इंदौर के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में हुए उपद्रव को लेकर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का सोमवार रात को दिया गया बयान खासी सुर्खियों में है। इस बयान में वह कह रहे हैं कि 'मैं भी देखूंगा इस शहर में कौन अशांति फैलाता है, ऐसा करने वालों उलटा लटकाकर शहर में घुमाऊंगा, इस शहर में कोई अशांति नहीं फैला सकता है, इस शहर के लिए जो करना पड़े करेंगे।
5 साल पहले दिया था शहर को आग लगाने वाला बयान
अब इस बयान के बाद उनका पांच साल पहले तत्कालीन कमलनाथ सरकार के समय दिया गया बयान भी चर्चा में आने लगा है। इस समय वह विधायक नहीं होकर बीजेपी के महासचिव थे। उन्होंने इस दौरान कमिश्नर, कलेक्टर, डीआईजी सभी को रेसीडेंसी में बैठक के लिए बुलाया था लेकिन वह नहीं आए। इस दौरान वह अन्य नेताओं के साथ कमिश्नर के बंगले पर गए और इस दौरान एडीएम बीबीएस तोमर से कहा कि, जनता की नौकरी कर रहे हो या कमलनाथ की? क्या समझते हो कि हमने चूड़ी पहन रखी है? सूचना के बाद भी अफसरों ने यह तक बताना उचित नहीं समझा कि वे शहर से बाहर हैं। इतनी औकात हो गई उनकी? वो तो संघ के पदाधिकारी शहर में हैं, नहीं तो आग लगा देता शहर में।
मंत्री विजयवर्गीय बोले- मैं भी देखूंगा इंदौर में अशांति कौन फैलाता है
सुर्खियों में रहते हैं उनके बयान
यह कोई पहला बयान नहीं है जो सुर्खियां बंटोर रहा है। मंत्री विजयवर्गीय के बयान लगातार सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में इंदौर में ही मंच पर ही उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव को संबोधित करते हुए कहा था कि मेरे पास पूरी लिस्ट है यह नशा प्रतापगढ़ से आ रहा है। अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर तो विजयवर्गीय हमेशा ही मुखर रहे हैं और कई तीखे बयान वह नौकरशाही को लेकर दे चुके हैं।
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