चाेरल टनल हादसा: इंदौर–खंडवा NH की टनल डिजाइन में खामी, सुरक्षा के नहीं थे पर्याप्त उपाय, दो की मौत

इंदौर-खंडवा रोड़ पर एनएचएआई द्वारा 6 पैकेज में काम किया जा रहा है। इसमें हालही में हुए हादसे में दो मजदूरों की मौत के बाद लापरवाही के आरोप लगने शुरू हो गए हैं।

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Vishwanath Singh
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इंदौर-खंडवा नेशनल हाईवे पर बन रही टनल नंबर 3 पर बुधवार तड़के एक दर्दनाक हादसे में दो मजदूरों की जान चली गई। इसे मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहा है। निर्माण के दौरान टनल का एक बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया। इसके बाद एनएचएआई अफसरों ने टनल का काम रोक दिया है और इसकी जांच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स (NIRM) से कराई जाएगी। बताया जा रहा है कि डिजाइन में खामी, लूज मिट्टी और सुरक्षा अनदेखी बनी दुर्घटना का कारण बनी है। बारिश के बाद ही इसका काम दोबारा शुरू हो जाएगा।

हादसे की जड़: पहले से थी तकनीकी खामी

इंदौर-खंडवा रोड़ पर एनएचएआई द्वारा 6 पैकेज में काम किया जा रहा है। इसमें हालही में हुए हादसे में दो मजदूरों की मौत के बाद लापरवाही के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक घटना से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिसमें:-

  • कंपनी के पूर्व सर्वे में यह स्पष्ट हो गया था कि मुरम और पत्थर की सतह प्रेसर रोकने में अक्षम है।
  • निर्माण के दौरान दरारें दिखीं थीं, जिन्हें सिर्फ सीमेंट भरकर बंद कर दिया गया, ठोस तकनीकी समाधान नहीं अपनाया गया।
  • निर्माण के दौरान कई बार चट्टानों के गिरने की घटनाएं हुईं, मजदूरों ने भी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी।
  • हादसे से कुछ दिन पहले ड्रिलिंग के समय करंट लगने की शिकायतें भी आई थीं, लेकिन प्रबंधन ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।

रीबिल्डिंग में लगेगा एक महीना

एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि जो हिस्सा ढहा है, उसे दोबारा बनाने में कम से कम एक महीना लगेगा। लेकिन इससे पहले मानसून का दौर समाप्त होना जरूरी है ताकि मिट्टी और चट्टान की स्थिति को स्थिर रूप से समझा जा सके।

निर्माण कार्य में सुरक्षा को लेकर उठे थे सवाल

सूत्रों के मुताबिक यह टनल बीते एक साल से निर्माणाधीन थी। निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। मजदूरों ने कई बार सुरक्षा उपकरणों और संसाधनों की कमी की शिकायत की थी। 

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टनल हादसे के बाद चोरल प्रोजेक्ट पर रोक

चोरल में निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा बुधवार को ढह जाने के बाद एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने साइट पर सभी निर्माण कार्य अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। हादसे की गंभीरता को देखते हुए अब टनल की डिजाइन और तकनीकी पहलुओं की दोबारा समीक्षा की जाएगी। एनएचएआई ने इसके लिए हैदराबाद की ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स’ (NIRM) को जांच और तकनीकी सलाह के लिए पत्र भेजा है।

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बरसात तक नहीं होगा काम

एनएचएआई अफसरों के मुताबिक "जब तक बारिश पूरी तरह थम नहीं जाती और मिट्टी स्थिर नहीं होती, तब तक कोई काम नहीं होगा।" टनल निर्माण में इस्तेमाल चट्टानों और मिट्टी की संरचना को दोबारा परखा जाएगा। पहले ढही हुई मिट्टी हटाई जाएगी और जब ठोस चट्टान सामने आएगी, तब रॉक बोल्टिंग, कांक्रीट स्प्रे और वायर मेशिंग जैसी संरचनात्मक प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी।

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हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ

घटना सुबह लगभग 4 बजे की है, जब टनल का 12 मीटर चौड़ा और 18 मीटर लंबा हिस्सा मजदूरों पर गिर गया। हादसे के समय वहां कुल आठ मजदूर काम कर रहे थे। अचानक गिरी भारी मात्रा में कांक्रीट और मिट्टी ने दो मजदूरों को अपनी चपेट में ले लिया।

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इनकी हुई थी मौत

लालजी कौल (30) – सिंगरौली निवासी। हादसे के समय वे एक गाड़ी पर काम कर रहे थे। गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें इंदौर लाया जा रहा था, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। 
विकास कुमार राय (29) – गिरिडीह, झारखंड निवासी। टनल में ड्रिलिंग का काम कर रहे थे, अचानक मलबा गिरने से उनका सिर और धड़ का एक हिस्सा कट गया और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

 

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