BHOPAL. मप्र की आर्थिक राजधानी इंदौर में हुंडियों व अन्य माध्यम से सबसे ज्यादा फायनेंस चलाने वालों में से एक कटारिया फायनेंसर पर 29 मई को पड़ी रेड की जांच गहरी होती जा रही है। अब जीएसटी की टीम ने कटारिया फाइनेंस की 600 करोड़ की अघोषित आय उजागर की है। पिछले दो माह से चल रही आयकर और जीएसटी की कार्रवाई के बाद विभाग ने कटारिया फाइनेंस पर कार्रवाई की जानकारी दी है। जीएसटी विभाग के मुताबिक कार्रवाई के दौरान जमीनों की सैकड़ों रजिस्ट्रियां भी हाथ लगी हैं, जो लोन के बदले बतौर गारंटी रखवाई गई हैं।
शादी के कारण नजरों में आ गए कटारिया
दरअसल, दरअसल कटारिया अप्रैल में उनके घर में बेटी की हुई शानदार शादी के बाद आयकर विभाग की नजरों में आ गए थे। इस शादी का जश्न कई दिनों तक चला और 18 अप्रैल को मुख्य आयोजन हुआ। सूत्रों के अनुसार शादी के बाद बेटी को भारी मात्रा में सोना और चांदी उपहार में दिया गया। यहां तक तो ठीक था बारातियों में भी खास मेहमानों को भी सोने की गिन्नी गिफ्ट में दी गई। इसकी भनक आयकर विभाग तक पहुंची।
जिसके बाद कार्रवाई शुरू की गई, कटारिया फाइनेंस के खिलाफ पहली कार्रवाई 29 मई को हुई, आयकर विभाग ने कटारिया समूह के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी और पता चला कि अघोषित आय की तुलना में बहुत कम कर जमा किया जा रहा था और रिटर्न में भी अधिकांश संपतियां दर्शाई नहीं गई। कार्रवाई के दौरान 17 किलो सोना जब्त किया था। इसके बाद से दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। अब तक की पड़ताल में 600 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा हुआ है।
करोड़ों के कारोबार का खुलासा
जब्त किए दस्तावेजों की जांच में जीएसटी विभाग ने कटारिया समूह द्वारा टैक्स चोरी करने के साथ ही रिटर्न में संपत्तियां छिपाया जाना भी पाया। दस्तावेजों को खंगालने पर करोड़ों के कारोबार का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि कंपनी लोगों को लोन देकर उनके मकानों, कृषि भूमि और प्लॉटों की रजिस्ट्रियां गारंटी के लिए रख लेती थी।
पहले हुई कार्रवाई मिली थी चौंकाने वाली जानकारी
बता दें कि मई में इंदौर में आयकर विभाग ने फाइनेंस कारोबारी धनसुख राज कटारिया के घर और अन्य ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। इस दौरान विभाग को चौंकाने वाली जानकारी मिली थी। विभाग ने कटारिया के बैंक लॉकर्स की छानबीन की गई थी।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें