इंदौर संभाग में ASI, हेड कांस्टेबल, रीडर, प्राचार्य, एआरओ सभी जगह रिश्वत

इंदौर संभाग में लोकायुक्त की टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई रिश्वतखोरों को रंगे हाथों पकड़ा। इस दौरान, ईओडब्ल्यू इंदौर ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में नगर निगम के निलंबित एआरओ की करीब 10 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा किया।

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Sanjay gupta
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इंदौर संभाग में लोकायुक्त की टीम ने भारी सक्रियता दिखाई और एक के बाद एक कई छापे मार कर रिश्वतखोरों को रंगे हाथों पकड़ा। उधर, ईओडब्ल्यू इंदौर भी पीछे नहीं रहा और आय से अधिक कमाई के मामले में इंदौर नगर निगम के एआरओ (सहायक राजस्व अधिकारी) राजेश परमार की करीब 10 करोड़ की संपत्ति का खुलासा किया। हर विभाग में भ्रष्टाचारी सामने आए हैं। 

ईओडब्ल्यू की कार्रवाई

इंदौर ईओडब्ल्यू एसपी आरएस यादव के निर्देश पर निगम के निलंबित एआरओ राजेश परमार के दो आवास पर छापा मारा गया। इसमें उनके सात प्लाट, फ्लैट, मकान सामने आए और लॉकर से 16 लाख की ज्वेलरी भी मिली। 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी सामने आई। 

इंदौर लोकायुक्त के एक के बाद एक छापे

उधर, लोकायुक्त महानिदेशक जयदीप प्रसाद के आदेश पर इंदौर लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय द्वारा शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एक के बाद एक कई भ्रष्टाचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। इसमें पुलिस हेड कांस्टेबल है तो एएसआई भी है। इसके अलावा प्रभारी प्राचार्य भी है बिजली कंपनी जूनियर इंजीनियर भी है और लेखापाल भी है।  

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हेड कांस्टेबल ने मांगे 5 लाख रुपए

इंदौर लोकायुक्त ने एक मार्च को एमआईजी थाने के हेड कांस्टेबल अरुण शर्मा और उसके एवजी व नगर सुरक्षा समिति सदस्य अयूब खान को 5 लाख की रिश्वत मामले में पकड़ा। इन्होंने महिला फरियादी से केस कमजोर करने के एवज में रिश्वत मांग थी और लोकायुक्त ने 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। शर्मा पहले भी क्राइम ब्रांच में रहते हुए कई बार विवादों में आ चुके हैं। 

प्रभारी प्राचार्य ने मांगी रिश्वत

शासकीय कॉलेज कानवन धार की प्रभारी प्राचार्य डॉ. मंजू पाटीदार ने फरियादी विजय बारिया जो कॉलेज में चौकीदार के पद पर है, उससे सितंबर से दिसंबर के बीच का चार माह के वेतन देने के एवज में ही 13 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। उन्हें नौ हजार रुपए लेते हुए इंदौर लोकायुक्त टीम ने पकड़ा। 

लेखापाल भी रिश्वतखोर

इंदौर लोकायुक्त ने फरियादी अशोक पठारे जो बुरहानपुर में सहायक ग्रेड 3 पद पर है। शिकायत पर आरोपी राधेश्याम चौहान लेखापाल सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय बुरहानपुर को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। आवेदक के मेडिकल बिल की राशि रिलीज करने के एवज में 20 हजार की रिश्वत आरोपी राधेश्याम चौहान ने मांगी थी। 

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निशक्तजन विभाग में भी रिश्वतखोरी

लोकायुक्त इंदौर ने आवेदक अभिनव दांडेकर जो चन्द्रशेखर आजाद आदिवासी ग्रामीण दृष्टिहीन पुनर्वसन केन्द्र भाबरा जिला अलीराजपुर में प्रशिक्षक पद पर हैं, उससे आरोपी अल्ताफ खान सहायक ग्रेड-3 कार्यालय- उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निशक्त विभाग, (जिला पंचायत भवन परिसर) जिला अलीराजपुर द्वारा 45 हजार की रिश्वत मांगी गई। आवेदक के पिता के छठे वेतनमान एरियर राशि लगभग 9 लाख 36 हजार रुपए थी, इसके रिलीज करने के लिए अल्ताफ ने 5 फीसदी के हिसाब से 45 हजार का कमीशन मांगा। 

एएसआई ने मांगी रिश्वत, पकड़ाया

लोकायुक्त इंदौर को फरियादी अनिल बारिया तहसील महू जिला इंदौर ने गोविन्द सिंह गिरवार कार्यवाहक सहायक उप निरीक्षक, पुलिस थाना बडगोंदा तहसील महू जिला इंदौर की शिकायत की थी। आरोप थे कि उसकी पत्नी से उसका विवाद हुआ था और उसके खिलाफ थाने में केस हुआ था। इसकी जांच में केस कमजोर करने के लिए एएसआई गोविंद सिंह द्वारा 20 हजार की रिश्वत मांगी गई थी, लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों उसे पकड़ा। 

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मप्र में इसी सप्ताह यह भी केस आए सामने

  • वहीं इसी दौरान सागर में एसडीएम कार्यालय में सहायक रीडर वेदनारायण यादव को नामांतरण को लेकर 50 हजार की रिश्वत मांगते पकड़ा गया। 
  • सिवनी में लोकायुक्त ने जूनियर सप्लाई अधिकारी ज्योति पटले व ड्राइवर कैलाश को 40 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।
  • हरदा आरटीओ में ईओडपब्लयू भोपाल ने कार्यालय अधीक्षक सज्जन सिंह घसोरिया को 20 हजार की रिशवत लेते पकड़ा।
  • दमोह में लोकायुक्त ने एएसपी के स्टेनो त्रिलोक सिंह अहरिवार को 25 हजार रिशवत लेते पकड़ा। 

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