इंदौर लोकायुक्त की टीम ने मध्यप्रदेश के लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के निर्देश पर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एक रिश्वतखोर कर्मचारी को रंगे हाथों पकड़ा है। ट्रैप कार्रवाई में बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर शैलेन्द्र पाटकर को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
यह है पूरा मामला
शिकायतकर्ता सूर्यकांत सोनोने (उम्र 37) निवासी पंचमूर्ति नगर ने बताया कि उन्होंने नलिया बाखल क्षेत्र में एक गोडाउन किराए पर लिया है। यहां वे स्टीम मशीन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें 10 किलोवाट का बिजली कनेक्शन चाहिए था। बिजली कनेक्शन के लिए सरकारी शुल्क 40000 रुपए निर्धारित था, लेकिन जूनियर इंजीनियर शैलेन्द्र पाटकर ने इसके अलावा 10000 रुपए रिश्वत की मांग कर दी।
लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत
इस संबंध में सूर्यकांत ने 6 अगस्त 2025 को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय को शिकायत दर्ज कराई। जांच में शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद 7 अगस्त को ट्रैप की योजना बनाई गई और टीम ने फरियादी के साथ मिलकर कार्रवाई की।
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रंगे हाथों गिरफ्तारी
लोकायुक्त टीम ने तय योजना के अनुसार ट्रैप लगाया और रिश्वत के रुपए के साथ फरियादी को भेजा गया। इस परजब आरोपी ने रिश्वत के रुपए लिए सी समय लोकायुक्त की टीम वहां पहुंच गई और उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी शैलेन्द्र पाटकर को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
कार्रवाई में शामिल टीम
इस पूरी कार्रवाई में निरीक्षक रेनू अग्रवाल, निरीक्षक सचिन पटेरिया, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक आशीष आर्य, चेतन परिहार, राकेश मिश्रा और कमलेश परिहार शामिल रहे।
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