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इंदौर में कुल 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर में शुरू की गई मेट्रो को आज (31 जुलाई) दो महीने पूरे हो गए हैं। इसकी शुरूआत 31 मई 2025 काे हुई थी। शुरुआत वाले सप्ताह में जहां एक लाख से ज्यादा यात्रियों ने मेट्रो में सफर किया था तो अभी तक में कुल सवा 2 लाख यात्री इसमें सफर कर चुके हैं। इस दौरान यात्री संख्या 500 के आसपास ही रही है। मेट्रो में 25 प्रतिशत रियायत के साथ यात्री 21 सितंबर 2025 तक सफर कर पाएंगे।
यह है पिछले दो महीने की स्थिति
अब मेट्रो में यात्री 25 प्रतिशत रियायत के साथ सफर कर रहे हैं। वहीं, इस जुलाई के महीने में तो मेट्रो को लगभग 21 हजार यात्री ही मिले हैं। जबकि इसके पहले जून महीने की यात्री संख्या 208882 रही है। अकेले जून के महीने में भी आधे लगभग 1 लाख यात्री तो शुरूआत के एक सप्ताह में ही मिल गए थे। अगर दो महीने में मेट्रो को मिले कुल यात्रियों की बात करें तो यह सवा दो लाख के करीब हो रहे हैं।
5 दिन में ही 1 लाख से ज्यादा ने की यात्रा
मेट्रो का शुभारंभ 31 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल से वर्चुअल तरीके से किया था। उसके बाद से एक सप्ताह के लिए इसे फ्री किया गया था। पहले ही दिन 1 जून 2025 को 26803, 2 जून 2025 को 16071, 3 जून 2025 को 19701, 4 जून 2025 को 20534 और 5 जून 2025 को 21179 यात्रियों ने सफर किया था। ऐसे में कुल 5 दिनों में ही 1 लाख 4 हजार 288 यात्रियों ने सफर कर लिया था।
जुलाई में सबसे कम 300 से भी कम रहे यात्री
मेट्रो में सफर करने वाले लोगों में इसका रुझान काफी कम हो चला है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जुलाई के महीने में एक दिन ऐसा भी रहा, जबकि 9 जुलाई 2025 को मेट्रो को 300 से भी कम मात्र 261 यात्री ही मिले थे। वहीं, महीने के कुछ दिन तो ऐसे भी रहे, जबकि यात्री संख्या 500 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई। केवल शनिवार और रविवार दिनों में यात्री संख्या हजार से ऊपर पहुंच पाई है।
देश के प्रमुख शहरों में यह है यात्रियों की स्थिति
देश के बड़े शहरों में मेट्रो संचालन को लेकर जो स्थिति है उसके मुताबिक दिल्ली मेट्रो में प्रतिदिन यात्रियों की संख्या औसतन 60 लाख से अधिक है। मुंबई मेट्रो में प्रतिदिन यात्रियों की संख्या 2025 में लगभग 3 लाख है। जयपुर मेट्रो में प्रतिदिन 50,000 से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। बेंगलुरु मेट्रो में प्रतिदिन यात्रियों की संख्या लगभग 8.5 से 9 लाख हैं और हैदराबाद मेट्रो में प्रतिदिन यात्रियों की संख्या 5 लाख से अधिक है।
नई समय-सारणी लागू और किराया भी बढ़ा
मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPMRCL) ने इंदौर मेट्रो की संचालन व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। यात्रियों की संख्या और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए पिछले दिनों मेट्रो की नई समय-सारणी और किराए की नई दरें घोषित की गई थीं। यह बदलाव 23 जून 2025 से प्रभाव में आ गया था।
21 दिन में पौने दो लाख यात्री मिले
इंदौर मेट्रो का औपचारिक शुभारंभ 31 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उसके बाद से 21 जून तक में कुल 1 लाख 95 हजार 303 यात्रियों ने इसमें सफर किया है। इस दौरान यात्रियों को जहां पहला सप्ताह फ्री राइड मिली थी तो उसके बाद किराए में रियायत मिलती रही। अभी तक यात्रियों को किराए में 75 और 50 प्रतिशत रियायत मिल चुकी है। उसके बाद अब मेट्रो में यात्री टिकिट राशि पर 25 प्रतिशत रियायत के साथ सफर कर रहे हैं।
समय-सारणी में बड़ा बदलाव
इंदौर मेट्रो की नई समय सारणी लागू हो चुकी है।
सोमवार से शुक्रवार:
संचालन समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
सेवा अंतराल: हर 1 घंटे में एक ट्रेन
शनिवार और रविवार:
संचालन समय: सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक (12 घंटे)
सेवा अंतराल: हर 30 मिनट में एक ट्रेन
इस बदलाव के पीछे मेट्रो प्रशासन का कहना है कि सप्ताह के कार्यदिवसों में मेट्रो में यात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है, वहीं सप्ताहांत पर राइडरशिप में बढ़ोतरी देखी गई है। इसीलिए सेवा को "डिमांड बेस्ड" बनाया गया है।
मेट्रो की सवारी हुई थोड़ी महंगी
मेट्रो की परिचालन लागत और विकास परियोजनाओं को ध्यान में रखते हुए किराया बढ़ाया गया है। 22 जून 2025 से इंदौर मेट्रो का किराया भी बढ़ाया जा चुका है। अब:
न्यूनतम किराया: 15 रुपए प्रति व्यक्ति
अधिकतम किराया: 23 रुपए प्रति व्यक्ति
कांग्रेस का आरोप इंदौर मेट्रो सफेद हाथी साबित हुई
मप्र कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने इंदौर मेट्रो ट्रेन को वर्तमान में सफेद हाथी बताया है। भाजपा सरकार को रील बनाने और फीता काटकर वाह–वाही लूटने के तुगलकी शौक ने सरकार के खजाने का बट्टा बिठा दिया है। मेट्रो ट्रेन के नाम पर वोटों की राजनीति करने वाली भाजपा सरकार के गले की हड्डी इंदौर मेट्रो ट्रेन बन गई हैं। सुविधा की जगह चंद फुर्सती लोगों के मनोरंजन के लिए मेट्रो ट्रेन का संचालन 5.9 किलोमीटर में किया जा रहा हैं। बच्चों की नेहरू पार्क की ट्रेन जैसी स्थिति इंदौर मेट्रो ट्रेन की हैं। इन स्टेशनों पर ना यात्री हैं ना वर्तमान में मेट्रो ट्रेन चलाने की आवश्यकता हैं। जब तक मेट्रो ट्रेक पूरा नहीं होता हैं तब तक मेट्रो ट्रेन का संचालन अनुपयोगी प्रयोग है। प्रतिदिन मेट्रो संचालन में लगभग 8 से 10 लाख रुपए का खर्च समस्त व्यवस्थाओं में आ रहा है।