मध्य प्रदेश के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने एक चिटफंड कंपनी एसयूएसके इंडिया लिमिटेड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कंपनी के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने 2011 से 2016 के बीच 300 से ज्यादा निवेशकों से डेढ़ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर कैलाश लोधी और अन्य पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
मुनाफे का लालच देकर जमा कराया पैसा
मध्य प्रदेश में एसयूएसके इंडिया लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी ने 2011 से 2016 के बीच करीब 300 लोगों से डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की है। कंपनी ने निवेशकों को अधिक मुनाफे का लालच देकर पैसा जमा कराया। इस दौरान कंपनी के अधिकारियों ने निवेशकों से कई तरह के व्यापारिक क्षेत्रों में निवेश करने का झांसा दिया, जैसे रियल एस्टेट, फिल्म निर्माण, कृषि उत्पाद, डेयरी, कंस्ट्रक्शन, होटल इत्यादि।
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2016 में अचानक गायब हो गई कंपनी
कंपनी ने निवेशकों को पालिसी बांड जारी किए, जिनमें मैच्योरिटी अवधि पूरी होने पर कई गुना अधिक राशि लौटाने का वादा किया था। हालांकि, जब निवेशकों ने अपनी राशि की मांग की, तो कंपनी के पदाधिकारियों ने उन्हें यह कहकर बहलाया कि उनकी राशि संपत्तियों और अन्य प्रोजेक्ट्स में निवेश की गई है, और उनकी राशि को बाद में ब्याज सहित वापस कर दिया जाएगा।
कंपनी ने 2016 में अचानक अपने दरवाजे बंद कर दिए और इसके पदाधिकारी गायब हो गए, जिससे निवेशकों की राशि डूब गई। अब ईओडब्ल्यू ने इस धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
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आठ पर एफआईआर दर्ज
ईओडब्ल्यू ने आरोपियों में कंपनी के मालिक कैलाश लोधी, निदेशक नरेंद्र सिंह लोधी, भगवती बाई, अनिल सिंह लोधी (एचआर मैनेजर), फतेह सिंह (निदेशक), अमित जैन (महाप्रबंधक), शकिर खान (एमडी) और सुनील कुमार तिवारी (निदेशक) को नामजद किया है।
ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि कंपनी ने मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में भी इसी तरह की ठगी की थी। पीड़ितों के बयान और दस्तावेजों की जांच के बाद मामले को दर्ज किया गया है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।