इंदौर में मोयरा सरिया, श्रीधी दूध, कल्याण के बाद और भी ग्रुप होर्डिंग्स घोटाले की मांग रहे छूट

इंदौर में होर्डिंग्स के माध्यम से एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां मोयरा ग्रुप, श्रीधी दूध और कल्याण ग्रुप ने चौराहों पर वाहन चालकों को छांव देने के नाम पर बड़े-बड़े लोहे के स्ट्रक्चर लगाए और उन पर विज्ञापन टांग दिए।

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Sanjay gupta
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 MP News : मध्य प्रदेश के इंदौर ( Indore ) में 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले को तो सालों तक चुपचाप चलाया गया, लेकिन अब यह घोटाला खुलेआम हो रहा है। नगर निगम इंदौर, जो पहले छोटी दुकानों पर लगाए गए होर्डिंग्स को हटाने के लिए काम करता था, अब चुप है। चौराहों पर वाहन चालकों को छांव देने के नाम पर बड़े लोहे के स्ट्रक्चर लगाए गए हैं, जिन पर 300-400 वर्गफीट के विज्ञापन लगे हुए हैं। इन विज्ञापनों को लेकर नगर निगम की चुप्पी है और अधिकारियों ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है। यह घोटाला धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, और कोई भी इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।

इन चौराहों पर इन बड़े ग्रुपों का खेल

  • पलासिया चौराहे पर सबसे बड़ा खेल हुआ है। यहां पर मानव कल्याण सामाजिक संगठन बनाकर छांव के लिए नेट लगाने की मंजूरी ली गई और बदले में करीब 100 बाय 40 वर्गफीट का डोम बना दिया। इसमें कांग्रेस से बीजेपी में आए डॉ. अक्षय कांति बम ने अपने कॉलेज का छोटा विज्ञापन लगाया तो वहीं सबसे ज्यादा श्रीधी दूध कंपनी के नरेंद्र (नितिन जैन) ने जमकर बोर्ड डोम को अपने विज्ञापन से पाट दिया। वही बैनर में अक्षय कासलीवाल, अजय दासुंदी, ओम नमकीन के अनुराग बोथरा, धर्मेंद्र जैन, विनी बड़जात्या, जैनेसिस के मुकेश जैन, अखिलेश कोठारी, प्रगति ग्रुप के नवीन गोधा, राहुल जैन, रितेश चौरड़िया, सचिन भाईजी, मोयरा के संदीप जैन, सुनील जैन इन सभी भी नाम है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव को आभार जताते हुए उनका भी नाम लिखा गया है। यह अभी अन्य और चौराहों की तैयारी कर रहे हैं।

  • हुकमचंद घंटाघर चौराहे पर मोयरा ग्रुप ने खेल किया है। उन्होंने क्राउन पैलेस होटल से घंटाघर चौराहे की ओर आने वाले रोड पर लंबा-चौड़ा स्ट्रक्चर लगाकर उस पर अपने मोयरा सरिया के विज्ञापनों से पाट दिया है। इसी चौराहे पर बाकी तीनों ओर भी स्ट्रक्चर तन गया है, यानी कभी भी विज्ञापन टंग जाएंगे।

  • हाईकोर्ट तिराहे पर तुकोगंज थाने से हाईकोर्ट आने वाले रास्ते पर कल्याण ग्रुप ने अपना स्ट्रक्चर लगाकर विज्ञापन टांग दिए हैं। इसके साथ ही एटरिया लग्जरी डायनिंग ग्रुप के भी नाम और विज्ञापन टंगे हैं। वहीं यहां भी कई स्ट्रक्चर खड़े हैं।

इनके देखादेखी कई ने मांगे चौराहे

इस खेल को देखते हुए अब इंदौर नगर निगम के पास कमर्शियल एक्टिविटी करने वाले 50 से ज्यादा ग्रुप ने नगर निगम से समाजसेवा के नाम पर चौराहे देने की मांग की है। यह वह चौराहे हैं जो इंदौर के प्राइम लोकेशन पर है और यहां पर दिन भर में लाखों वाहन चालक गुजरते हैं। इन सभी ग्रुप को इसमें मोटा फायदा दिख रहा है और खर्चा मात्र ढाई लाख रुपए का है।

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किन शर्त पर निगम ने दी मंजूरी और क्या किया

सबसे पहले जैन ग्रुप मानव कल्याण ने ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव से एप्रोच की और कहा कि हम इंदौर के सभी प्रमुख चौराहों पर हरी नेट लगाकर वाहन चालकों को छांव देना चाहते हैं। निगम से मंजूरी मिल गई। लोहे का बड़ा मजबूत स्थाई स्ट्रक्चर लगा और फिर हरी नेट लगाई, लेकिन नेट फटने लगी, फिर इसी ग्रुप के एक दूध व्यवसाई को विचार आया कि पक्के डोम बनाए जाएं, सभी एग्री हो गए और जब डोम बनकर आए तो इसमें उनके विज्ञापन लगे हुए थे। उनकी देखादेखी फिर मोयरा सरिया, कल्याण ग्रुप ने भी यही खेल कर दिया।

अब क्यों है यह दिनदहाड़े घोटाला

पलासिया चौराहे पर एक सामान्य होर्डिंग्स का मासिक किराया औसतन 6 लाख रुपए है। इसी तरह हर प्राइम चौराहे पर 5-6 लाख रुपए लगता है। यह छोटे बोर्ड का, जो यहां इन्होंने डोम लगाए हैं. उसका एरिया के हिसाब से किराया 30-50 लाख रुपए महीना बनता है। यानी तीन चौराहों पर ही हर महीने 1.5-2 करोड़ रुपए का खेल है। यदि यह चौराहों पर चारों ओर लगते हैं और शहर में सभी प्राइम 50-60 चौराहों पर लगते हैं तो इस घोटाले की गणना आसानी से की जा सकती है। यह घोटाला और दिनदहाड़े हो रहा है, जिस पर महापौर से लेकर निगम अधिकारियों ने आंखे मूंद ली है।

लोकायुक्त में शिकायत की तैयारी

वहीं इस मामले में कुछ लोगों ने द सूत्र को बताया कि यह सरकारी टैक्स चोरी है। इसमें जिसने भी लिखित मंजूरी दी है उसकी जानकारी हम निकाल रहे हैं और बकायदा लोकायुक्त में शिकायत करेंगे। यह करोड़ों की टैक्स चोरी की मिलीजुली सांठगांठ है।

यह बोल रहे निगम अधिकारी

इस मामले में इंदौर निगमायुक्त शिवम वर्मा ने कहा कि इस तरह होर्डिंग्स विज्ञापन की मंजूरी नहीं हैं, केवल धूप से बचने के लिए नेट लगाने की ही बात है। इसकी मैं जानकारी बुलाता हूं कि यह क्या है और किसने किया है। इसमें कार्रवाई की जाएगी। वहीं अपर आयुक्त लता अग्रवाल ने कहा कि जब अधिकारी निर्दैश देंगे तो कार्रवाई करेंगे।

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