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मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) के बाहर बुधवार सुबह 11 बजे से चल रहा धरना प्रदर्शन शुक्रवार सुबह भी जारी है और यह अनवरत है यानी रात से जारी है। ठंड की दो रातें युवाओं ने आयोग के दफ्तर के बाहर सड़क पर ही सो कर बिता दी है। उधर गुरुवार शाम को आयोग के साथ चर्चा विफल होने के बाद नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) के राधे जाट और उनके साथ अरविंद भदौरिया आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
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अब चूड़िया भेंट करेंगे
राधे जाट ने कहा कि हम भजन गा रहे हैं, शांति से अपनी मांग रख रहे हैं, लेकिन आयोग नहीं सुन रहा है। किसी भी मुद्दे पर वह लिखित में कुछ भी देने को तैयार नहीं है। यदि आयोग के हाथ इतने ही बंधे हैं जबकि वह संवैधानिक संस्था है तो फिर इससे बेहतर है कि आयोग चूड़ियां पहन लें, इसलिए हम शुक्रवार दोपहर में आयोग को चूड़ियां भेंट करेंगे। इसके पहले कोचिंग संचालक गोपाल प्रजापत ने गुरुवार को गले में ताला पहनकर प्रदर्शन किया और कहा था कि जो आयोग बच्चों के भविष्य के लिए काम नहीं कर सकता है, उस पर ताला ही लगना चाहिए।
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चर्चा इसलिए हो गई फेल
गुरुवार शाम को आयोग के अंदर राधे जाट व अन्य प्रतिनिधि गए थे, वहां पर उप सचिव, एडीएम, एसडीएम की उपस्थिति में बैठक हुई। इस बैठक में आयोग के चेयरमैन, सदस्य के साथ सचिव नहीं थे। इस बैठक में आयोग की ओर से कुल मिलाकर यही कहना था कि यह सभी मांगे मप्र शासन स्तर की है जो हम उन्हें केवल फारवर्ड कर सकते हैं, फैसला तो वहीं से होना है। आरक्षण का मुद्दा हो, 87-13 फीसदी फार्मूला हो या अन्य मुद्दे। वहीं रही बात प्रक्रियागत सुधार की तो वह जरूर सलाहकार समिति की बैठक में रखे जाएंगे, लेकिन इस पर आंदोलन कर रहे युवा संतुष्ट नहीं हुए और चर्चा फेल हो गई।
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फंड को लेकर आ रही शिकायत
वहीं आंदोलन के बीच में भी फंड को लेकर कुछ लोगों ने गफलत कर दी है। फर्जी क्यूआर कोड भेजकर आंदोलन की मदद के लिए फंड मांगा जा रहा है जो आंदोलन के वास्तविक बैनर एनईवाययू तक पहुंचा ही नहीं। इसके चलते अब NEYU ने सभी को सतर्क रहने के लिए कहा है और साथ ही अपने संगठन का क्यूआर कोड युवाओं को भेजा है। जो लोग खुद की इच्छा से मदद करना चाहते हैं वह इस पर राशि सेंड कर सकते हैं। वहीं कुछ बड़े कोचिंग संस्थानों द्वारा आंदोलन को सहयोग नहीं किया जा रहा है इससे युवाओं में नाराजगी है।
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