INDORE. खलघाट मार्ग पर शनिवार को पूरे दिन वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ी। असल में भेरूघाट पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अफसरों ने नए तरह के स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए सारे वाहनों को दिनभर एक लेन से गुजारा। इसके कारण घंटों तक वाहन जाम में ही फंसे रहे। सप्ताहभर पहले ही यहां पर एक सड़क हादसा हुआ था, जिसमें खड़ी गाड़ी में पीछे से तेज गति से आ रहा वाहन भिड़ गया था। इस हादसे में चार से ज्यादा लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद जागे अफसरों ने शनिवार को दिनभर लगातार ट्रांस वर्स बार मार्किंग (स्पीड ब्रेकर) बनाए।
इंदौर-खलघाट मार्ग पर नए स्पीड ब्रेकर
शनिवार को घर से घूमने के लिए निकले लोगों को भेरूघाट पर भारी जाम में फंसे रहना पड़ा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इंदौर रेंज के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल ने बताया कि भेरूघाट वाले हिस्से में ढलान होने पर वाहन चालक स्पीड कम करने के बजाए तेज गति से यहां से गुजरते हैं। ऐसे में वह या तो अक्सर आगे जा रहे वाहन से अनियंत्रित होकर भिड़ जाते हैं या फिर सड़क किनारे खड़े वाहन से टकराकर हादसे का शिकार हो जाते हैं। ऐसा ही एक हादसा पिछले हफ्ते भी हुआ। इसके बाद हमने दुर्घटना वाले हिस्से में एक नए तरह की ट्रांस वर्स बार मार्किंग कर दी है। अब जब वाहन यहां से तेजी से गुजरेंगे तो उन्हें इस स्पीड ब्रेकर से गुजरने के दौरान अपनी स्पीड को नियंत्रित करना होगा। इससे दुर्घटना की संभावना से निजात मिलेगी।
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8 घंटे में 9 मीटर में किया काम
सोमेश बांझल ने बताया कि ट्रांस वर्स बार मार्किंग का काम शनिवार सुबह 10 बजे से शुरू किया गया था। जो शाम 6 बजे तक जारी रहा। इस दौरान पीले रंग की मार्किंग की गई, जिसे लगभग साढ़े 7 एमएम ऊंचा बनाया गया है। यह मार्किंग पूरे 9 मीटर के हिस्से में की गई है।
उन्होंने बताया कि आमतौर पर दोपहिया वाहन चालक ओवरटेक करने के चक्कर में सड़क से नीचे उतरकर किनारे होते हुए आगे जाने की कोशिश करते हैं। इससे उनकी जान जोखिम में तो रहती ही है। साथ ही वे पीछे आ रहे वाहनों के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए सड़क के शोल्डर्स पर भी यह मार्किंग कर दी गई है, ताकि दोपहिया वाहन अगर गलत दिशा से ओवरटेक करते हैं तो भी उन्हें अपनी स्पीड कम रखनी पड़े।
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अब तेज नहीं चला सकेंगे वाहन
एनएचएआई के अफसरों का कहना है कि यह एक अलग तरह की मार्किंग है जो कि थर्मोप्लास्टिक की है। इससे ऊपर से वाहनों को तेज गति से गुजरने के दौरान तेज झटके लगते हैं। ऐसे में उन्हें अपनी स्पीड कम रखनी पड़ेगी। इसके जरिए भेरूघाट वाले हिस्से में लगातार हो रहे हादसों को रोकने का प्रयास किया गया है।
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