/sootr/media/media_files/2025/09/09/sourabh261-2-2025-09-09-16-26-52.jpg)
इंदौर में निर्माणाधीन ब्रिज और उनसे जुड़ी सर्विस रोड की खराब हालत को लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सोमवार को कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि बारिश से पहले ही एजेंसियों को सुधारा कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद सर्विस रोड की हालत जस की तस है। इसके बाद अब महापौर ने मुख्य सचिव को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि निर्माण एजेंसियों की लापरवाही के कारण जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है।
चीफ सेक्रेटरी को सौंपेंगे रिपोर्ट
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नगर निगम मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को साफ चेतावनी दी कि जिन स्थानों पर सर्विस रोड क्षतिग्रस्त है। उन्हें 3 दिन के भीतर दुरुस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि लापरवाह एजेंसियों की रिपोर्ट तैयार कर प्रिंसिपल सेक्रेटरी और चीफ सेक्रेटरी को भेजी जाएगी। दोषी एजेंसियों पर सख्त कार्रवाई और ब्लैक लिस्टिंग तक की कार्यवाही हो सकती है। गौरतलब है कि पिछले दिनों राऊ-देवास बायपास की खराब सड़क के कारण काफी परेशानी आई थी।
मुख्य सचिव को लिखा पत्र
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि शहर के विकास के लिए यातायात व्यवस्था तथा आवागमन को सुगम बनाने के लिए शासन स्तर से मध्यप्रदेश रोड विकास प्राधिकरण, इन्दौर विकास प्राधिकरण, मेट्रो विभाग तथा नेशनल हॉइवे अथारिटी जैसे विभागों के माध्यम से फलाईओवर ब्रिज परियोजनाओं का कार्य कराया जा रहा है। इस संबंध में पूर्व में भी मध्यप्रदेश रोड विकास प्राधिकरण, इन्दौर विकास प्राधिकरण, मेट्रो विभाग व नेशनल हाइवे अथॉरिटी के साथ समन्वय बैठक बुलाई थी। इसमें निर्माण कार्य को जारी रखते हुए वैकल्पिक मार्गों, सर्विस रोड को आवागमन के लिए अनुकूल बनाए, जिससे कि आम जनता को असुविधा न हो और दुर्घटनाओं पर रोक लगे।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/09/09/letter-2025-09-09-16-33-08.jpg)
पत्र में लिखा विभागों की अकर्मण्यता से हाे रही परेशानी
पत्र में यह भी लिखा है कि इन विभागों की अकर्मण्यता के चलते निमार्णाधीन फलाईओवर्स के वैकल्पिक मार्गों पर गड्ढे होने से दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। शासन, प्रशासन, नगर निगम और मध्यप्रदेश सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह उठ रहे है। आम जनता जानकारी के अभाव में नगर निगम को दोषी मानती है, जबकी इसके लिए उल्लेखित निर्माण एजेंसियां जिम्मेदार हैं। इसके लिए बैठक के माध्यम से इन्हें निर्माणाधीन फलाईओवर्स के वैकल्पिक मार्गों, सर्विस रोड के गड्डों को भरने और आवागमन सुलभ बनाने के लिए कहा गया, लेकिन इनके द्वारा जनता को हो रही असुविधा को अनदेखा किया जा रहा जो की अनुचित है।
बैठक में महापौर ने जताई थी नाराजगी
बैठक में महापौर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि समय पर काम पूरा न होने से न सिर्फ नागरिकों को परेशानी हो रही है, बल्कि निगम और सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। उन्होंने यह भी पाया कि किसी भी ब्रिज पर सूचना बोर्ड नहीं लगाए गए। महापौर ने निर्देश दिए कि तीन दिन के भीतर सभी साइट्स पर बोर्ड लगाए जाएं, जिसमें एजेंसी का नाम और काम की जानकारी दर्ज हो। साथ ही, हर माह प्रगति की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित करने का आदेश भी दिया।
पूर्व निगमाआयुक्त ने भी जताई नाराजगी
तत्कालीन निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने भी एजेंसियों की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यदि निर्देशों का पालन नहीं हुआ और नागरिकों को असुविधा होती रही, तो संबंधित एजेंसियों पर कार्रवाई तय है। साथ ही, इंदौर मेट्रो कार्पोरेशन को शीघ्र सुधारात्मक कार्य पूरे करने के निर्देश दिए गए।
यह खबर भी पढ़ें...इंदौर MYH में चूहों के कुतरने से नवजातों की मौत पर आयुक्त को मिली जांच रिपोर्ट
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में महापौर परिषद सदस्य राजेंद्र राठौर, अभिषेक (बबलू) शर्मा, अपर आयुक्त अभय राजनगवंकर, पीडब्ल्यूडी, आईडीए, एमपीआरडीसी, इंदौर मेट्रो कार्पोरेशन, ब्रिज सेल और नगर निगम के अधिकारी मौजूद रहे।
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें