इंदौर नगर निगम के गड्‌ढे सुधारने की नई तकनीक से बनी बात, बारिश में पेंचवर्क खराब होने के कांग्रेस के आरोप निकले झूठे

महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा नई तकनीक के जरिए काम कराने की पहल का प्रयोग सफल हो गया है। रविवार 1 सितंबर सुबह इसका प्रयोग हुआ और नई तकनीक से गढ्डे भरवाए गए और दोपहर में ही इसकी परीक्षा तेज बारिश ने ले ली, लेकिन इसके बाद भी गढ्डे नहीं उखड़े।

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
Indore Municipal Corporation
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

INDORE : इंदौर में बारिश के बाद गड्‌ढों से बिगड रही बात अब सुधरते दिख रही है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा नई तकनीक के जरिए काम कराने की पहल का प्रयोग सफल हो गया है। रविवार 1 सितंबर सुबह इसका प्रयोग हुआ और नई तकनीक से गढ्डे भरवाए गए और दोपहर में ही इसकी परीक्षा तेज बारिश ने ले ली, लेकिन इसके बाद भी गढ्डे नहीं उखड़े। इसके बाद इसका प्रयोग अब पूरे शहर में तेजी से करने पर काम शुरू हो गया है।

यह है नई तकनीक

भंडारी मिल तिराहा पर पर्यावरण हितैषी नवीन तकनीक के माध्यम से किए जा यह पेंचवर्क काम हो रहा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव नवीन तकनीक से किए जा रहे सड़क रेस्टोरेशन कार्यों का निरीक्षण कर कंपनी के प्रतिनिधि से रेस्टोरेशन कार्य एवं गुणवत्ता के संबंध में जानकारी भी ली थी। साथ ही  अधिकारियों को सड़क मरम्मत कार्य की गुणवत्ता स्टैथ एवं कार्य की लागत के संबंध में अन्य कंपनी के लागत एवं गुणवत्ता कि तुलना में वित्तीय भार एवं जोखिम के संबंध में जानकारी लेने के भी निर्देश दिए थे। इस नई तकनीक से गड्‌ढे का भरवा दो घंटे में ही मजबूतो हो जाता है।

ं

दो घंटे में सूख जाता है गड्‌ढा

सड़क रेस्टोरेशन कार्य में नई तकनीक के तहत कंप्लीट पीमिक्स पदार्थ में पानी मिलाया जाता है और रेस्टोरेशन के स्थान पर डाला जाता है जो कि 2 से 4 घंटे के अंदर कंप्लीट फिक्स हो जाता है। इको फ्रैण्डली सिस्टम से गड्ढे भरने का ट्रायल किया गया। इस सिस्टम की विशेषता यह है इसमें इस्तेमाल होने वाला सीमेंट स्पेशल केमिकल वाला है जो दो घंटे में ही सूख जाता है। इससे सड़क का दुरस्त हिस्सा दो घंटे बाद ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

ये खबर भी पढ़ें...

केंद्रीय कैबिनेट में इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन को मिली मंजूरी, मुंबई-उज्जैन की दूरी 200 किलोमीटर हो जाएगी कम

इस तरह काम करती है यह तकनीक

इस तकनीक के माध्यम से सबसे पहले गड्ढे का उखड़ा हुआ मटेरियल बाहर निकाला जाता है, इसके बाद जो कंकड़, पत्थर को भी निकालकर गड्ढे को साफ किया जाता है ताकि बेस तैयार हो जाए।, फिर गड्ढे के अंदर भी जो छोटे-बड़े गड्ढे हैं उसे भरने के लिए कंपनी द्वारा तैयार मटेरियल का उपयोग किया जाता है। इसके लिए 25 किलो के मटेरियल में ढाई लीटर लिक्विड मिलाकर कोठी में मटेरियल तैयार किया जाता है। इसमें डामर का उपयोग नहीं होता। खास बात यह इसमें कंपनी द्वारा बनाया गया स्पेशल इको फ्रेण्डली सीमेंट (पॉलीमर स्ट्रेंथ वाला) मिक्स किया जाता है। फिर इलेक्ट्रॉनिक मिक्सर से इसे तैयार कर लेते हैं।  मटेरियल को गड्ढे में भरकर मजदूरों द्वारा समतल ( प्लास्टर ) किया जाता है। इस सीमेंट की खासियत यह है कि दो घंटे में सूख जाता है और तरी नहीं करनी पड़ती। इसके बाद सड़क का हिस्सा ट्रैफिक के लिए उपयोग किया जा सकता है।

ये खबर भी पढ़ें...

इंदौर का BRTS क्यों नहीं हट सकता, भोपाल का तो हट गया, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने उठाया सवाल

कांग्रेस के आरोप झूठे

कांग्रेस ने इस नई तकनीक को लेकर मौके पर निरीक्षण करने की बात कही और गड्‌ढे दिखाते हुए कहा कि यह तकनीक फेल हो गई है। लेकिन दरअसल यह दूसरे गड्‌ढे थे, जिस पर अभी पेंचवर्क किया ही नहीं गया था। रात को खुद निगम अधिकारियों ने जाकर मौके का निरीक्षण किया और महापौर भार्गव और निगमायुक्त शिवम वर्मा को इसकी फोटो भेजी। गड्‌ढों का पेंचवर्क सही था और ट्रैफिक आसानी से निकल रहा था। महापौर भार्गव ने कहा कि नगर निगम लगातार मैदान में है, गड्‌ढों को दूर करने का काम हो रहा है और सबसे पहले चौराहों को ठीक किया जा रहा है जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं हो।

ये खबर भी पढ़ें...

इंदौर में गड्‌ढों पर कांग्रेस ने लगाए पुष्यमित्र ब्यूटी पार्लर के पोस्टर, बोले- सो रहा है नगर निगम

महापौर और निगमायुक्त के दौरे हुए तेज

वहीं महापौर और निगमायुक्त के अब सुबह से शाम तक दौरे तेज हो गए हैं। जल्द ही स्वच्छता सर्वे भी होना है। इसे लेकर दोनों ने कमान संभाल ली है और मौके पर ही खामियां पाए जाने पर जिम्मेदारों को सस्पेंड किया जा रहा है। राज मोहल्ला सब्ज़ी मंडी में फैली अव्यवस्था और गंदगी को देखकर नाराजगी व्यक्त साथ ही बिना सूचना के छुट्टी पर गए ज़ोन क्रमांक 02 (जोनल ऑफिसर) के खिलाफ विधिवत कार्रवाई के निर्देश अपर आयुक्त को दिए वहीं काम में लापरवाही बरतने वाले दरोग़ा को हाजरी मुक्त करने के निर्देश दिए। इसी तरह निगमायुक्त ने भी काम में लापरवाही पर जोन क्रमांक 22 के जोनल अधिकारी दौलत सिंह गुंडिया को तत्काल निलंबित कर दिया।

ये खबर भी पढ़ें...

हुरून इंडिया रिच लिस्ट : मप्र के सबसे अमीरों की सूची में विनोद अग्रवाल नंबर वन तो दिलीप सूर्यवंशी दूसरे नंबर पर, कुल 13 नामों में से 9 इंदौर के

sanjay gupta

Indore News indore rain Pushyamitra Bhargava इंदौर नगर निगम Indore Municipal Corporation