इंदौर नगर निगम के रिटायर्ड हेल्थ ऑफिसर डॉ. राजेश कोठारी के खिलाफ इंदौर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने संपत्ति अटैचमेंट की कार्रवाई की है। पीएमएलए 2002 के तहत ईडी ने उन पर यह केस दायर किया था, जिसमें लंबे समय बाद प्रापर्टी अटैच की है। उल्लेखनीय है कि यह मामला साल 2011 का है और डॉ. कोठारी 2017 में ही रिटायर हो चुके हैं।
इतनी संपत्ति अटैच हुई
ईडी द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि इंदौर नगर निगम इंदौर के तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कोठारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले मेंप्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2022 के तहत 1 करोड़ 31 लाख रुपए की अचल संपत्ति को कुर्क (अटैच) किया गया है।
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कोठारी के यहां हुआ था छापा
कोठारी के यहां साल 2011 में लोकायुक्त ने छापा मारा था। उन पर भ्रष्टाचार एक्ट के तहत केस हुआ। इसके बाद ईडी ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया। वह साल 2017 में इंदौर निगम से रिटायर्ड हो गए।
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150 करोड़ के घोटाले में भी जल्द होंगे अटैचमेंट
साल 2024 में इंदौर नगर निगम में 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाला सामने आ चुका है। इसमें ईडी भी सभी आरोपियों के यहां छापे मारकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर चुकी है। इस मामले में सबसे पहले ईडी में केस दर्ज होने का खुलासा द सूत्र ने ही किया था। वहीं द सूत्र ने ही खुलासा किया कि ईडी में इन आरोपियों की संपत्ति की सूची बन गई है और जल्द ही अटैचमेंट की प्रोसेस होगी। इस मामले में भी ईडी से जल्द सूचना सामने आ सकती है। इसमें इंजीनियर अभय राठौर को मुख्य आरोपी माना गया है और इसके साथ ही निगम ऑडिट, अकाउंट विभाग के भी कई कर्मचारी आरोपी है और साथ ही ठेकेदार भी है। बता दें कि राठौर अभी भी जेल में हैं।
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