इंदौर नगर निगम फर्जी बिल घोटाला कर कमाए काली कमाई से 1.18 करोड़ जमा करने की शर्त पर काकू ले आया जमानत, उसके कर्मचारी जेल में ही

इंदौर नगर निगम के 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले के फरार आरोपी एहतेशाम खान को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। उसने जमानत के लिए घोटाले की कमाई से 1.18 करोड़ रुपए जमा करने की शर्त रखी। 

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Sanjay gupta
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इंदौर नगर निगम फर्जी बिल घोटाला
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इंदौर नगर निगम के 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में अनूठा काम हुआ है। घोटाले के बाद से ही फरार चल रहे एहतेशाम खान उर्फ काकू को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। पांच महीने में पुलिस उसे छू भी नहीं पाई और वह घोटाले से की गई कमाई में से ही 1.18 करोड़ रुपए जमा कराने की शर्त पर जमानत ले आया। मजे की बात यह है कि उसकी कंपनी के ही कर्मचारी जेल में है, जिनके नाम से और उसने फर्म बनाई हुई थी। 

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घोटाले से हुई कमाई अब जमानत में लगाई

काकू ने फर्जी फर्म के जरिए निगम में करोडों का भुगतान प्राप्त किया। अब उसने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दिया कि वह 1.18 करोड़ की राशि कोर्ट में जमा कर देगा, साथ ही जांच में पूरा सहयोग करेगा। इस आधार पर उसे जमानत मिली है। वहीं पुलिस और मप्र शासन कोई ठोस दलील ही नहीं रख पाए। 

कौन है काकू

काकू और कोई नहीं बल्कि नगर निगम में भ्रष्टाचार की साक्षात मूर्ति माने जाने वाले व ईडी की जांच में घिरे बेलदार असलम खान का भाई है। काकू ने अपने साथ ही मां व कर्मचारियों इमरान, मौसम के नाम से भी फर्जी कंपनियां बनाई है। यह दोनों 10-15 हजार के वेतन पर इनके यहां काम करते थे। यह दोनों तो जेल में हैं, लेकिन काकू बिना एक दिन जेल में गए ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत ले आया है। 

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ऐसे तो सभी ठेकेदार ले आएंगे जमानत

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बाकी ठेकेदारों के लिए राहत देने वाला है। जिन ठेकेदारों पर जो भी फर्जी बिल के घोटाले लगे हैं। ऐसे में हर कोई इस फैसले का आधार लेकर वह राशि जमा करने की शर्त पर जमानत ले आएगा। वहीं यह घोटाला कागजों पर अभी तक 48 करोड़ रुपए का ही आया, लेकिन निगम की जांच में भी आ चुका है। इसमें सौ करोड़ से ज्यादा के बिल फर्जी व संदिग्ध है। 

ईडी जब्त कर रहा प्रॉपर्टी, फिर कहां से आएगी राशि

उधर ईडी भी इस जांच में आ गया है और केस भी दर्ज कर लिया है, जिसमें काकू के साथ ही अन्य ठेकेदार भी मनी लाण्ड्रिंग एक्ट में आरोपी बन चुके हैं। उधर ईडी इन सभी की संपत्तियों को अटैच कर रहा है। ऐसे में सवाल यह भी आएगा कि जब संपत्तियां अटैच हो रही है तो काकू यह और राशि 1.18 करोड़ रुपए कहां से ला रहा है। यानी साफ है कि काकू पर जो घोटाले के आरोप है, उससे कई गुना ज्यादा की संपत्तियां उसने फर्जीवाड़ा करके कमाई है, जो अभी तक पुलिस और निगम की जांच में रिकार्ड पर भी नहीं आई है। यह गोरखधंधा कोई दो-तीन साल पुराना नहीं है, बल्कि असलम के राज में काकू कई सालों से नगर निगम मे काम कर रहा है।

sanjay gupta

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