/sootr/media/media_files/2025/08/21/sourabh633-2025-08-21-14-20-20.jpg)
आयुष्मान निरामयम् योजना के अंतर्गत मरीजों से अनियमित वसूली और लापरवाही बरतने वाले अस्पतालों पर प्रशासन सख्त हो गया है। 20 अगस्त 2025 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. माधव प्रसाद हासानी ने ADM के निर्देश पर इंदौर के बंगाली चौराहे के पास स्थित फीनिक्स हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था। जिसमें अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई गंभीर लापरवाहियां सामने आई थीं। इसके बाद अब प्रशासन की तरफ से चेतावनी जारी की गई है। गौरतलब है कि इसके पूर्व में इंदौर के इंडेक्स अस्पताल में भी आयुष्मान के मरीजों से लूट सामने आ चुकी है।
यह मिला था निरीक्षण में
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अस्पताल प्रबंधन आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों से अतिरिक्त शुल्क वसूल रहा है। इसके अलावा अस्पताल में निर्धारित विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं थे, मरीजों के रिकॉर्ड भी सही ढंग से संधारित नहीं किए गए थे। इन गंभीर अनियमितताओं पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सभी संबद्ध अस्पतालों को सख्त निर्देश
सीएमएचओ ने जिले के सभी आयुष्मान निरामयम् से संबद्ध अस्पतालों को चेतावनी देते हुए निर्देशित किया है कि—
अस्पताल किस विशेषज्ञता (स्पेशलिटी) में मान्यता प्राप्त है, इसकी जानकारी स्पष्ट और बड़े अक्षरों में फ्लेक्स बोर्ड (2x4 साइज) पर लिखी जाए।
यह बोर्ड रिसेप्शन और अस्पताल परिसर में प्रमुख स्थान पर लगाया जाए।
ताकि मरीजों और उनके परिजनों को यह साफ पता चल सके कि अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत किन बीमारियों का इलाज उपलब्ध है।
सीएमएचओ डॉ. हासानी ने कहा कि योजना के नाम पर अनियमित वसूली और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी अस्पतालों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई होगी।
ऑपरेशन के नाम पर ली मोटी रकम
फीनिक्स अस्पताल में एक मरीज का ऑपरेशन होना था, जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने 45 से 50 हजार रुपए का खर्च बताया। भर्ती करने से पहले 25 हजार रुपए की डिमांड की गई, जिसे बाद में घटाकर 16 हजार रुपए वसूल लिए गए। ऑपरेशन के बाद भी यह रकम मरीज को वापस नहीं की गई। परिजनों के सवाल उठाने पर जवाब मिला “यह डॉक्टर का कमीशन है, जिन्होंने भर्ती कराया।” इसी तरह एक अन्य मरीज से 40 हजार रुपए वसूले गए। पीड़ितों ने अस्पताल प्रबंधन के साथ हुई बातचीत के ऑडियो सबूत भी अधिकारियों को सौंपे हैं।
अस्पताल पर प्रशासनिक कार्रवाई
ADM के निर्देश पर सीएमएचओ ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है। साथ ही, फिनिक्स हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण भी किया गया। निरीक्षण में चौंकाने वाली लापरवाहियां सामने आईं -
20 से ज्यादा मरीज भर्ती थे, लेकिन अस्पताल में एक भी रजिस्टर्ड डॉक्टर मौजूद नहीं था।
केवल एक होम्योपैथिक डॉक्टर मौजूद मिला, जिस पर सीएमएचओ ने नाराजगी जताई।
अस्पताल की तीसरी मंजिल पर अवैध निर्माण पाया गया।
यहां फायर सेफ्टी सिस्टम तक मौजूद नहीं था, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था।