INDORE. इंदौर हाईकोर्ट ने विवाह के विवाद के मामले में अवैध रूप से दर्ज इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को स्वीकार करने के मामले में पारिवारिक कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अवैध रिकॉर्डिंग गोपनीयता के अधिकारों का उल्लंघन करती है।
फैमिली कोर्ट का आदेश खारिज
इंदौर हाईकोर्ट के जस्टिस गजेंद्र सिंह की एकलपीठ ने इंदौर के पारिवारिक न्यायालय के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश के आदेश को खारिज कर दिया। जिसमें अवैध रूप से रिकॉर्ड की गई बातचीत को साक्ष्य के रूप में शामिल करने की अनुमति दी गई थी। यह माना गया कि अवैध रुप से की गई रिकॉर्डिंग गोपनीयता के अधिकारों का उल्लंघन करती है।
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क्या है मामला
दरअसल, 24 फरवरी 2016 को इंदौर में हुई शादी के बाद पति पत्नी के बीच विवाद हो गया, यह मामला कोर्ट पहुंचा। विवाद के कारण अंतरिम भरण-पोषण की मांग करते हुए याचिका लगाई गई। सुनवाई के दौरान एक आवेदन में अदालत से अनुरोध किया गया कि वो याचिकाकर्ता द्वारा कथित व्यभिचार के सबूत के रूप में एक इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज, विशेष रूप से रिकॉर्ड की गई बातचीत वाली एक कॉम्पैक्ट डिस्क को रिकॉर्ड पर ले।
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