्ट का सरकार से सवाल
दरअसल, हाई कोर्ट ने इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के लिए वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. वेद प्रकाश पांडे को डीन नियुक्त करने का आदेश भी दिया। दरअसल, डॉ. पांडे की डीन पद पर सीधी भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका पर 10 दिसंबर को सुनवाई हुई थी। इस मामले में जस्टिस शुक्ला ने सरकार से पूछा कि डॉ. पांडे से जूनियर प्रोफेसर डॉ. अशोक यादव को डीन का प्रभार क्यों सौंपा गया, जबकि सरकार कोई ठोस जवाब या दस्तावेज पेश नहीं कर पाई।
7 जनवरी को फिर सुनवाई
वहीं इस पर सरकार के वकील ने तर्क दिया कि डीन की गोपनीय रिपोर्ट कमिश्नर और संचालक लिखते हैं, न की प्रोफेसर। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया। कोर्ट ने सरकार से इस मामले में विस्तृत जवाब 7 जनवरी तक देने को कहा है, और अन्य मेडिकल कॉलेजों में डीन की सीधी भर्ती से जुड़े मामलों की सुनवाई भी उसी दिन होगी।
FAQ
हाई कोर्ट का फैसला क्या था?
हाई कोर्ट ने इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के लिए डॉ. वेद प्रकाश पांडे को डीन नियुक्त करने का आदेश दिया और स्पष्ट किया कि सीनियर प्रोफेसर को जूनियर के तहत काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
सरकार से हाई कोर्ट ने क्या सवाल पूछा?
हाई कोर्ट ने सरकार से यह सवाल पूछा कि डॉ. पांडे से जूनियर प्रोफेसर डॉ. अशोक यादव को डीन का प्रभार क्यों सौंपा गया, जबकि सरकार इसके समर्थन में कोई ठोस दस्तावेज पेश नहीं कर पाई।
सरकार के वकील का क्या तर्क था?
सरकार के वकील ने तर्क दिया कि डीन की गोपनीय रिपोर्ट कमिश्नर और संचालक लिखते हैं, न कि प्रोफेसर। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया।
अब इस मामले की अगली सुनवाई कब होगी?
कोर्ट ने सरकार से विस्तृत जवाब 7 जनवरी तक देने को कहा है, और उसी दिन अन्य मेडिकल कॉलेजों में डीन की सीधी भर्ती से जुड़े मामलों की सुनवाई भी होगी।