इंदौर- मनमाड़ लाइन का सपना 106 साल पुराना, महाराष्ट्र चुनाव के पहले अब आया धरातल पर, इंदौर-मुंबई सफर पांच घंटे होगा कम

केंद्रीय कैबिनेट ने इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन ( indore manmad railway line ) को मंजूरी दे दी है। इससे 30 लाख आबादी को लाभ होगा और इंदौर-मुंबई सफर 200 किमी कम हो जाएगा।

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Sanjay gupta
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इंदौर- मनमाड़ 309 किमी लंबी रेलवे लाइन को केंद्रीय कैबिनेट ने औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह लाइन अब सर्वे से बाहर धरातल पर आएगी। यह सपना 106 साल पुराना है, जब इंदौर का पहला मास्टर प्लान बनाने वाले पैट्रिक गिडीज ने इसकी बात कही थी। इस रेलवे लाइन को भले ही महाराष्ट्र चुनाव को देखते हुए लाया गया, लेकिन इससे 30 लाख आबादी को फायदा होगा। मप्र के चार और महाराष्ट्र के दो जिलों को फायदा होगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 18 हजार 36 करोड़ रुपए है और यह 2028-29 तक पूरा होगा।

इसी की जानकारी देंगे सीएम

सीएम डॉ. मोहन यादव इसी प्रोजेक्ट की विस्तार से जानकारी देने के लिए मंगलवार इंदौर आ रहे हैं। उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी रहेंगे। वर्चुअल तौर पर केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव भी रहेंगे। साथ ही सभी जनप्रतिनिधि और महाराष्ट्र से भी नेता रहेंगे। 

इंदौर- मुंबई सफर 200 किमी कम

अभी रेलवे लाइन से इंदौर से महाराष्ट्र सीधी लिंक नहीं है। इंदौर से रतलाम, सूरत रूट से ट्रेन जाती है। यह लाइन बनने से इंदौर सीधे महाराष्ट्र से जुड़ेगा और इससे 200 किमी का सफर कम होगा और चार से पांच घंटे की बचत होगी। 

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इस तरह रहेगा प्रोजेक्ट

  • मप्र के चार जिले इंदौर, धार, बड़वानी, खरगोन को लाभ और महाराष्ट्र से धुले व नासिक को लाभ।
  • 30 लाख की आबादी आजादी के बाद पहली बार अपने क्षेत्र में ट्रेन देख सकेगी।
  • मध्य प्रदेश के तीन जिले धार और बड़वानी ट्रेन रूट से पूरी तरह कटे हुए हैं। यह रूट आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे के पेरैलल कुछ दूरी से घुमाकर निकाला जाएगा। 
  • इससे हर साल 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। नए प्रोजेक्ट के तहत 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे।

इंदौर- मनमाड़ लाइन

इंदौर- मनमाड़ लाइन

महाकाल दर्शन के लिए सीधी ट्रेन

महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आने वाले महाराष्ट्र, दक्षिण और निमाड़ के लोगों के लिए सीधी ट्रेन कनेक्टिविटी।

नासिक के प्याज और अंगूर तो निमाड़ की मक्का, कॉटन और ज्वार का ट्रांसपोर्टेशन आसान।

पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया के सीधे मुंबई से जुड़ने से यहां की बड़ी कंपनियों को बाय रोड ट्रांसपोर्टेशन नहीं करना पड़ेगा।

बजट में एक हजार करोड़ राशि ही रखी थी

इस प्रोजेक्ट के लिए बीते बजट में मंजूरी नहीं मिली थी, दो करोड़ रुपए टोकन राशि रखी गई थी। मप्र के हिस्से में डीपीआर और सर्वे का काम हुआ। इस बार बजट में एक हजार करोड़ की सांकेतिक राशि रखी गई और अब पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने 18 हजार करोड़ की पूरी राशि मंजूर कर दी।

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पूर्व सांसद और सांसद ने लगातार रखी थी मांग

इस लाइन के लिए तत्कालीन सांसद सुमित्रा महाजन ने लगातार केंद्र में मांग रखी थी। इसके बाद ही इस प्रोजेक्ट पर चर्चा शुरु हुई थी। इसके बाद सांसद बनने पर शंकर लालवानी ने  2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देने का अनुरोध किया था। सांसद लालवानी ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ कई दौर की मुलाकात की और इस प्रोजेक्ट के लिए प्रयास किए।

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