IDA के अहिल्या पथ में बिगड़ा जमीन के जादूगरों का खेल, बोर्ड में फैसला, विकास मंजूरी नहीं हुई या विकास काम नहीं तो योजना से नहीं करेंगे मुक्त

इस पूरी योजना में पहले ही बड़े बिल्डरों को सर्वे नंबर उपलब्ध कराने, टीएंडसीपी से नक्शे पास होने के लगे आरोप और द सूत्र द्वारा बोर्ड बैठक के पहले ही दमदार तरीके से उठाए गए मुद्द् के बाद इसमें बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। 

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Sanjay gupta
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IDA के अहिल्यापथ में बिगड़ा जमीन के जादूगरों का खेल
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इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) और टीएंडसीपी के अधिकारियों का जमीन के जादूगरों के साथ अहिल्या पथ में किया गया खेल बिगड़ चुका है। इस पूरी योजना में पहले ही बड़े बिल्डरों को सर्वे नंबर उपलब्ध कराने, टीएंडसीपी से नक्शे पास होने के लगे आरोप और द सूत्र द्वारा बोर्ड बैठक के पहले ही दमदार तरीके से उठाए गए मुद्द् के बाद इसमें बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। 

कमिशनर, कलेक्टर ने बिगाड़ दिया खेल

कमिशनर दीपक सिंह (Commissioner Deepak Singh) और कलेक्टर आशीष सिंह (Collector Ashish Singh) इस योजना को शुद्ध तरीके से लागू करने के लिए पूरी तरह गंभीर थे। कलेक्टर ने तो स्कीम लागू होने के बाद ही टीएंडसीपी (T&CP)से जनवरी से लेकर स्कीम लाने के फैसले की तारीख तक पास हुई टीएंडसीपी नक्शे की पूरी कॉपी ही ले ली थी। इसके बाद शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में कमिशनर सिंह और कलेक्टर सिंह ने भूमाफियाओं (Land mafias) के खेल को बिगाड़ते हुए फैसला लिया कि जो टीएंडसीपी पास भी हो गई उन्हें विकास मंजूरी नहीं दी जाएगी। वहीं जिन्हें विकास मंजूरी भी हो चुकी है, लेकिन मौके पर विकास काम नहीं किया तो योजना से मुक्ति नहीं दी जाएगी।

बैठक के बाद यह बोले कमिश्नर सिंह

बैठक के बाद योजना में सांठगांठ को लेकर हुए सवाल पर दीपक सिंह ने कहा कि टीएडंसीपी जब तक आईडीए स्कीम लांच नहीं आती है वह प्रोजेक्ट एप्रूवल कर सकता है। इसलिए स्कीम आने के पहले तक करीब 40 प्रोजेक्ट योजना दायरे में आए गांवों में पारित हुई है। लेकिन तय किया है कि आईडीए में सक्षम अधिकारी देखेगा कि किन्हें विकास मंजूरी मिली और जिन्हें मिली भी तो क्या उन्होंने मौके पर विकास काम किया या नहीं। जिन्होंने विकास काम नहीं किया होगा या जिन्हें विकास मंजूरी नहीं होगी, उन्हें टीएडंसीपी पास होने के बाद भी स्कीम से मुक्त नहीं किया जाएगा। इसी के साथ बोर्ड बैठक में अब स्कीम मंजूर करने और नोटिफिकेशन करने के लिए प्रस्ताव शासन के पास भेजने का फैसला हो गया। 

यह लगे थे इस स्कीम पर आरोप

इस स्कीम को लेकर आईडीए, टीएंडसीपी के अधिकारियों पर दलालों के साथ सैटिंग करते हुए पहले से ही नक्शे जमीन के जादूगरों को बताने, और इसके जरिए पहले ही यहां के नक्शे पास कराकर एक हजार करोड़ के घोटाले के आरोप लगे थे। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश यादव ने प्रेस वार्ता करते हुए इस मामले में आईडीए सीईओ राम प्रसाद अहिरवार, मयंक जगवानी, योगेन्द्र पाटीदार, प्लानर रचना बोचरे के साथ ही एंव टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के डिप्टी डायरेक्टर के.एस.गवली पर आरोप लगा। था। इस घोटाले में दलाल सचिन भाई, अतुल कांकरिया भी शामिल होने के आरोप लगे।

यादव ने आरोप लगाया कि 12 अप्रैल को पहली बार आईडीए सीईओ अहिरवार ने अहिल्या पथ की स्कीम की समीक्षा करके खसरों पर सीमांकन कराकर ज़मीन के दलालों को अहिल्या पथ पर लागू होने वाली स्कीम का प्रिंट आउट दे दिया। इसके बाद अप्रैल से स्कीम लाने तक 20 जून 2024 के आननफानन में जमीन के सौदे हुए, डायवर्सन कराया और 155 एकड़ के नक्क्षे टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से स्वीकृत कराए गए। जबकि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों को मालूम था की उक्त भूमि पर आईडीए की स्कीम लागू होने वाली है।  पिछली बोर्ड मीटिंग में यह स्कीम लॉंच होना थी लेकिन कुछ बड़े ज़मीन के सौदे भोपाल के एक अधिकारी को करना थे।

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