NEET UG: इंदौर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने लगाई 10 जुलाई तक परीक्षा कराने पर रोक, NTA ने कहा- हमारा पक्ष ठीक से नहीं सुना

इंदौर हाईकोर्ट की डबल बैंच जस्टिस विवेक रुसिया और डीके द्विवेदी के समक्ष नीट की परीक्षा पूर्व के याचिकाकर्ताओं के लिए दोबारा कराए जाने को लेकर बहस हुई।

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Vishwanath Singh
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Sourabh391
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INDORE. इंदौर हाईकोर्ट की डबल बैंच ने नीट यूजी की दोबारा परीक्षा कराए जाने के सिंगल बेंच के आदेश पर स्टे दे दिया है। मंगलवार को इंदौर हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई हुई, जिसमें एनटीए ने अपना पक्ष रखा। उसके बाद कोर्ट ने 10 जुलाई तक परीक्षा कराए जाने पर रोक लगा दी है। अब 10 जुलाई को इस मामले में आगे की सुनवाई होगी।

डबल बैंच के सामने एनटीए ने रखा पक्ष

इंदौर हाईकोर्ट की डबल बैंच जस्टिस विवेक रुसिया और डीके द्विवेदी के समक्ष नीट की परीक्षा पूर्व के याचिकाकर्ताओं के लिए दोबारा कराए जाने को लेकर बहस हुई। इसमें एनटीए की तरफ से याचिका लगाई गई थी कि हाल ही में सिंगल बैंच द्वारा परीक्षा दोबारा कराए जाने को लेकर आदेश जारी किए गए थे। उस दौरान हमने अपना पक्ष रखा था, लेकिन उसे ठीक तरह से नहीं सुना जा सका। इसके चलते एनटीए ने डबल बैंच के समक्ष अपील लगाई थी। सुनवाई के दौरान एनटीए की तरफ से वकील ने दलील दी कि नीट की  4 मई को आयोजित परीक्षा के दौरान इंदौर और उज्जैन के कुछ सेंटरों पर भले ही लाइट चली गई हो, लेकिन परीक्षार्थियों को कोई परेशानी नहीं हुई थी।

10 जुलाई तक के लिए दिया स्टे

इस पर डबल बैंच ने नीट की परीक्षा दोबारा कराए जाने को लेकर 10 जुलाई तक स्टे दे दिया है। तक तक नीट की परीक्षा आयोजित किए जाने पर रोक लग गई है। गौरतलब है कि नीट के लगभग 75 याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट मृदुल भटनागर ने पक्ष रखा था।

पूर्व में हाई कोर्ट ने ये दिए थे आदेश

इसके पूर्व हालही में इंदौर हाई कोर्ट जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने आदेश दिए थे कि उन सभी का री-टेस्ट होगा, जिन्होंने 3 जून के पहले याचिका लगाई थी। 3 जून इसलिए, क्योंकि इस दिन एनटीए द्वारा आंसर–की जारी कर दी गई थी। हाई कोर्ट का मानना है कि इस तरह से आंसर की जारी होने के बाद याचिका लगाना अवसर का लाभ उठाने जैसा था। इसलिए इन्हें री–टेस्ट का लाभ नहीं दिया जा सकता है। वहीं, जो छात्र परेशान हुए थे, उन्होंने याचिका इसके पहले ही लगा दी थी। उन्हीं छात्रों की परीक्षा फिर से होगी और उनका रिजल्ट व रैंक भी इस टेस्ट के अंकों से ही माना जाएगा। उन्हें काउंसलिंग में भी शामिल किया जाएगा। यह काम जल्द से जल्द करना होगा। इसमें राहत पाने वाले याचिकाकर्ता इंदौर के साथ उज्जैन के परीक्षा केंद्र के भी हैं।

हाई कोर्ट ने कहा हमने भी लाइट बंद करके देखा था

मामले में अंतिम सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट जस्टिस ने NTA कमेटी की रिपोर्ट के साथ ही व्यवहारिक रूप से भी समस्या समझने के लिए सुनवाई के दिन करीब 15 मिनट तक कोर्ट की बत्ती बंद रख दी थी। यह अनुभव किया था कि बिजली जाने से कितनी समस्या आती है। हाई कोर्ट ने इस बात को अपने आदेश में भी कहा था कि हमने जब लाइट बंद की थी तो हाई कोर्ट में दोनों तरफ 2-2 बड़ी विंडो हैं और नेचरल लाइट आती है। इसके बाद भी समस्याएं हुईं थीं, तो फिर परीक्षा केंद्रों पर समस्याएं और भी ज्यादा होंगी। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। केंद्र पर तो विंडो और नेचुरल लाइट भी नहीं दिख रही है। हाई कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा के अंदर नियमों का ही पालन नहीं किया गया है। इसमें किसी भी परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी फुटेज नहीं आए हैं, जबकि पहले से आदेश थे कि सीसीटीवी होना चाहिए।

कलेक्टर की रिपोर्ट में भी आया बत्ती गई थी

वहीं कलेक्टर की भी एक रिपोर्ट आई है जिसको लेकर उन्होंने एनटीए को एक प्रतिवेदन भेजा था। कलेक्टर ने इस मामले में विविध परीक्षा केंद्रों से 4 मई के घटनाक्रम की जानकारी मांगी थी। कलेक्टर की रिपोर्ट में भी है कि 10 मिनट से लेकर 1 घंटे 20 मिनट तक अलग-अलग केंद्रों पर बिजली गुल हुई थी। NEET | NEET-UG | मध्यप्रदेश

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